करोगे याद तो हर बात याद आयेगी
उर्दू शायरी के बडे शायरो में शुमार किये जाने वाले शायर बशर नवाज साहब का 9 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में निधन हो गया । आपका यह गीत उन्होंने बाजार फिल्म के लिए लिखा था जिससे उन्हें बहुत नाम और शोहरत हासिल हुई ।करोगे याद तो हर बात याद आयेगी
गुज़रते वक्त की हर मोज़ ठहर जायेगी
ये चाँद बीते ज़मानों का आईना होगा
भटकते अब्र में, चहरा कोई बना होगा
उदास राह है कोई दास्तां सुनाएगी
करोगे याद तो हर बात याद आयेगी
बरसता-भीगता मौसम धुआँ-धुआँ होगा
पिघलती शमों पे दिल का मेरे ग़ुमां होगा
हथेलियों की हिना, याद कुछ दिलायेगी
करोगे याद तो हर बात याद आयेगी
गली के मोड़ पे, सूना सा कोई दरवाज़ा
तरसती आँखों से रस्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी
करोगे याद तो हर बात याद आयेगी - बशर नवाज़
karoge yaad to har baat yaad aayegi
karoge yaad to har baat yaad aayegiguzarte waqt ki har maut thahar jayegi
ye chaand beete zamano ka aaina hoga
bhatkate abr me, chahra koi bana hoga
udas raah hai koi dastaan sunayegi
karoge yaad to har baat yaad aayegi
barsata-bheegta mausam dhuaan-dhuaan hoga
pighalati shamo pe dil ka mere gumaan hoga
hatheliyon ki hina, yaad kuchh dilayegi
karoge yaad to har baat yaad aayegi
gali ke mod pe, suna sa koi darwaja
tarsati aankho se rasta kisi ka dekhega
nigaah door talak ja ke laut aayegi
karoge yaad to har baat yaad aayegi - Bashar Nawaz
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, दरोगा, जज से बड़ा - ब्लॉग बुलेटिन , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
करोगे याद तो हर बात याद आयेगी
गुज़रते वक्त की हर मोज़ ठहर जायेगी
करोगे याद तो, हर बात याद आयेगी
गुज़रते वक़्त की, हर मौज ठहर जायेगी
.... सच इंसान एक दिन मर जाता है लेकिन उसकी याद कभी नहीं मरती
शायर बशर नवाज साहब को सादर श्रद्धा सुमन!
गली के मोड़ पर सूना सा कोई दरवाजा
तरसती आंखोँ से रास्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक जा के लौट आएगी
बसर साहब आपको भी निगाहे तलाश रही हे
सुखन का हर लफ्ज दर्द से कराह रहा है ;
ज़िंदगी का सरमाया बड़ी नज़ाकत से पेश किया है;
सुभाष तोंडोळकर २५/५/२०