आवाज़ दो हम एक हैं
एक है अपनी ज़मीं ,एक है अपना गगनएक है अपना जहाँ, एक है अपना वतन
अपने सभी सुख एक हैं, अपने सभी ग़म एक हैं
आवाज़ दो हम एक हैं
ये वक़्त खोने का नहीं, ये वक़्त सोने का नहीं
जागो वतन खतरे में है, सारा चमन खतरे में है
फूलों के चेहरे ज़र्द हैं, ज़ुल्फ़ें फ़ज़ा की गर्द हैं
उमड़ा हुआ तूफ़ान है, नर्गे में हिन्दोस्तान है
दुश्मन से नफ़रत फ़र्ज़ है, घर की हिफ़ाज़त फ़र्ज़ है
बेदार हो, बेदार हो, आमादा-ए-पैकार हो
आवाज़ दो हम एक हैं
ये है हिमाला की ज़मीं, ताजो-अजंता की ज़मीं
संगम हमारी आन है, चित्तौड़ अपनी शान है
गुलमर्ग का महका चमन, जमना का तट गोकुल का बन
गंगा के धारे अपने हैं, ये सब हमारे अपने हैं
कह दो कोई दुश्मन नज़र उट्ठे न भूले से इधर
कह दो कि हम बेदार हैं, कह दो कि हम तैयार हैं
आवाज़ दो हम एक हैं
उट्ठो जवानाने-वतन, बांधे हुए सर से क़फ़न
उट्ठो दकन की ओर से, गंगो-जमन की ओर से
पंजाब के दिल से उठो, सतलज के साहिल से उठो
महाराष्ट्र की ख़ाक से, देहली की अर्ज़े-पाक से
बंगाल से, गुजरात से, कश्मीर के बाग़ात से
नेफ़ा से, राजस्थान से, कुल ख़ाके-हिन्दोस्तान से
आवाज़ दो हम एक हैं!
हम एक हैं!!
हम एक हैं!!!- जाँ निसार अख़्तर
मायने
नर्गे =घेराबंदी ,बेदार =जागृत;आमादा-ए-पैकार=लढाई के लिए तैयार
Aawaz do ham ek hai
ek hai apni zameen, ek hai apna gaganek hai apna jahaan, ek hai apna watan
apne sabhi sukh ek hai, apne sabhi gham ek hai
Aawaz do ham ek hai
ye waqt khone ka nahi, ye waqt sone ka nahi
jago watan khatre me hai, sara chaman khatre me hai
phoolo ke chehre zard hai, zulfe faza ki gard hai
umda hua tufan hai, narge me hindustaan hai
dushman se nafrat farz hau, ghar ki hifazat farz hai
bedar ho, bedar ho, aamada-e-paikar ho
Aawaz do ham ek hai
ye hai himala ki zameen, tajo-ajanta ki zameen
sangam hamari aan hai, chittod apni shan hai
gulmarg ka mahka chaman, jamna ka tat gokul ka ban
ganga ke dhare apne hai, ye sab hamare apne hai
kah do koi dushman nazar uththe n bhule se idhar
kah do ki ham bedar hai, kah do ki hum taiyar hai
Aawaz do ham ek hai
uththo jawanane-watan, bandhe hue sar se kafan
uththo dakkan ki aur se, gango-jaman ki aur se
panjab ke dil se utho, satlaj ke sahil se utho
maharashtra ki khaq se, dehli ki arje-paak se
bangal se, gujrat se, kashmir ke baagat se
nefa se, rajsthan se, kul khake-hindustaan se
Aawaz do ham ek hai
hum ek hai!!!
hum ek hai!!! - Jaan Nisar Akhtar
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, "समय की बर्बादी या सदुपयोग - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !