प्रियतम से
बहुत दिनों तक हुई परीक्षाअब रूखा व्यवहार न हो।
अजी, बोल तो लिया करो तुम
चाहे मुझ पर प्यार न हो॥
जरा जरा सी बातों पर
मत रूठो मेरे अभिमानी।
लो प्रसन्न हो जाओ
गलती मैंने अपनी सब मानी॥
मैं भूलों की भरी पिटारी
और दया के तुम आगार।
सदा दिखाई दो तुम हँसते
चाहे मुझ से करो न प्यार॥ - सुभद्रा कुमारी चौहान
Priyatam Se
bahut dino tak hui parikshaab rukha vyvhaar na ho
aji, bol to liya karo tum
chahe mujh par pyar n ho
jara jara si baato par
mat rutho mere abhimani
lo prasnn ho jao
galti maine apni sab mani
mai bhulo ki bhari pitari
aur daya ke tum aagaar
sada dikhai do tum hansate
chahe mujh se karo n pyar - Subhadra Kumari Chouhan