तुम न आओ धुप में - केदारनाथ अग्रवाल

तुम न आओ धूप में धरती गरम है फूल पाँवो के बहुत नाजुक नरम है आ सकोगी तुम यहाँ तक यह भरम है

तुम न आओ धुप में

तुम
न आओ
धूप में
धरती गरम है

फूल पाँवो के
बहुत नाजुक
नरम है

आ सकोगी
तुम यहाँ तक
यह भरम है
- केदारनाथ अग्रवाल


tum na aao dhoop me

tum
na
aao
dhoop
me
dharti garam hai

phool paanvo ke
bahut najuk
naram
hai

aa sakogi
tum yaha tak
yah bharam hai
- Kedarnath Agrawal

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