लघुकथाएँ

लघुकथाएँ

लघुकथाएँ वास्तव में छोटी कहानी न होकर किसी विशेष घटना, विषय या क्षण पर आधारित होती है | यह हिन्दी साहित्य की नवीनतम विधा है जिसका आकार अन्य विधाओं से छोटा होने के कारण बहुत पसंद किया जाता है | लघुकथा की विशेषता यह होती है कि कुछ शब्दों से लेकर कुछ पेरेग्राफ में यह अत्यंत गुढ़ बात कह जाती है | लघुकथा अपने अंत की और बहुत तेजी से बढती है | हिन्दी साहित्य की पहली लघुकथा कथाकार माधव राव सप्रे की "एक टोकरी भर मिट्टी" को माना जाता है परन्तु इस पर अभी भी बहुत कार्य बाकी है और यह शोध का विषय हो सकता है | लघुकथा को स्थापित करने में मुख्यतः हरिशंकर परसाई, विष्णु प्रभाकर, सआदत हसन मंटो जैसे लेखकों का हाथ रहा है |