सपने - अवतार सिंह संधू पाश
सपनेहर किसी को नहीं आते
बेजान बारूद के कणों में
सोई आग के सपने नहीं आते
बदी के लिए उठी हुई
हथेली को पसीने नहीं आते
शेल्फ़ों में पड़े
इतिहास के ग्रंथो को सपने नहीं आते
सपनों के लिए लाज़मी है
झेलनेवाले दिलों का होना
नींद की नज़र होनी लाज़मी है
सपने इसलिए
हर किसी को नहीं आते
- अवतार सिंह संधू पाश
Sapne
har kisi ko nahin aatebezaan barood ke kano mein
soi aag ke sapne nahin aate
badi ke liye uthi hui
hatheli ko paseene nahin aate
shelfo me pade
itihaas ke grantho ko sapne nahin aate
sapno ke liye lazami hai
jhelnewale dilo ka hona
neend ki azar honi lazimi hain
sapne isliye
har kisi ko nahin aate
- Avtaar Singh Sandhu Pash