हम तो करेंगे
गुनह करेंगेपुनह करेंगे।
वजह नहीं
बेवजह करेंगे।
कल से ही लो
कलह करेंगे।
जज़्बातों को
जिबह करेंगे
निर्लज्जों से
निबह करेंगे
सुलगाने को
सुलह करेंगे।
हम ज़ालिम क्यों
जिरह करेंगे
संबंधों में
गिरह करेंगे
रस विशेष में
विरह करेंगे
जो हो, अपनी
तरह करेंगे
रात में चूके
सुबह करेंगे
गुनह करेंगे
पुनह करेंगे
- अशोक चक्रधर
ham to karenge
gunah karengepunah karenge
wajah nahin
bewajah karenge
kal se lo
kalah karenge
jazbato ko
zibah karenge
nirljjo se
nibah karenge
sulgane ko
sulah karenge
ham zalim kyon
zirah karenge
sambandho me
girah karenge
ras vishesh me
virah karenge
jo ho, apni
tarah karenge
raat me chuke
subah karenge
gunah karenge
punah karenge
- Ashok Chakradhar