आपकी हँसी - रघुवीर सहाय

आपकी हँसी निर्धन जनता का शोषण है कह कर आप हँसे लोकतंत्र का अंतिम क्षण है कह कर आप हँसे सबके सब हैं भ्रष्टाचारी कह कर आप हँसे

आपकी हँसी

निर्धन जनता का शोषण है
कह कर आप हँसे
लोकतंत्र का अंतिम क्षण है
कह कर आप हँसे
सबके सब हैं भ्रष्टाचारी
कह कर आप हँसे
चारों ओर बड़ी लाचारी
कह कर आप हँसे
कितने आप सुरक्षित होंगे
मैं सोचने लगा
सहसा मुझे अकेला पा कर
फिर से आप हँसे
- रघुवीर सहाय


Aapki hansi

nirdhan janta ka shoshan hai
kah kar aap hanse
loktantr ka antim kshan hai
kah kar aap hanse
sabke sab hai bhrastachari
kah kar aap hanse
charo aur badi lachari
kah kar aap hanse
kitne aap surakshit honge
mai sochne laga
sahsa mujhe akela pa kar
phir se aap hanse
- Raghuveer Sahay

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