यह दीया सब को उजाला दे
पार जाएँ हम अँधेरों की विवशता केपार जाएँ हम बाज़ारों की अधमता के
डूबते को नाव भूखों को निवाला दे
हम पढ़ें वह पाठ ऐसे आदमी का हो
ठोकरें खाता शिखर पर चढ़ गया है जो
वह उमंगों की चमकती पाठशाला दे
लिख सकें सारी कथा हम आसमानों की
दमदमाते सब समय सारे ज़मानों की
अग्निमय कुंदन बनी वह वर्णमाला दे।
- नंद चतुर्वेदी
Yah Diya Sab ko Ujala de
par jayen hum andheron ki wiwashta kepar jayen hum bazaron ki adhamta ke
dubte ko naw bhukhon ko niwala de
hum padhen wo path aise adami ka ho
thokren khata sikhar par chadh gaya hai jo
wo umangon ki chamakti pathashala de
likh saken sari katha hum asmanon ki
damadmate sab samay sare zamanon ki
agnimay kundan bani wo warnamala de
- Nand Chaturvedi