सभी प्रकाशित नज़्में
जखीरा साहित्य संग्रह पर प्रकाशित सभी नज़्म आपको पढ़ने को मिलेगी |- मैं आदमी हूँ - रहबर प्रतापगढ़ी
- सरकार सो रही है - माधव अवाना
- मुझको अपने बैंक की किताब दीजिए - मंज़र भोपाली
- कहने को है जनता राज - अदीबी मालिगाँवी
- प्यारा हिन्दोस्तान - नजीर बनारसी
- हमारा देस - अहमक़ फफूँदवी
- मेले - जावेद अख़्तर
- आज जाने की ज़िद न करो - फ़य्याज़ हाशमी
- पूरा चाँद निकलता है तो भेड़िया अक्सर रोता है - जमील उस्मान
- औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया - साहिर लुधियानवी
- मै जैसा बचपन में था - मुनीर नियाजी
- ऐसा क्यूँ होता है - ज़ुबैर रिज़वी
- नया शिवाला - अल्लामा इक़बाल
- नया साल - राहत इंदौरी
- 15 अगस्त - शौकत परदेसी
- भारत माता - बेताब अलीपुरी
- मोहब्बत की इंतिहा पर - शारिक़ कैफ़ी
- आमीन नज़्म - गुलज़ार
- इक बरस और कट गया 'शारिक़' - शारिक़ कैफ़ी
- इक शहंशाह ने बनवा के हसीं ताज-महल - शकील बदायुनी
- गाँधी-जयंती- अर्श मलसियानी
- महात्मा-गाँधी - बिस्मिल इलाहाबादी
- गर्मी का मौसम - इस्माइल मेरठी
- हिण्डोला - फ़िराक़ गोरखपुरी
- मेरी रामायण अधूरी है अभी - परवेज़ शहरयार
- साल महीना और दिन - अबरार किरतपुरी
- ये पलके तुम्हारी और उस पर नींदों का पहरा - लवकुश यादव 'अज़ल'
- कश्ती - समर प्रदीप
- जब भी तुम को सोचा है - फ़ारूक़ नाज़की
- ये कश्मीर हमारा है - अर्श मलसियानी
- होली - नज़ीर अकबराबादी
- हम गुनहगार औरतें - किश्वर नाहीद
- बीस घराने हैं आबाद - हबीब जालिब
- महादेव जी का ब्याह - नज़ीर अकबराबादी
- अम्न की ठंडी छाँव में आओ - सय्यदा फ़रहत
- ख़तरे में इस्लाम नहीं - हबीब जालिब
- आँगन - ज़ेहरा निगाह
- तू मेरा है - आनिस मुईन
- बहरूपनी - कैफ़ी आज़मी
- लोग बिल्कुल पतंग जैसे हैं - इक़रा आफ़िया
- पतंग उड़ाने से पहले - शहराम सर्मदी
- किताब (नज़्म) - फैज़ लुधियानवी
- ख़्वाबों का गुलिस्ताँ है तू, अरमानों का चमन - रेख़्ता पटौलवी
- नया साल मुबारक - रेख्ता पटौलवी
- उर्दू - रेख़्ता पटौलवी
- सब की है इक ही तालीम - साहिर लुधियानवी
- हैप्पी क्रिसमस - अताउर्रहमान तारिक़
- क्रिसमस (नज़्म) - हैदर बयाबानी
- बड़ा शहर और तन्हा आदमी - परवेज़ शहरयार
- पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों - सफ़दर हाशमी
- दीवाली 1958 - प्रेम लाल शिफ़ा देहलवी
- जो बोले मारा जाए - जमीलुद्दीन आली
- अलिफ़ लैला - वामिक़ जौनपुरी
- तुम बिल्कुल हम जैसे निकले - फहमीदा रियाज़
- तेरे होंटों के फूलों की चाहत में हम - फैज़ अहमद फैज़
- भारत का अनमोल रतन थे मौलाना आज़ाद - मसूदा हयात
- रक़ीब से! - फैज़ अहमद फैज़
- दीवाली - अबरार किरतपुरी
- दीपावली (नज़्म) - आदिल हयात
- दीपावली - नज़ीर बनारसी
- शायद मिटटी मुझे फिर पुकारे - सारा शगुफ़्ता
- प्रिया दर्शनी इंदरा गाँधी - सितवत रसूल
- चराग़ जब मेरा कमरा नापता है - सारा शगुफ़्ता
- मैं पल दो पल का शायर हूँ - साहिर लुधियानवी
- भूका बंगाल - वामिक़ जौनपुरी
- बोल! अरी ओ धरती बोल! - असरार-उल-हक़ मजाज़ लखनवी
- गाँधी-जयंती पर - कँवल डिबाइवी
- कुछ लोग तुम्हें समझाएँगे - फ़हमीदा रियाज़
- तुम अपनी करनी कर गुज़रो - फैज़ अहमद फैज़
- हिन्दी हिन्दुस्तानी - चंद्रभान कैफ़ी देहल्वी
- उर्दू हिन्दी - जौहर रहमानी
- राखी - मसूदा हयात
- राखी - नज़ीर अकबराबादी
- रोटियाँ - नज़ीर अकबराबादी
- ख़ूब आज़ादी-ए-सहाफ़त है - हबीब जालिब
- हमारे उस्ताद - कैफ़ अहमद सिद्दीकी
- भिखारन - अहमद नदीम कासमी
- अब तो खौफ आता है - हुमैरा राहत
- मौत की तलाशी मत लो - सारा शगुफ़्ता
- दूसरा पहाड़ - सारा शगुफ़्ता
- ईद का चाँद - हफीज़ जालंधरी
- कदम रात के डगमगाते नही - कैफ़ी आज़मी
- मौत का धड़का - नज़ीर अकबराबादी
- होली नई बहार का पैग़ाम लाई है - मुज़फ्फ़र हनफ़ी
- किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी के शीशों से - गुलज़ार
- आज़ादी-ए-वतन - मखदूम मोहिउद्दीन
- हम मेहनतकश मजदूरों से - डॉ. जियाउर रहमान जाफरी
- अनाज - अली सरदार जाफरी
- एक मुश्किल सवाल - परवीन शाकिर
- मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है - अफ़सर मेरठी
- ऐ रौशनियों के शहर - फैज़ अहमद फैज़
- घुट गया अँधेरे का आज दम अकेले में - नज़ीर बनारसी
- उम्मीदे (नज़्म) - शिव शरण बंधू
- सन्नाटा (नज़्म) - मखदूम मोहिउद्दीन
- सड़क बन रही है - सलाम मछली शहरी
- बरियाबी (दर्शन पाना ) नज़्म - मज़रूह सुल्तानपुरी
- जन्मदिन - मोहम्मद अल्वी
- मुझे बद्दुआ न दे - अख़्तर शीरानी
- रिश्वत (नज़्म) - जोश मलीहाबादी
- तुम्हारे खत - निदा फ़ाज़ली
- तारीख के चंद दौर - इब्ने इंशा
- रास्ते तुम से नाराज़ है : मोहम्मद अल्वी
- वक़्त के हमाम में दो नंगे - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- जब आई होली रंग भरी - नज़ीर अकबराबादी
- 'गाँधी' हो या 'ग़ालिब' हो - साहिर लुधियानवी
- उठो हिन्द के बाग़बानो उठो - अली सरदार जाफ़री
- ओ माई - ताहिर फ़राज़
- रोज़ अखबार की सुर्खियाँ देखकर - अज़हरुद्दीन अजहर
- जिस तरह तन झुलसती गर्मी में - गुलज़ार
- चूहों का अचार - नज़ीर अकबराबादी
- दे सकेगा क्या किसी को वो ख़ुशी - बलजीत सिंह बेनाम
- हर इक मकाँ में जला फिर दिया दिवाली का - नज़ीर अकबराबादी
- दिवाली के दीप जले हैं - हैदर बयाबानी
- अव्वल तो दिल में कीजिए पूजन गनेश जी - नज़ीर अकबराबादी
- तेरे खुशबू में बसे खत मैं जलाता कैसे - राजेंद्र नाथ रहबर
- वोट देने से पहले तुम इस बार - शाहीद अंजुम
- मेरी दुनिया के तमाम बच्चे - अदनान कफील दरवेश
- ये किसका लहू है कौन मरा - साहिर लुधियानवी
- देश गान - हामिद अल्लाह अफ़सर मेरठी
- पिछली प्रीत - जाँ निसार अख्तर
- ऐ शरीफ़ इंसानों - साहिर लुधियानवी
- ग़ुर्बत की ठंडी छाँव में याद आई उसकी धूप - कैफी आज़मी
- मैं केसे ईद मनाऊँ - शम्स देवबंदी
- कली का वो मसलना देखा (नज़्म) - शकुंतला सरुपरिया
- ऐ नए साल बता, तुझमें नयापन क्या है - फ़ैज़ लुधियानवी
- कभी कभी बेहद डर लगता है - सज्जाद ज़हीर
- इक दिया नाम का आज़ादी के - कैफी आज़मी
- हमारा झंडा - मजाज़ लखनवी
- तुम मुझे छोड़ के मत जाओ मेरे पास रहो - शबीना अदीब
- वालिद पर फातिहा - निदा फ़ाज़ली
- मज़दूर की अज़मत - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- मैं जो रास्ते पे चल पड़ी - मीना कुमारी नाज़
- तीन औरते - मुहम्मद अल्वी
- आवाज़ दो हम एक हैं - जाँ निसार अख़्तर
- गांधीजी के जन्मदिन पर - दुष्यंत कुमार
- दर्दे-दिल, दर्दे-वफ़ा, दर्दे-तमन्ना क्या है - जाँ निसार अख़्तर
- जश्न-ए-आजादी - फय्याज ग्वालयरी
- ये मेरे शहर को हुआ क्या है ? -देवेन्द्र देव
- हमारा देश - इब्ने इंशा
- मेरे ख़्वाबों के झरोखों को सजाने वाली - साहिर लुधियानवी
- तहलील ( मेरी माँ) अख्तर-उल-ईमान
- यूँ तो गुज़र रहा है हर एक पल खुशी के साथ - निदा फ़ाज़ली
- साल की आख़िरी रात - ज़िया फ़तेहाबादी
- अब हिन्दू भी खतरे में है - निदा फ़ाज़ली
- चिपचिपे दूध से नहलाते है - गुलज़ार
- दुआओं की रात - मीना कुमारी नाज़
- करोगे याद तो हर बात याद आयेगी - बशर नवाज
- नन्ही पुजारन - मजाज़ लखनवी
- मजदूरों का कोरस - कैफ भोपाली
- अलाव - नैय्यर इमाम सिद्दीकी
- औरत और नमक - सारा शगुफ़्ता
- मेरे हिन्दुस्तान - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
- वो ख़ुश्बू बदन थी - स्वप्निल तिवारी आतिश
- कितना अच्छा था वह बचपन - अतीक इलाहाबादी
- हर इंसान बराबर है - मुज़फ्फ़र हनफ़ी
- ज़िंदगी से डरते हो - नून मीम राशिद
- भूका है भोपाल रे बाबा - कैफ भोपाली
- मजबूरी के मौसम में भी जीना पड़ता है - ज़फर गोरखपुरी
- अगरचे देखने में सो रहा था - शमीम फारुकी
- लम्हों का खज़ाना - मीना कुमारी नाज़
- फिर एक दिन ऐसा आयेगा - अली सरदार जाफ़री
- मज़दूर (नज़्म) - सीमाब अकबराबादी
- ए नौजवाने-बेअमल, मायूस क्यों है आजकल - दिलावर फिगार
- पढ़ा लिखा अगर होता खुदा अपना - गुलज़ार
- दायरा (नज़्म) - कैफी आज़मी
- वो बेहद मेहरबा कमरा - जावेद अख्तर
- खुदा ने दिल बनाकर क्या अनोखी शय बनाई है - ज़फर गोरखपुरी
- हम देखेंगे – फैज़ अहमद फैज़
- कोई ये कैसे बताए कि वो तन्हा क्यूँ है - कैफी आज़मी
- मुझसे पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न मांग - फैज़ अहमद फैज़
- आदमी बुलबुला है पानी का - गुलज़ार
- तब देख बहारे होली की - नज़ीर अकबराबादी
- ये तेरा घर ये मेरा घर - जावेद अख्तर
- अभी तो मै जवान हू - हफ़ीज़ जालंधरी
- ये जिन्दगी आज जो तुम्हारे - निदा फ़ाज़ली
- मैं और मेरी तन्हाई - अली सरदार जाफ़री
- क्या दिन थे यारो वह भी थे जबकि भोले भाले - नज़ीर अकबराबादी
- तू मुझे इतने प्यार से मत देख - अली सरदार जाफ़री
- बल्ली मारां की वो पेचीदा दलीलों की-सी गालियाँ - गुलजार
- वह बुढा-सा एक पेड़ - गुलज़ार
- लकीरे - देवेन्द्र देव
- मस्जिद तो अल्लाह की ठहरी - राही मासूम रज़ा
- मेरा नाम मुसलमानों जैसा है - राही मासूम रज़ा
- कभी मोम बन के पिघल गया - अहमद फ़राज़
- हसरत - देवेन्द्र देव
- तुम चली जाओगी परछाइयाँ रह जाएँगी - साहिर लुधियानवी
- मिटटी - निदा फ़ाज़ली
- ग़म - देवेन्द्र देव
- मानी - गुलज़ार
- आखिर इन्सान हूँ मै - देवेन्द्र देव
- ये कुचे, ये गलिया - साहिर लुधियानवी
- माथे पे पसीना लिए वो दो रोटी कमाता होगा - देवेन्द्र देव