कल के आने वाले बादल - नारायण लाल परमार

कल के आने वाले बादल नहीं दिखते दूर दूर तक पानी लाने वाले बादल पत्तो की चल रही हवा से क्षण प्रतिक्षण है कानाफूसी मांग रही हँसने गाने का खुशबू अपना हक़ मौरूसी

कल के आने वाले बादल

नहीं दिखते दूर दूर तक
पानी लाने वाले बादल

पत्तो की चल रही हवा से
क्षण प्रतिक्षण है कानाफूसी
मांग रही हँसने गाने का
खुशबू अपना हक़ मौरूसी

आज कभी तक पहुँच न पाए
कल के आने वाले बादल

यद्यपि पेड़ बहुत जंगल में
कोई नहीं बजाता ताली
बाहर-भीतर सन्नाटा है
क्या देखे दर्पण हरियाली

लगता है परदेश जा बसे
मन को भाने वाले बादल

कौन बनाये अभी घोंसला
सोच रहे है कुछ बनपांखी
इन्द्रधनुष आमंत्रित करती
टहनी पर कोयल अमुवा की

आते होंगे जादूगर से
क्षण में छाने वाले बादल
- नारायण लाल परमार


Kal ke aane wale badal

kal ke aane wale badal

nahin dikhte door door tak
pani lane wale badal

patto ki chal rahi hawa se
kshan pratikshan hai kanafusi
maang rahi hansne gane ka
khushboo apna hak maurusi

aaj kabhi tak pahunch n pae
kal ke aane wale badal

yadyapi ped bahut jangal mein
koi nahin bajata taali
baahar-bhitar sannata hai
kya dekhe darpan hariyali

lagta hai pardesh ja base
man ko bhane wale baadal

kaun banaye abhi ghosla
soch rahe hai banpankhi
indradhanush amantrit karti
tahani par koyal amuva ki

aate honge jadugar se
kshan mein chhane wale badal
- Narayan Lal Parmar

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