अकाल और उसके बाद - बाबा नागार्जुन

अकाल और उसके बाद

कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास
कई दिनों तक कानी कुतिया सोई उनके पास
कई दिनों तक लगी भीत पर छिपकलियों की गश्त
कई दिनों तक चूहों की भी हालत रही शिकस्त।

दाने आए घर के अंदर कई दिनों के बाद
धुआँ उठा आँगन से ऊपर कई दिनों के बाद
चमक उठी घर भर की आँखें कई दिनों के बाद
कौए ने खुजलाई पाँखें कई दिनों के बाद।
- बाबा नागार्जुन (वैद्यनाथ मिश्र)


akal aur uske baad

kai dino tak chulha roya, chakki rahi udaas
kai dino tak kani kutiya soi uske paas
kai dino tak lagi bheet par chhipkaliyon ki gasht
kai dino tak chuho ki bhi halat rahi shikst

dane aaye ghar ke andar kai dino ke baad
dhuaan utha aangan se upar kai dino ke baad
chamak uthi ghar bhar ki aankhe kai dino ke baad
Kaue ne khujlaai pankhe kai dino ke baad
- Baba Nagarjun

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