पानी
इस बिन बस वीरानी हैजीवन कब बिन पानी है
इससे प्यास मिटे तन -मन की
यही कहानी है जीवन की
न हो जल तो सब जल जायें
मूर्छित होकर फिर गिर जायें
पर पानी ये कैसे आये
फ़िक्र से जब ये अपनी जाये
करें हम पानी की बर्बादी
नहीं पेड़ के हम हों आदी
महल बड़े तो पीटते जायें
नहीं एक भी पेड़ लगाएं
बिन पानी हम क्या पायेंगे
एक दिन प्यासे मर जायेंगे
डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री
Pani
is bin bas veerani haijeevan kab bin pani hai
isse pyas mite tan-man ki
yahi kahani hai jeevan ki
n ho jal to sab jal jae
murchhit hokar phir gir jae
par pani ye kaise aae
fikr se jab ye apni jae
kare ham pani ki barbadi
nahi ped ke ham ho aadi
mahal bade to pitte jae
nahi ek bhi ped lagae
bin bani ham kya piyenge
ek din pyase mar jayenge
Dr Zia Ur Rehman Jafri