कविताएँ

कविताएँ

कविता एक काव्यात्मक रचना होती है | कविता शब्द का प्रयोग अपेक्षाकृत आकार में छोटे, ऐसे पद्य विशेष के लिए किया जाता है, जो आधुनिक गीति, प्रगीति या मुक्तक के अनेकानेक प्रकारों में से किसी रूप में रचा गया हो।
जखीरा साहित्य संग्रह पर प्रकाशित सभी कविताएँ हमने यहाँ संकलित की है |

  • ये कैसा समय - मनीष वर्मा
  • अगर - मनीष वर्मा
  • उड़ते - उड़ते एक दिन - मनीष वर्मा
  • सभ्यता कहाँ आ गई? कहाँ खड़ा है विश्व? - गोपालदास नीरज
  • तूफान कभी भी मात नहीं खाते - पाश (अवतार सिंह संधू )
  • इससे पहले रात मेरे घर छापा मारे - गुलज़ार
  • घनघोर अशुद्धियां हैं तेरी कविताओं में - यशु जान
  • वो मोहब्ब्त का इक पुजारी लगे - डॉ जियाउर रहमान जाफरी
  • वो चली गई - अशोक बाबु माहौर
  • कविता की नदिया - महावीर उत्तरांचली
  • करवा चौथ - रमेश देव सिंहमार
  • ना दिवाली होती, और ना पठाखे बजते - शकील प्रेम
  • बाल सँवारे मांग निकाले, दुहरा तेरा अचल डाले - मोहम्मद दीन तासीर
  • वे आ रहे है ... - ध्रुव सिंह एकलव्य
  • तीनों बंदर बापू के - बाबा नागार्जुन
  • बिन साजन के सावन कैसा - धर्मेन्द्र राजमंगल
  • दाना मांझी की पत्नी की शव यात्रा - सीताराम गुप्ता
  • ईद मुबारक - केदारनाथ अग्रवाल
  • ऊँचा है पर्वत - अशोक बाबू माहौर
  • अछूत जनता - मृत्युंजय
  • बाकी बच गया अंडा - बाबा नागार्जुन
  • हम तो करेंगे - अशोक चक्रधर
  • गर कलम न छीनी गई तो हिन्दुस्तान बदलकर छोडूँगा! - गोपाल दास नीरज
  • एक आस जगी आज मन में - देवेन्द्र देव
  • एक पगली लड़की - कुमार विश्वास
  • तू जिन्दा है तो जिन्दगी की जीत में यकीन कर - शैलेन्द्र
  • अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए - गोपाल दास नीरज
  • कितना सफर - लीलाधर मंडलोई
  • छू नहीं सकते - शाहिदा हसन
  • कोई दीवाना कहता हैं - कुमार विश्वास
  • अब बुलाऊ भी तुम्हे तो तुम न आना ! - गोपालदास नीरज
  • दिल में उजले कागज़ पर हम कैसा गीत लिखे - राही मासूम रज़ा
  • कारवा गुजर गया, गुबार देखते रहे - गोपालदास नीरज
  • हर कविता मुकम्मल होती है - निदा फ़ाज़ली
  • पागल सी लड़की- देवेन्द्र देव
  • मुजरिम- देवेन्द्र देव
  • अब्बा- देवेन्द्र देव