उर्दू - रेख़्ता पटौलवी
हिंद की ताजदार है उर्दूइस चमन की बहार है उर्दू
लखनऊ की नज़ाकतों की क़सम
दिलबर-ए -तरहदार है उर्दू
दिल्ली वालों के दिल को लूट लिया
शौख़ चंचल निगार है उर्दू
लाल किले की रौनक़ों की क़सम
जलवा -ए- सदबहार है उर्दू
फ़ख़्र से कह रहा है ताजमहल
इश्क़ की यादगार है उर्दू
रेख़्ती बेगमात की ज़ीनत
शह ज़फ़र का वक़ार है उर्दू
मीर-ओ- ग़ालिब , नज़ीर-ओ- मोमिन क्या
दाग़ का भी क़रार है उर्दू
नासिख़-ओ- मुसहफ़ी , नसीर और ज़ौक़
सैकड़ों का क़रार है उर्दू
यास ,इन्शा हो या अनीस-ओ -दबीर
सारे यारों की यार है उर्दू
आतिश-ओ- दर्द के तसव्वुफ़ की
ख़ूब आईनादार है उर्दू
अख़्तर अकबर जलाल अमीर-ओ- जलील
सबको करती शिकार है उर्दू
उलझे चक़बस्त और जोश-ओ- फ़िराक़
दाम-ए-गेसु -ए- यार है उर्दू
साइल-ओ-बेख़ुद-ओ-रसा उलझे
गेसु -ए- ताबदार है उर्दू
नब्ज़ देखेंगे ड़ॉक्टर इक़बाल
दर्द से बेक़रार है उर्दू
हाली हसरत हफ़ीज़ भी हैं फ़िदा
वो उरुस-ए- बहार है उर्दू
हाँ ! अदम और मजाज़ से पूछो
लज़्ज़त-ए-सदख़ुमार है उर्दू
पूछो अख़्तर शकील -ओ-साहिर से
जान-ए- नग़मानिगार है उर्दू
कैफ़ी मजरूह हसरत-ओ-अंजान
गीतकारों की यार है उर्दू
क़िस्मत-ए- दुख्तर-ए-ब्रज भाषा
दुश्मनी का शिकार है उर्दू
रेख़्ता अहले हिन्द से पूछो
क्यूँ ग़रीबुद्दियार है उर्दू
- रेख़्ता पटौलवी