प्रिया दर्शनी इंदरा गाँधी - सितवत रसूल

प्रिया दर्शनी इंदरा गाँधी

इक लड़की थी कितनी प्यारी
इंदरा उस का नाम

उस का बचपन नट-खट चंचल शोर मचाता गुज़रा
उस का अज़्म क़दम क़दम पर लावा बिन का बिफरा
इक लड़की थी कितनी प्यारी
इंदरा उस का नाम

उस के अंदर कितने तूफ़ानों की रंग भरी शक्ति थी
उस के अंदर मानवता की आग उबलती रहती थी
इक लड़की थी कितनी प्यारी
इंदरा उस का नाम

सामराज से टकराई थी जब उस की बानर सेना
सुख के दिन बीतीं सब के आज़ादी हो दिन रैना
इक लड़की थी कितनी प्यारी
इंदरा उस का नाम

'गाँधी' और 'नेहरू' की विरासत उस बेटी के नाम आई
इस मिट्टी से तिलक रचाओ जिस धरती के काम आई
इक लड़की थी कितनी प्यारी
इंदरा उस का नाम
बच्चो करो प्रणाम
- सितवत रसूल


Priya darshani Indara Gandhi

ek ladki thi kitni pyari
indara us ka nam

us ka bachpan nat-khat chanchal shor machata guzra
us ka azm qadam qadam par lawa bin ka biphra
ek ladki thi kitni pyari
indara us ka nam

us ke andar kitne tufanon ki rang bhari shakti thi
us ke andar manawta ki aag ubalti rahti thi
ek ladki thi kitni pyari
indara us ka nam

samraj se takrai thi jab us ki banar sena
sukh ke din bitin sab ke aazadi ho din raina
ek ladki thi kitni pyari
indara us ka nam

'gandhi' aur 'nehru' ki wirasat us beti ke nam aai
is mitti se tilak rachao jis dharti ke kaam i
ek ladki thi kitni pyari
indara us ka nam
bachcho karo parnam
Sitvat Rasool
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