क़िरदार है मेरी - ज़ाहिर अली सिद्दीकी

क़िरदार है मेरी

मैं प्रेमी तू प्यार है मेरी
नायक मै क़िरदार है मेरी
मै शायर अल्फ़ाज़ है मेरी
मैं रागी तू राग है मेरी।।

मै घायल तू कराह है मेरी,
मूरत मै मूर्तिकार है मेरी
नाविक मैं पतवार है मेरी
मैं दरिया तू बहाव है मेरी।।

मैं अंधा तू आँख है मेरी
लँगड़ा मैं तू पैर हूँ मेरी
मैं बहरा तू कान है मेरी
गूंगा मै तू आवाज़ है मेरी।।

मैं राही तू राह है मेरी
अंधेरे में प्रकाश है मेरी
मैं ज्ञानी तू ज्ञान है मेरी
कदमों की पहचान है मेरी।।

यदि भौरा तू कली है मेरी
फूल अग़र खुशबू है मेरी
प्यासा मैं तू प्यास है मेरी
मैं निराश एक आस है मेरी।। - ज़ाहिर अली सिद्दीकी


qiradaar hai meri

main premi tu pyaar hai meri
naayak mai qiradaar hai meri
mai shaayar alphaaz hai meri
main raagii tu raag hai meri..

mai ghaayal tu karaah hai meri,
moorat mai moortikaar hai meri
naavik main patavaar hai meri

main dariyaa tu bahaav hai meri..

main andhaa tu aankh hai meri
langadaa main tu pair hoon meri
main baharaa tu kaan hai meri
goongaa mai tu aavaaz hai meri..

main raahii tu raah hai meri
andhere men prakaash hai meri
main gyani tu gyan hai meri
kadamon ki pahachaan hai meri..

Yadi bhaura tu kali hai meri
fool agar khushaboo hai meri
pyaasa main tu pyaas hai meri
main niraash ek aas hai meri.. - Zahir Ali Siddiqui

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