मिटटी - निदा फ़ाज़ली

मिटटी आओ कही से थोड़ी सी मिटटी भर लाए मिटटी को बादल में गुंधे नए नए आकर बनाए किसी के सर पर चुटिया रख दे माथे ऊपर तिलक सजाये

मिटटी

आओ कही से
थोड़ी सी मिटटी भर लाए
मिटटी को बादल में गुंधे
नए नए आकर बनाए
किसी के सर पर चुटिया रख दे
माथे ऊपर तिलक सजाये
किसी के छोटे से चेहरे पर
मोटी सी दाढ़ी फैलाए
कुछ दिन उनसे जी बहलाए
और ये जब मैले हो जाए
दाढ़ी, चोटी, तिलक सभी को
तोड़-फोड़ के गडमड कर दे

मिली-जुली यह मिटटी फिर से
अलग-अलग सांचो में भर दे

दाढ़ी में चोटी लहराए
चोटी में दाढ़ी छुप जाए
किसमे कितना कौन छुपा है
कौन बताए ? कौन बताए ?
- निदा फ़ाज़ली


Mitti

aao kahi se
thodi si mitti bhar laaye
mitti ko badal me gundhe
naye naye aakar banaye
kisi ke sar par chutiya rakh de
maathe upar tilak sajaye
kisi ke chhote se chehre par
moti si daadhi failaye
kuch din unse ji bahlaye
aur ye jab maile ho jaye
dadhi, choti, tilak sabhi ko
tod-fod ke gadmad kar de

mili-juli yah miti fir se
alag-alag sancho me me bhar de

dadhi me choti lahraye
choti me dadhi chhup jaye
kisme kitna koun chupa hai
koun bataye? koun bataye?
- Nida Fazli

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