आमीन
ख्याल, सांस नज़र, सोच खोलकर दे दोलबों से बोल उतारो, जुबां से आवाज़ें
हथेलियों से लकीरें उतारकर दे दो
हाँ, दे दो अपनी 'खुदी' भी की 'खुद' नहीं हो तुम
उतारों रूह से ये जिस्म का हसीं गहना
उठो दुआ से तो 'आमीन' कहके रूह दे दो
- गुलज़ार
Aamin
khyal, saans nazar, soch kholkar de dolabo se bol utaro, zubaaN se aawaje
hathliyon se lakeere utarakar de do
haan, de do apni 'Khudi' bhi ki 'khud' nahin ho tum
utaro rooh se ye jism ka haseen gahna
utho dua se to 'aamin' kahke rooh de do
- Gulzar