मैं अटल हूँ - पंडित धीरेन्द्र त्रिपाठी
भारत का कण-कण मुझमेंभारत के लक्षण मुझमें
भारत के लिए मैं प्रतिपल हूँ
मैं अटल हूँ, मैं ही अटल हूँ ।
न कभी कहीं डगमगाया
न कभी कहीं सर झुकाया
मैं एक अनोखा बल हूँ
मैं अटल हूँ, मैं ही अटल हूँ ।
नमन करता हूँ मातृभूमि को
नमन करता हूँ जन्मभूमि को
क्योंकि मैं इसी की तरह निर्मल हूँ
मैं अटल हूँ, मैं ही अटल हूँ ।
है धन्यवाद मित्र साथ को तेरे
जो साथ रहा जीवन भर मेरे
मैं भी मृत्यु के बाद स्मृतियों का इक कल हूँ
मैं अटल हूँ, मैं ही अटल हूँ ।
- पंडित धीरेन्द्र त्रिपाठी
main atal hoon
bharat ka kan-kan mujhmebharat ke lakshan mujhme
bharat ke liye mai pratipal hoon
main atal hoon, main hi atal hoon
n kabhi kahin dagmagaya
n kabhi kahin sar jhukaya
main ek anokha bal hoon
main atal hoon, main hi atal hoon
naman karta hoon matrubhumi ko
naman karta hoon janmbhumi ko
kyonki main isi ki tarah nirmal hoon
main atal hoon, main hi atal hoon
hai dhanywaad mitra sath ko tere
jo sath raha jeevan bhar mere
main bhi mrityu ke baad smritiyon ka ek kal hun
main atal hoon, main hi atal hoon
- Pandit Dhirendra Tripathi