जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर

जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर

जश्न-ए-आज़ादी हमारे दिलो में देश प्रेम का एक उन्माद लेकर आता है और आज़ादी का यह अहसास अपने आप में बहुत ही खुशी देने वाला है | उर्दू हिंदी शायरों ने इस् अहसास को शायरी में पिरोया है जिसे हम आप के लिए जश्न-ए-आज़ादी पर बेहतरीन शेर का संकलन लेकर आये है:

इक दिया नाम का आज़ादी के
उसने जलते हुए होठो से कहाँ
चाहे जिस मुल्क से गेहूं माँगो
हाथ फ़ैलाने की आज़ादी है
- कैफ़ी आज़मी



ऐ अहल-ए-वतन शाम-ओ-सहर जागते रहना
अग़्यार हैं आमादा-ए-शर जागते रहना
- जाफ़र मलीहाबादी



ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझ पे दिल क़ुर्बान तू ही मेरी आरज़ू तू ही मेरी आबरू तू ही मेरी जान
ऐ मेरे प्यारे वतन ऐ मेरे बिछड़े चमन तुझ पे दिल क़ुर्बान
तू ही मेरी आरज़ू तू ही मेरी आबरू तू ही मेरी जान
- प्रेम धवन



कारवाँ जिन का लुटा राह में आज़ादी की
क़ौम का मुल्क का उन दर्द के मारों को सलाम
- बनो ताहिरा सईद



कोई भारत में अब दुख से तड़पता रह नहीं सकता
गुलामी ऐसी आजादी से अच्छी कह नहीं सकता
किसी के सामने अब अपनी गर्दन झुक नहीं सकती
खुदा चाहे तो भारत की तरक्की रुक नहीं सकती।
- फय्याज ग्वालयरी



क्या मोल लग रहा है शहीदों के ख़ून का
मरते थे जिन पे हम वो सज़ा-याब क्या हुए
- साहिर लुधियानवी



ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा
आज ये जन्नत-निशाँ हिन्दोस्ताँ आज़ाद है
- अमीन सलौनवी



चाहने वालो प्यार में थोड़ी आज़ादी भी लाज़िम है
देखो मेरा फूल ज़ियादा देख-भाल से टूट गया
- मुकेश आलम



जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर | जग से भला संसार से प्यारा दिल की ठंडक आँख का तारा
जग से भला संसार से प्यारा
दिल की ठंडक आँख का तारा
सब से अनोखा सब से न्यारा
दुनिया के जीने का सहारा
प्यारा भारत देस हमारा
- अहमक़ फफूँदवी



जन्नत की ज़िंदगी है जिस की फ़ज़ा में जीना
मेरा वतन वही है मेरा वतन वही है
- अल्लामा इक़बाल



जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली
- कवि प्रदीप



जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर | जय तिरंग ध्वज लहराओ दुर्ग और मीनारों पर
जय तिरंग ध्वज लहराओ
दुर्ग और मीनारों पर
मंदिर और घर द्वारों पर
अंबर के नीले तल पर
सागर के गहरे जल पर
सत्य पताका फहराओ
जय तिरंग ध्वज लहराओ
- रमेश कौशिक



जहाँ लिक्खा है हिन्दुस्तान, हिन्दुस्तान रहने दो
हमारी जान है इसको हमारी जान रहने दो
हमें मज़हब धरम और ज़ात के ख़ानों में मत बाँटो
ख़ुदा के वास्ते इन्सान हैं इन्सान रहने दो
- राम प्रकाश बेखुद



तन-मन मिटाए जाओ तुम नाम-ए-क़ौमीयत पर
राह-ए-वतन पर अपनी जानें लड़ाए जाओ
- लाल चन्द फ़लक



दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
- लाल चन्द फ़लक



दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
- जाफ़र मलीहाबादी



देंगे हम जान इस तिरंगे पर,
अपना ईमान इस तिरंगे पर।
हमको अभिमान इस तिरंगे पर,
देश का मान इस तिरंगे पर।
- अभिषेक कुमार अम्बर



देश है चाँद, उस का नूर है हम
अपनी आज़ादी पे मसरूर है हम
नाम पर उसके दिल धडकता है
यूँ तो हिन्दुस्तान से दूर है हम
- परवेज़ मुजफ्फर



न इंतिज़ार करो इनका ऐ अज़ा-दारो
शहीद जाते हैं जन्नत को घर नहीं आते
- साबिर ज़फ़र



न पूछो हम-सफ़रो मुझ से माजरा-ए-वतन
वतन है मुझ पे फ़िदा और मैं फ़िदा-ए-वतन
- मर्दान अली खां राना



फ़ज़ा की आबरू है परचमे-गर्दूं वक़ार अपना
कि है इस दौर की आज़ाद क़ौमों में शुमार अपना
- तिलोक चंद मरहूम



फ़सादियों से वतन को बचा के रखना है
चिराग़ प्यार का हमको जला के रखना है
न जाने कौन मुसीबत में काम आ जाये
हरेक शख्स से रिश्ता बना के रखना है
- अतुल अजनबी



जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर | फिर पहले जैसा आबाद हो जाऊं मै भी अशफ़ाक और आज़ाद हो जाऊं
फिर पहले जैसा आबाद हो जाऊं
मै भी अशफ़ाक और आज़ाद हो जाऊं
हो जाऊं उधम, राजगुरु और बिस्मिल
वन्दे मातरम की फ़रियाद हो जाऊं
हो मुकम्मल शेर ये वतन के लिए
हर मिशरे पे मै इरशाद हो जाऊं
- आला चौहान मुसाफिर



बारूदों के ढेर पे अपना देश अगर जलता है
जलने दो बस काम सियासत का अपना चलता है
ऐसे नेताओ को पहले सरहद पर पहुचाओ
वतन की आग बुझाओ.... वतन की आग बुझाओ
- अल्लामा इकबाल



मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
- अल्लामा इक़बाल



मर के पाया शहीद का रुत्बा
मेरी इस ज़िंदगी की उम्र दराज़
- जोश मलीहाबादी



मिट्टी की मोहब्बत में हम आशुफ़्ता-सरों ने
वो क़र्ज़ उतारे हैं कि वाजिब भी नहीं थे
- इफ़्तिख़ार आरिफ़



मुसलमाँ और हिन्दू की जान
कहाँ है मेरा हिन्दोस्तान

मैं उस को ढूँढ रहा हूँ
मिरे बचपन का हिन्दोस्तान
न बंगलादेश न पाकिस्तान
मिरी आशा मिरा अरमान
वो पूरा पूरा हिन्दोस्तान
मैं उस को ढूँढ रहा हूँ
- अजमल सुल्तानपुरी



मैं देश में ही ढूँढ़ रहा ऐसे देश को
हाथों में जिसके एक तिरंगा निशान था ।
इस भीड़ में कहीं गिरा है खो गया कहीं
इस देश का कभी जो एक संविधान था ।
- हनुमंत नायडू



मैं ने आँखों में जला रखा है आज़ादी का तेल
मत अंधेरों से डरा रख कि मैं जो हूँ सो हूँ
- अनीस अंसारी



मौत एक बार जब आना है तो डरना क्या है!
हम इसे खेल ही समझा किये मरना क्या है?
- अशफ़ाकउल्ला खां



लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
- फ़िराक़ गोरखपुरी



वतन की ख़ाक से मर कर भी हम को उन्स बाक़ी है
मज़ा दामान-ए-मादर का है इस मिट्टी के दामन में
- चकबस्त ब्रिज नारायण



वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
- जाफ़र मलीहाबादी



वतन से मुहब्बत बेशुमार करते है,
निभातें है रिश्ता वतन से मिट्टी का।
- आकिब जावेद



वो आजादी, बहिश्तों की हवाएं दम भरें जिसका
वो आजादी, फरिश्ते अर्श पर चरचा करें जिसका
हिमालय की तरह दुनिया में आज ऊंचा है सर अपना
कि राज अपना है, काज अपना है, घर अपना है, दर अपना
- फय्याज ग्वालयरी



शहीदों की चिताओं पर जुड़ेंगे हर बरस मेले
वतन पर मरनेवालों का यही बाक़ी निशाँ होगा
- जगदंबा प्रसाद मिश्र हितैषी



जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर | सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
- बिस्मिल अज़ीमाबादी



जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर | सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलिस्ताँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलिस्ताँ हमारा
ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा
- अल्लामा इकबाल



जश्न-ए-आज़ादी पर कुछ बेहतरीन शेर | सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
- अल्लामा इक़बाल



सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद हैं
दिल रखकर हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है
- अदम गोंडवी



हम भी तिरे बेटे हैं ज़रा देख हमें भी
ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से शिकायत नहीं करते
- खुर्शीद अकबर



हम शहीदों को कभी मुर्दा नहीं कहते 'अनीस'
रिज़्क़ जन्नत में मिले शान यहाँ पर बाक़ी
- अनीस अंसारी


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