मैं और मेरी तन्हाई - अली सरदार जाफ़री

मैं और मेरी तन्हाई आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तनहाई जाएँ तो कहाँ जाएँ हर मोड़ पे रुसवाई ये फूल से चेहरे हैं हँसते हुए गुलदस्ते

मैं और मेरी तन्हाई

आवारा हैं गलियों में मैं और मेरी तनहाई
जाएँ तो कहाँ जाएँ हर मोड़ पे रुसवाई

ये फूल से चेहरे हैं हँसते हुए गुलदस्ते
कोई भी नहीं अपना बेगाने हैं सब रस्ते
राहें हैं तमाशाई रही भी तमाशाई

मैं और मेरी तन्हाई

अरमान सुलगते हैं सीने में चिता जैसे
क़ातिल नज़र आती है दुनिया की हवा जैसे
रोटी है मेरे दिल पर बजती हुई शहनाई

मैं और मेरी तन्हाई

आकाश के माथे पर तारों का चरागाँ है
पहलू में मगर मेरे जख्मों का गुलिस्तां
है आंखों से लहू टपका दामन में बहार आई

मैं और मेरी तन्हाई

हर रंग में ये दुनिया सौ रंग दिखाती है
रोकर कभी हंसती है हंस कर कभी गाती है
ये प्यार की बाहें हैं या मौत की अंगडाई

मैं और मेरी तन्हाई
-अली सरदार जाफ़री


main aur meri tanhai

awara hai galiyon me main aur meri tanhai
jayen to kahan jae har mod pe ruswai

ye phool se chehre hai hanste hue guldaste
koi bhi nahin apna begane hai sab raste
raahe hai tamashai rahi bhi tamashai

main aur meri tanhai

arman sulgate hai seene me chita jaise
qatil nazar aati hai duniya ki hawa jaise
roti hai mere dil par bajti hui shahnai

main aur meri tanhai

aakash ke mathe par taro ka charagan hai
pahlu me magar mere zakhmo ka gulistan
hai aankho se lahu tapka daman me bahar aai

main aur meri tanhai

har rang mein ye duniya sau rang dikhati hai
rokar kabhi hansti hai hans kar kabhi gati hai
ye pyar ki baahe hai ya maut ki angdaai

main aur meri tanhai
- Ali Sardar Jafri

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