कितनी हंसी ठिठोली में - डॉ. जियाउर रहमान जाफरी 

कितनी हंसी ठिठोली में

कितनी हंसी ठिठोली में
दिन बीता है होली में

पड़ गये गिरधर ग्वाल अकेले
राधा की हमजोली में

सारा रा रा शामिल अब है
तेरी मेरी बोली है

उसने जो पिचकारी मारी
रख ली हमने चोली में

मीरा हो गई घायल-घायल
मेरे कान्ह की गोली में

भाग न पाई सखियाँ मेरी
रखी रंग थी झोली में

पूआ लेकर मम्मा बोली
पहले आओ रोली में

जाने कहां छुपी हो सखियाँ
निकल गई मैं कोली में

अब मैं किसको रंग पड़ाता
अपनी खाली खोली में

लिए अबीर आई जो भाभी
भैया बढ़ गये टोली में
- डॉ. जियाउर रहमान जाफरी


kitni hasi thitholi me

kitni hasi thitholi me
din beeta hai holi me

pad gaye girdhar gwal akele
radha ki hamjoli me

sara-ra-ra shamil ab hai
teri meri boli hai

usne jo pichkari mari
rakh li hamne choli me

meera ho gayi ghayal-ghayal
mere kanha ki goli me

bhag n pai sakhiya meri
rakhi rang thi jholi me

pua lekar mamma boli
pahle aao roli me

jane kahan chupi ho sakhiyan
nikal gai mai koli me

ab mai kisko rang padata
aoni khali kholi me

liye abeer aai jo bhabhi
bhaiya badh gaye toli me
- Dr. Zia Ur Rehman Jafri

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