साजन! होली आई है! - फणीश्वरनाथ रेणु

साजन! होली आई है!

साजन! होली आई है!
सुख से हँसना
जी भर गाना
मस्ती से मन को बहलाना
पर्व हो गया आज-
साजन! होली आई है!
हँसाने हमको आई है!

साजन! होली आई है!
इसी बहाने
क्षण भर गा लें
दुखमय जीवन को बहला लें
ले मस्ती की आग-
साजन! होली आई है!
जलाने जग को आई है!

साजन! होली आई है!
रंग उड़ाती
मधु बरसाती
कण-कण में यौवन बिखराती,
ऋतु वसंत का राज-
लेकर होली आई है!
जिलाने हमको आई है!

साजन! होली आई है!
खूनी और बर्बर
लड़कर-मरकर-
मधकर नर-शोणित का सागर
पा न सका है आज-
सुधा वह हमने पाई है!
साजन! होली आई है!

साजन! होली आई है!
यौवन की जय!
जीवन की लय!
गूँज रहा है मोहक मधुमय
उड़ते रंग-गुलाल
मस्ती जग में छाई है
साजन! होली आई है!
- फणीश्वरनाथ रेणु


sajan! holi aai hai!

sajan! holi aai hai!
sukh se hansna
ji bhar gana
masti se man ko bahlana
parv ho gaya aaj
sajan! holi aai hai!
hansane hamko aai hai!

sajan! holi aai hai!
isi bahane
kshan bhar ga le
dukhmay jeevan ko bahla le
le masti ki aag -
sajan! holi aai hai!
jalane jag ko aai hai!

sajan! holi aai hai!
rang udati
madhu barsati
kan-kan me yauvan bikhrati
ritu vasant ka raaj-
lekar holi aai hai!
jilane hamko aai hai

sajan! holi aai hai!
khuni aur barbar
ladkar-markar-
madhkar nar-shonit ka saagar
paa n saka hai aaj-
sudha wah hamne paai hai!
sajan! holi aai hai!

sajan! holi aai hai!
yauvan ki jay!
jeevan ki jay!
gunj raha hai mohak madhumay
udte rang-gulal
masti jag me chhai hai
sajan! holi aai hai!
- Phanishwarnath Renu

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