मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है - अफ़सर मेरठी

मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है

यह आसमां बनाया, सारा जहां बनाया
हिन्दोस्तां बनाया, सारा जहां बनाया

क्या शुक्र हो इलाही सब कुछ अता किया है
मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है

(2)
कानो को भर दिया है, मिटटी में ज़र दिया है
अकसीर कर दिया है, क्या प्यारा घर दिया है

क्या शुक्र हो इलाही सब कुछ अता किया है
मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है

(3)
बरसात आ रही है, झूला झूला रही है
कलिया खिला रही है, दिल को लुभा रही है

क्या शुक्र हो इलाही सब कुछ अता किया है
मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है

(4)
परबत जो एक याँ है, हमदोश आसमां है
कैसा अजब समां है, ऐसी ज़मी कहाँ है

क्या शुक्र हो इलाही सब कुछ अता किया है
मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है

(5)
यह फूस की कुटी है, 'अफसर' की झोपडी है
किस दर्ज़ा सादगी है, राहत की जिंदगी है

क्या शुक्र हो इलाही सब कुछ अता किया है
मेरे वतन को तूने जन्नत बना दिया है
- अफ़सर मेरठी


Mere watan ko tune jannt bana diya hai

yaha aasmaaN banaya, sara jahaN banaya
hindostaaN banaya, sara JahaN banaya

Kya shukr ho ilahi sab kuch ataa kiya hai
mere watan ko tune jannat bana diya hai

(2)
kaano ko bhar diya hai, mitti me zar diya hai
aqseer kar diya hai, kya pyara ghar diya hai

Kya shukr ho ilahi sab kuch ataa kiya hai
mere watan ko tune jannat bana diya hai

(3)
barsaat aa rahi hai, jhula jhula rahi hai
kaliya khila rahi hai, dil ko lubha rahi hai

Kya shukr ho ilahi sab kuch ataa kiya hai
mere watan ko tune jannat bana diya hai

(4)
parbat jo ek yaan hai, hamdosh aasmaaN hai
kaisa ajab samaa hai, aisi zameeN kahaN hai

Kya shukr ho ilahi sab kuch ataa kiya hai
mere watan ko tune jannat bana diya hai

(5)
yah phoos ki kuti hai, 'Afsar' ki jhopdi hai
kis darja sadgi hai, rahat ki zindgi hai

Kya shukr ho ilahi sab kuch ataa kiya hai
mere watan ko tune jannat bana diya hai
- Afsar Merathi

Post a Comment

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post