किताब पर शायरी

किताब पर शायरी

SHARE:

किताब पर शायरी किताबे वो रौशनी है जो हमें अंधेरो से दूर ले जाती है, हमें जिंदगी जीने के सबक सिखाती है | जिंदगी के तमाम पहलु, अहसासात को किताबो में...

किताब पर शायरी

किताबे वो रौशनी है जो हमें अंधेरो से दूर ले जाती है, हमें जिंदगी जीने के सबक सिखाती है | जिंदगी के तमाम पहलु, अहसासात को किताबो में लेखकों शायरों ने अपनी कलम से कहानी, कविता, उपन्यास, शायरी के जरिये लिखा है | यह किताबे ही है जिसकी वजह से हम आज हमारे इतिहास के बारे में पता कर पाते है और टेक्नोलोजी के इतना विकसित होने के पहले किताबे ही ज्ञान अर्जन का एक मात्र माध्यम हुआ करती है जिससे देशो के बीच जानकारी का आदान-प्रदान होता था | आपके लिए पेश है किताब पर लिखे गए बेहतरीन शेरो का संकलन - किताब पर शायरी :


अगर हुज़ूर ने दीवान-ए-मीर देखा हो
हमारा शेर उसी दास्तां का हिस्सा है
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



अजदहा बन के आया मोबाइल
ये किताबें निगल गया कितनी
- अनीस शाह अनीस



अजब होती हैं आँखों की किताबें
इन्हें अनपढ़ भी पढ़ना जानते हैं
- इलियास राहत



अदब नहीं है ये अख़बार के तराशे हैं
गए ज़मानों की कोई किताब दे जाओ
- बशीर बद्र



अनक़़ा होई वो शह के मुसर्रत कहें जिसे
क्या चीज़ फलसफे़ की किताबों में खो गई
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



अना-परस्त है इतना कि बात से पहले
वो उठ के बंद मिरी हर किताब कर देगा
- परवीन शाकिर



अपनी नज़र से देख बरहना हयात को
आंखों से ये किताब की ऐनक हटा के देख
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



अफ़सोस इल्मो फ़न के तलबगार मर गए
रक्खी हैं सब किताबें ख़रीदार मर गए
- आसिफ़ अमान सैफी



अब कहाँ मिलता है ऐसा कोई मासूम ख़याल,
जो किताबों में सजा कर रखे सूखे हुए फूल
- एजाज़ उल हक़ शिहाब




अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें
- अहमद फ़राज़



अब क्या है अर्थ-हीन सी पुस्तक है ज़िंदगी
जीवन से ले गया वो कई दिन निकाल के
- कृष्ण बिहारी नूर



अभी तेरा दौर-ए-शबाब है अभी क्या हिसाब-ओ-किताब है
अभी क्या न होगा जहान में अभी इस जहाँ में हुआ है क्या?
- कलीम आजिज़



आंधी में सिर्फ जिल्द ही हाथों में रह गयी,
मीलों उड़े चले गये पन्ने किताब के
- अनिल गौड़



आदमिय्यत और शय है इल्म है कुछ और शय
कितना तोते को पढ़ाया पर वो हैवाँ ही रहा
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़



इंसान बन गया है 'रज़ा' आदमी से वह
दिल से पढ़ा है जिसने ख़ुदा की किताब को
- सलीम रज़ा रीवा



इक किताब-ए-वजूद है तो सही
शायद इस में दुआ का बाब नहीं
- जौन एलिया



इश्क ऐसी किताब है यारो
पढ़ने वाला ही खुद को हारा है
- सुभाष राहत बरेलवी



उन किताबों को खा गई दीमक
जिनमें रक्खे थे फूल चाहत के
- आबशार आदम



उलट रही थीं हवाएँ वरक़ वरक़ उस का
लिखी गई थी जो मिट्टी पे वो किताब था वो
- ज़ेब ग़ौरी



उस ज़ुल्म का क़िस्सा लम्बा है उस जंग की पुस्तक भारी है
वो जंग जो कब की ख़त्म हुई वो जंग अभी तक जारी है
- सईद अहमद अख़्तर



उसको पढ़ने को जी मचलता है,
हुस्न उसका किताब जैसा है
- आदिल लखनवी



उसे पढ़ के तुम न समझ सके कि मिरी किताब के रूप में
कोई क़र्ज़ था कई साल का कई रत-जगों का उधार था
- ऐतबार साजिद



उसे बात करने का गुर आ गया
किताबें उलटते पलटते हुए
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



ऋग्वेद में अश्लोक हैं या लोक सुनाएँ
बादल घिरे मौसम फिरे पुस्तक जहाँ फूली
- नासिर शहज़ाद



एक चराग़ और एक किताब और एक उमीद-ए-असासा
उस के बा'द तो जो कुछ है वो सब अफ़्साना है
- इफ़्तिख़ार आरिफ़



एक से शे’र हैं किताबों में
ढूँढ लायें, नया सुखन कोई
- नूर मोहम्मद नूर



एक हसीं फ़िरऔन को बज़्म-ए-शेर-ओ-सुख़न में
मेरी ग़ज़लों की पुस्तक तौरात लगी है
- शेर अफ़ज़ल जाफ़री



ऐ मिरी गुल-ज़मीं तुझे चाह थी इक किताब की
अहल-ए-किताब ने मगर क्या तिरा हाल कर दिया
- परवीन शाकिर



ऐ, मेरे मुस्तक़बिल की किताब लिखने वाले
एक पन्ने पे 'ख़ुशी' लिखता और फाड़ ही देता
- सुधीर बल्लेवार मलंग



क़ब्रों में नहीं हम को किताबों में उतारो
हम लोग मोहब्बत की कहानी में मरें हैं
- एजाज तवक्कल



कभी आँखें किताब में गुम हैं
कभी गुम हैं किताब आँखों में
- मोहम्मद अल्वी



कभी तू ख्याल कभी फिक़्र बन के बाब में आ
नयी ग़ज़ल की तरह तू मिरी किताब मे आ
- सुमन ढींगरा दुग्गल



कभी वस्ल में 'मोहसिन' दिल टूटा कभी हिज्र की रुत ने लाज रखी
किसी जिस्म में आँखें खो बैठे कोई चेहरा खुली किताब हुआ
- मोहसिन नक़वी



कमरे में मज़े की रौशनी हो
अच्छी सी कोई किताब देखूँ
- मोहम्मद अल्वी



क़लम और काग़ज़ का हासिल किताबें
किताबों का हासिल किताबों के उश्शाक़
- नवीन जोशी नवा



काग़ज़ की ये महक, ये नशा रूठने को है
ये आख़री सदी है, किताबों से इश्क़ की!
- सऊद उस्मानी



काग़ज़ में दब के मर गए कीड़े किताब के
दीवाना बे-पढ़े-लिखे मशहूर हो गया
- बशीर बद्र



किताब ख़त्म हुई हदसात जारी हैं
मिला न सफा कोई ज़ैब ए दास्तां के लिए
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



किताब खोल के देखूँ तो आँख रोती है
वरक़ वरक़ तिरा चेहरा दिखाई देता है
- अहमद अक़ील रूबी



किताब खोलूँ तो हर्फ़ों में खलबली मच जाए
क़लम उठाऊँ तो काग़ज़ को फैलता देखूँ
- मोहम्मद अल्वी



किताब बाब ग़ज़ल शेर बैत लफ़्ज़ हुरूफ़
ख़फ़ीफ़ रक़्स से दिल पर उभारे मस्त परी
- शहज़ाद क़ैस



किताब-ए-आरज़ू के गुम-शुदा कुछ बाब रक्खे हैं
तिरे तकिए के नीचे भी हमारे ख़्वाब रक्खे हैं
- ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर



किताब-ए-इश्क़ में हर आह एक आयत है
पर आँसुओं को हुरूफ़‌‌‌‌-ए-मुक़त्तिआ'त समझ
- उमैर नजमी



किताब-ए-ज़ीस्त का उनवान बन गए हो तुम
हमारे प्यार की देखो ये इंतिहा साहब
- इन्दिरा वर्मा



किताब-ए-माज़ी के औराक़ उलट के देख ज़रा
न जाने कौन सा सफ़हा मुड़ा हुआ निकले
- वसीम बरेलवी



किताब-ए-हुस्न है तू मिल खुली किताब की तरह
यही किताब तो मर मर के मैं ने अज़बर की
- शाज़ तमकनत



किताबें इतनी महंगी, फीस कुछ इतनी ज्यादा है
न जाने कितने बच्चों की पढाई छूट जाती है
- राम प्रकाश बेखुद



किताबें जिन्हें दे रहीं है सदा
वो बच्चे अभी कार-ख़ानों में है
- नूर इंदौरी



किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाक़ातें नहीं होतीं
जो शामें उन की सोहबत में कटा करती थीं,
- गुलज़ार



किताबें तो पढ़ी लेकिन मफ़हूम न समझ पाया
पूरी उम्र बिता डाली मगर जीना ही नहीं सीखा
- शारिक़ हयात



किताबें धूल खाती है गजल की
प्रकाशन की महामारी से बचिए
- दिनकर राव दिनकर



किताबें फ़ेंक दो दरिया में सारीं
कभी ख़ुद को पढ़ो अच्छा लगेगा
- सिराज फ़ैसल ख़ान



किताबें, रिसाले न अख़बार पढ़ना
मगर दिल को हर रात इक बार पढ़ना
- बशीर‌ बद्र



किताबों के घर लाठिया चल रही हैं
किताबें हुकूमत को क्यों खल रही है
- गुमनाम पिथौरागढ़ी



किताबों से अक़्ल में ज़राफ़त नहीं जाती
तौली तालीम से लियाक़त नहीं जाती
- अमित हर्ष



किताबों से निकलकर तितलियाँ ग़ज़लें सुनाती हैं
टिफ़िन रखती है मेरी माँ तो बस्ता मुस्कुराता है
- सिराज फ़ैसल ख़ान



किधर से बर्क़ चमकती है देखें ऐ वाइज़
मैं अपना जाम उठाता हूँ तू किताब उठा
- जिगर मुरादाबादी



किस इरादे से कौन पढ़ता है
ये भला इक किताब क्या जाने
- कृष्ण कुमार नाज़



किस तरह जमा कीजिए अब अपने आप को
काग़ज़ बिखर रहे हैं पुरानी किताब के
- आदिल मंसूरी



किसी किताब के जैसा मैं अब पड़ा हूँ कोने में
मेरे अज़ीज़ अब मेरा खयाल भी नहीं करते
- गणेश गायकवाड



किसी वक़्त शाम मलाल में मुझे सोचना
कभी अपने दिल की किताब में मुझे देखना
- अदा जाफ़री



कुछ और सबक़ हम को ज़माने ने सिखाए
कुछ और सबक़ हम ने किताबों में पढ़े थे
- हस्तीमल हस्ती



कुछ किताबें इस जहाँ में इस क़दर बदनाम हैं
आदमी का इन किताबों से भरोसा उठ गया
- सारथी बैद्यनाथ



कुछ किताबों से राब्ता है बस
मुझको ले दे के ये नशा है बस
- अमन जोशी अज़ीज़



कुछ तो अपनी निशानिया रख जा
इन किताबो में तितलियाँ रख जा
- अमीर कज़लबाश



कुछ सोचा कुछ समझा कुछ जाना किताब से
लेकिन मैं चलता रहा हूँ अपने हिसाब से
- श्याम शर्मा सागर



कुतुब के ढेर में न हो सहीफ़ा ज़िक्र-ए-यार का
तो क़ाबिल-ए-मुतालिआ' किताब एक भी नहीं
- अनवर शऊर



क़ैन्चियों से जो पर नहीं डरते
वो किताबों से कतरे जाते हैं
- फ़हमी बदायुंनी



'कैफ़' में हूँ एक नूरानी किताब
पढ़ने वाला कम-नज़र है क्या करूँ
- कैफ़ भोपाली



कैसे पढ़ा दिल तुमने हमारा
तुम तो किताबें पढ़ते नहीं थे
- शुऊर खेड़वाला



कैसे बच्चों को बताऊँ रास्तों के पेच-ओ-ख़म
ज़िंदगी-भर तो किताबों का सफ़र मैं ने किया
- वसीम बरेलवी



कोई पढ़े न मेरी दासताँ तुम्हारे सिवा
तुम्हारे मकतबे-ए-दिल की किताब हो जाऊँ
- ग़ौरी अनिल



कोई सूरत किताब से निकले
याद सूखे गुलाब से निकले
- डॉ.समीर कबीर



कौन पढ़ता है यहाँ खोल के अब दिल की किताब
अब तो चेहरे को ही अख़बार किया जाना है
- राजेश रेड्डी



कौन सी किताब में, लिखा है 'सिराज' ,
खरी बातों पे, अपने सलीब पर चढ़ना
- गोविन्द वर्मा सिराज



क्या हाल ख़ल्वतों में है मेरा ना पूछिए
पहरों किया किये हैं किताबों से गुफ़्तुगू
- अली असर बांदवी



खड़ा हूँ आज भी रोटी के चार हर्फ़ लिए
सवाल ये है किताबों ने क्या दिया मुझ को
- नज़ीर बाक़री



ख़ुदा की नज़्मों की किताब सारी काएनात है
ग़ज़ल के शे'र की तरह हर एक फ़र्द फ़र्द है
- बशीर बद्र



खुलते हैं जिस से लोगों पे असरार-ए-बे-ख़ुदी
मेरी किताब-ए-ज़ीस्त का वो बाब और है
- जहाँगीर नायाब



खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं
हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं
- गुलज़ार



खुली किताब थी फूलों-भरी ज़मीं मेरी
किताब मेरी थी रंग-ए-किताब उस का था
- वज़ीर आग़ा



खुली किताब सी है ज़िन्दगी भी यूं मेरी
पता नही उन्हें सच बोलना खल रहा होगा
- आकिब जावेद



खुली किताब हूँ पढ़ना जो चाहे पढ़ ले मुझे
मैं कोई राज़ कोई राज़दाँ नहीं रखता
- पयाम सईदी



खुली किताबनुमा ज़िन्दगी है मेरी 'अक्स'
थपेड़े वक़्त के उसके वरक़ उलटते हैं
- पं. अक्स लखनवी



ख़ुश था उसे पुरानी किताबें दिलाके मैं,
लेकिन उदास था मेरा बच्चा क्लास में
- ज़मीर दरवेश



ख़ुशबुएँ ज़िन्दा किताबों में रहीं,
फूल बस कहने को बेदम हो गए
- सोनरूपा विशाल



खोला उसे तो यादों की खुश्बू बिखर गयी ,
भूले से एक ख़त जो किताबों में रह गया
- सैफुर्रहमान युनूस




गीता सी या कुरआन सी उम्दा किताब बन
बन कुछ ज़िन्दगी में मगर लाजवाब बन
- अजय अज्ञात



गुदाज़ जिस्म कमल होंट मर्मरी बाहें
मिरी तबीअ'त पे लिक्खी किताब या'नी तू
- महशर आफ़रीदी



गो ज़ख़्मों का हिसाब है खुरशीद की ग़ज़ल
इक ख़ुशनुमा किताब है खुरशीद की ग़ज़ल
- ख़ुरशीद खैराड़ी



चंद अंग्रेज़ी किताबों का असर ले डूबा
घर का माहौल ही ऐसा था कि घर ले डूबा
- हसीब सोज़



चाय की प्याली में नीली टेबलेट घोली
सहमे सहमे हाथों ने इक किताब फिर खोली
- बशीर बद्र



चाहे गीता बांचिये, या पढिये कुरआन
मेरी तेरी प्रीत ही हर पुस्तक का ज्ञान
- निदा फ़ाज़ली



चुप है शिकवों की एक बंद किताब
उस से कहने का ढब नहीं आता
- आरज़ू लखनवी



छुपी है अन-गिनत चिंगारियाँ लफ़्ज़ों के दामन में
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल की ये किताब आहिस्ता आहिस्ता
- प्रेम भण्डारी



छोड़िए पूछना हिसाब 'अजय',
पढ़िए दिल की किताब, हैं आँखें
- अजय ढींगरा



जला दीं मैंने ज़ेह्न की किताबें सारी इसलिए
कि दास्तान थी सभी में उसके इंतज़ार की
- इमरान बदायुनी



जवाब दे तो खुले उसकी चाहतों की किताब,
वो ख़ुश मिज़ाज तो है, कमसुख़न ज़्यादा है
- जावेद अकरम



जहाँ भी जिक्र था तेरा मुहब्बत की किताबों में,
सभी पन्ने हिफाज़त से वहीं पर मोड़ आया हूँ
- प्रवीण फ़क़ीर



जाने कहाँ हुई हैं गुम परियों की बातें
कम्प्यूटर में सिमट गयी हैं सभी किताबें,
- असमा सुबहानी



ज़िंदगी पर किताब लिखनी है
मुझको हैरत में डालते रहना
- आदिल रशीद



जितने सह सकता था गम उससे कही बढ़कर मिले
जैसे दसवी की किताबे तीसरी के वास्ते
- अनवर जलालाबादी



जिन किताबों को तुम नहीं पढ़ते
उन किताबों में शायरी हूँ मैं
- डॉ. राकेश जोशी



ज़िन्दगी अपनी खुली किताब सी रखता हूँ मैं
पढ़के देख कभी हर लफ्ज़ साफ़ लिखता हूँ मैं
- डॉ.मज़हर इस्लाम



जिसमे मजहब के हर एक रोग का लिखा है इलाज
वो किताब हमने किसी रिंद के घर देखी है
- गोपाल दास नीरज



जिसे पढ़ते तो याद आता था तेरा फूल सा चेहरा
हमारी सब किताबों में इक ऐसा बाब रहता था
- असअ'द बदायुनी



जिसे मैं लिखता हूँ ऐसे कि ख़ुद ही पढ़ पाँव
किताब-ए-ज़ीस्त में ऐसा भी बाब होता है
- वसीम बरेलवी



जिसे ले गई है अभी हवा वो वरक़ था दिल की किताब का
कहीं आँसुओं से मिटा हुआ कहीं आँसुओं से लिखा हुआ
- बशीर बद्र



जिस्म तो ख़ाक है और ख़ाक में मिल जाएगा
मैं बहर-हाल किताबों में मिलूँगा तुम को
- होश नोमानी रामपुरी



ज़ुबां से चोट लगे और ज़ख़्म भर जाए
किसी किताब में ऐसा बयां नहीं मिलता
- शेषधर तिवारी



जैसे इक कायनात रख दी हो
ख़त तेरा यूं किताब में रखा
- आलोक भदौरिया अर्श



जो किताबों ने किसी दिन पढ़ लिया चेहरा तेरा
हर वरक़ पर अक्स अपने आप उभरेगा तेरा
- शेषधर तिवारी



जो जिंदगी मिली, वो किताबो में लग गई
और शायरी जो कि वो निसाबो में लग गई
- शुजा खावर



जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन
ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखता हूँ
- ज़फ़र सहबाई



तज़्किरा मेरा किताबों में रहेगा ‘कामिल’
भूल जाएँगे मिरे चाहने वाले मुझ को
- कामिल बहज़ादी (मरहूम)



ताक़ में सर आगही से बांध कर रख दीजिए
और फिर सारी किताबें ताक़ पर रख दीजिए
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी




तितली से दोस्ती न गुलाबों का शौक़ है
मेरी तरह उसे भी किताबों का शौक़ है
- चराग़ शर्मा



तुझे किताब से मुमकिन नहीं फ़राग़ कि तू
किताब-ख़्वाँ है मगर साहिब-ए-किताब नहीं
- अल्लामा इक़बाल



तुम किताबों को खंगाले जा रहे हो
ज़िंदगी अख़बार में बिख़री हुई है
- राजेश रेड्डी



तुम पर मैं सहीफ़ा-हा-ए-कोहना
इक ताज़ा किताब रख रहा हूँ
- जौन एलिया



तू किताबों को किसी दिन खोल ना
ज़ख़्म अलफ़ाज़ों ने कितने पाये हैं
- हर्ष अदीब



तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव
मैं तुझे कैसे पढूँगा मुझे किताब तो दे
- राहत इंदौरी



तेरे मिज़्गाँ का झपकना है पलटना सफ़्हा
तेरी आँखों में कोई बात किताबों सी है
- नवीन जोशी नवा



दर्दोग़म की किताब क्या रखना
ज़िन्दगी का हिसाब क्या रखना
- अंसार कम्बरी



दिल कि जिस पर हैं नक़्श-ए-रंगा-रंग
उस को सादा किताब होना था
- जिगर मुरादाबादी



दुनिया से सबक़ लेके ही होता है मुकम्मल
पढ़ने से किताबें कोई ज्ञानी नहीं होता.
- इल्तिफात माहिर



दे दिया कीजिये किताब कोई,
मेरा तोहफ़ा मेरी किताबें हैं
- ज़मीर दरवेश



धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो
- निदा फ़ाज़ली



न कह सको तो, तो ऐसा करना
कि फूल रख कर किताब देना
- नील अहमद



न जाने किसका मुक़द्दर संवरने वाला है
वो एक किताब में चिट्ठी छुपा के निकली है
- तनवीर ग़ाज़ी



न जाने कौन सा चेहरा मिरी किताब का है
न जाने कौन सी सूरत तिरे नुज़ूल की है
- शकील आज़मी



न पढ़ सकूँगा मैं दिल की किताब के पन्ने
भिगो दिये हैं किसी ने हिसाब के पन्ने
- मंसूर अदब पहासवी



नए हाथों में मैं पुस्तक थमा कर
सभी सरहद मिटाना चाहता हूँ
- अंबुज श्रीवास्तो



नहीं है तुमसे कोई भी रिश्ता
चलो हमारी किताब देना
- डॉ. जियाउर रहमान जाफरी



पड़ोस की वो हसीना यहां तक आ पहुंची
हमारी मैज़ से दीवान-ए-मीर गायब है
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



पढ़ चुके जब से किताबें चार हम
भूल बैठे आपसी सब प्यार हम
- गुमनाम पिथौरागढ़ी



पढना है तो इंसान को पढने का हुनर सीख
हर चेहरे पे लिखा है किताबों से ज्यादा
- फारिग़ बुखारी



पढ़ने का शौक़ रखती फ़ूलों सी शोख लड़की
खुशबू भरी किताबें रखता किताब वाला
- व्यंजना पाण्डेय



पढ़ीं जो हमने किताबें नहीं तो क्या हुआ है
दिमाग़ पढ़ना हमें विरसे में मिला हुआ है
- सैफुर्रहमान युनूस



पन्ने भी जिन के वक़्त की दीमक ने खा लिए
तस्दीक़ उन किताबों से ऐ दोस्त कम करो.
- शिवओम मिश्रा



पहले से लिक्खी हुई है हर मुक़द्दर की किताब
हम तो आये और उसकी तर्जुमानी हो गए
- सुधीर बल्लेवार मलंग



पुरानी याद की खोली किताबें
सिकुड़कर रातभर रो ली किताबें
- ख़लिश



पुराने ख़त किताबों में मिले तो यूँ लगा मुझको
कि जैसे 'देव' मलवे से कोई ज़ेवर निकल आये
- देवेश दीक्षित देव



पुस्तकों में उम्र गुज़री बाल भी चाँदी हुए
मेरे ख़ातिर दिल का दरवाज़ा खुला कोई न था
- सत्याधार सत्या



पुस्तकों में, प्रानों में, अर्ज़ों में, आसमानों में
एक नाम की भगती एक क़ौल का कलिमा
- नासिर शहज़ाद



पूछ मत क्या मेरी किताबें हैं,
मेरी दुनिया मेरी किताबें हैं
- ज़मीर दरवेश



फ़क़ीरों को नहीं मतलब तुम्हारी इन किताबों से,
जहाँ पर इश्क़ होता है मोहब्बत हार जाती है.
- वासिफ़ क़मर



फड़फड़ाते हैं खुद ब खुद पन्ने,
खुल गयी हैं किताब सी आंखें
- अनिल गौड़



फ़लसफ़े सारे किताबों में उलझ कर रह गए
दर्स-गाहों में निसाबों की थकन बाक़ी रही
- नसीर अहमद नासिर



फ़ुर्सत कहाँ कि ज़ेहन मसाइल से लड़ सकें
इस नस्ल को किताब न दे इक़्तिबास दे
- मेराज फ़ैज़ाबादी



फूल तुमने जो कभी मुझको दिए थे ख़त में
वो किताबों में सुलगते हैं सवालों की तरह
- फ़िरदौस ख़ान



फूल रक्खे जो किताबों में बहा दोगे तुम
खु़श्बु ए ल़म्स मिटाओ तो कोई बात बने
- डॉ. सुमन सुरभि



बंद आँखों से पढ़ भी सकता हूँ,
तेरा चेहरा किताब जैसा है
- अर्पित शर्मा अर्पित



बंधी हुई है निगाहों पे बर्फ की पट्टी
सुलग रहे हैं किताबों में कागज़ी अल्फ़ाज़
- सलीम सिद्दिक़ी



बचपन की याद फिर से हमें आज आ गई।
जब से मिले हैं फूल ये सूखे किताब से
- निज़ाम फतेहपुरी



बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे
- निदा फ़ाज़ली



बयाज़ै और किताबें हैं काम आएं तो
हमारे घर से दफीना नहीं निकलने का
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



बारूद के बदले हाथों में आ जाए किताब तो अच्छा हो
ऐ काश हमारी आँखों का इक्कीसवाँ ख़्वाब तो अच्छा हो
- ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर



बिखर बिखर सी गई है किताब साँसों की
ये काग़ज़ात ख़ुदा जाने कब कहाँ उड़ जाएँ
- राहत इंदौरी



बिछड़ गया हूँ मगर याद करता रहता हूँ
किताब छोड़ चुका हूँ पढ़ाई जारी है
- अली ज़रयून



बेशक वो फलसफियों जैसी बात करेगा शेरों में
जिस ने भी दो चार किताबें मगरिब की मंगवाली हैं
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



बैसाखियां हटाते ही तहरीर गिर पड़ी
पर झाड़ कर किताब से अल्फाज़ उड़ गए
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



भुला दीं हम ने किताबें कि उस परी-रू के
किताबी चेहरे के आगे किताब है क्या चीज़
- नज़ीर अकबराबादी



मज़मून सूझते हैं हज़ारों नए नए
क़ासिद ये ख़त नहीं मिरे ग़म की किताब है
- निज़ाम रामपुरी



मयकदे क्या आलीशान हुये,
किताबें फुटपाथ पे आ गयीं
- रूपेश श्रीवास्तव काफ़िर



मस्त हुए हैं बच्चे सारे मोबाइल में,
और बस्तें से झाँक रही हैं सभी किताबें,
- असमा सुबहानी



माँ ने सुनाया जबसे किस्सा किताब वाला
हमको लगा तभी से चस्का किताब वाला
- व्यंजना पाण्डेय



मालूम नहीं कि अपना दीवाँ
है मर्सिया या किताब क्या है
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



मिरी नज़र से बयाँ हाल दिल का होता है
तिरा वजूद मुझे इक किताब कर देगा
- पं. अक्स लखनवी



मिरे क़बीले में ता'लीम का रिवाज न था
मिरे बुज़ुर्ग मगर तख़्तियाँ बनाते थे
- लियाक़त जाफ़री



मिरे दिल में इस तरह है तिरी आरज़ू ख़िरामाँ
कोई नाज़नीं हो जैसे जो खुली किताब देखे
- जमील मलिक



मिली न इतनी भी मौहलत के उस को पढ़ लेता
किताब मेरे लिए आसमां से आई थी
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



मुज़फ़्फ़र आलिमों के ख़ून में हिद्दत नहीं होती
सुखा लो तजुर्बे की धुप में बातें किताबों की
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



मुझको दुनिया से 'जफ़र' कौन मिटा सकता है
मैं तो शायर हूँ किताबो में बिखर जाऊंगा
- बहादुर शाह जफ़र



'मुनीर' तेरी ग़ज़ल अजब है
किसी सफ़र की किताब जैसी
- मुनीर नियाज़ी



मेरा घर है कि किताबों से भरे हैं कमरे
सोच ! इसमें भला हथियार कहाँ रखूँगा
- शाहिद जमाल



मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें
मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं
- जौन एलिया



मैं इस गली से यही सोच कर गुज़रता हूँ
किताब-ए-ज़ीस्त का गुम-गश्ता बाब मिल जाए
- जहाँगीर नायाब



मैं उस के बदन की मुक़द्दस किताब
निहायत अक़ीदत से पढ़ता रहा
- मोहम्मद अल्वी



मैं कितनी बार भी पढ़ लूँ किताबे-ज़िन्दगी तुझको
मगर वो ख़ास पन्ना है जो मुझसे छूट जाता है
- सुधीर बल्लेवार मलंग



मैं किताब-ए-ख़ाक खोलूँ तो खुले
क्या नहीं मौजूद क्या मौजूद है
- सरवत हुसैन



मैं किताब-ए-दिल में अपना हाल-ए-ग़म लिखता रहा
हर वरक़ इक बाब-ए-तारीख़-ए-जहाँ बनता गया
- फ़िराक़ गोरखपुरी



मैं किताबों का उठाता बोझ सर पर किसलिए
चाहिए थी एक डिग्री बन गयी जाली यहाँ
- नज़्म सुभाष



मैं किताबों की तरह फिर से मिलूंगा तुमसे
मुझको सफहों की तरह मोड़ के जा सकते हो
- साजिद सफ़दर



मैं तो था मौजूद किताब के लफ़्ज़ों में
वो ही शायद मुझ को पढ़ना भूल गया
- कृष्ण कुमार तूर



मैं वो मअ'नी-ए-ग़म-ए-इश्क़ हूँ जिसे हर्फ़ हर्फ़ लिखा गया
कभी आँसुओं की बयाज़ में कभी दिल से ले के किताब तक
- सलीम अहमद



मैं सोचता हूँ कोई और कारोबार करूँ
किताब कौन ख़रीदेगा इस गिरानी में
- राहत इंदौरी



मौज-ए-बला दीवार-ए-शहर पे अब तक जो कुछ लिखती रही
मेरी किताब-ए-ज़ीस्त को पढ़िए दर्ज हैं सब सदमात के नाम
- मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद



यही जाना कि कुछ न जाना हाए
सो भी इक उम्र में हुआ मालूम
- मीर तक़ी मीर



यूँ आप नेक-नीयत, सुलतान हो गए
सारे हर्फ किताब के, आसान हो गए
- सुशील यादव



यूँ है कि मिल रहा हूँ इक अच्छी किताब से,
फ़ुर्सत नहीं मिलूँ किसी आली जनाब से
- ज़मीर दरवेश



यूं अपनी ज़िन्दगी की इक किताब लिख रही हूँ मैं
जहां जहां सबाब था अजाब लिख रही हूँ मैं
- बिंदु कुलश्रेष्ठ



यूं भी दिल्ली में लोग रहते हैं
जैसे दीवान-ए-मीर चाक शुदा
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



ये इल्म का सौदा, ये रिसाले, ये किताबें
इक शख़्स की यादों को भुलाने के लिए हैं
- जाँ निसार अख़्तर



ये किताब-ए-दिल की हैं आयतें मैं बताऊँ क्या जो हैं निस्बतें
मिरे सज्दा-हा-ए-दवाम को तिरे नक़्श-हा-ए-ख़िराम से
- जिगर मुरादाबादी



ये किताबें है ज़िन्दगी से ख़लिश
ज़िन्दगी कब किसी किताब सी है
- अनंत नांदुरकर ख़लिश



ये जो ज़िंदगी की किताब है ये किताब भी क्या किताब है
कहीं इक हसीन सा ख़्वाब है कहीं जान-लेवा अज़ाब है
- राजेश रेड्डी



ये पहाड़ है मिरे सामने
कि किताब मंज़र-ए-आम पर
- मुनीर नियाज़ी



ये बात कडवी है लेकिन यही हक़ीक़त है
है जिस का नाम वफ़ा वो किताब धोका है
- आदिल रशीद



ये माना इल्म तो हासिल किताबों से ही होता है,
तजुर्बे ज़िन्दगी के पर हमें जीना सिखाते हैं
- अमर जी विश्वकर्मा



ये शाइ'री ये किताबें ये आयतें दिल की
निशानियाँ ये सभी तुझ पे वारना होंगी
- मोहसिन नक़वी



रख दी है उस ने खोल के ख़ुद जिस्म की किताब
सादा वरक़ पे ले कोई मंज़र उतार दे
- प्रेम कुमार नज़र



रखा कभी गुलाब था उसने किताब में
वो ही सुकूँने दिल है शबे इज़्तिराब मे
- मंजु सक्सेना



रहता था सामने तिरा चेहरा खुला हुआ
पढ़ता था मैं किताब यही हर क्लास में
- शकेब जलाली



रहते हैं किताबों में भी बुकमार्क की तरह
इस दौर के फूलों को ये मालूम ही नहीं
- के. पी. अनमोल



लफ्ज़ से इक किताब होने तक
वक़्त लगता जनाब होने तक
- महेश कुमार कुलदीप माही



लिख लिख के अश्क ओ ख़ूँ से हिकायात-ए-ज़िंदगी
आराइश-ए-किताब-ए-बशर कर रहे हैं हम
- रईस अमरोहवी



लिखा था जिस किताब में कि इश्क तो हराम है
हुई वही किताब गुम बडी हसीन रात थी
- सुदर्शन फाक़िर



लुटती हे बार बार मुज़फ़्फ़र की कायनात
दीवान फिर कोई बग़ल में दाब ले गया
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



वतन के इश्क़ में जो लोग सूली चढ़ गए हंसकर
सुना है ज़िक्र उनका अब किताबों में नहीं आता
- अब्दुल ग़नी नायकोडी



वफ़ा नज़र नहीं आती कहीं ज़माने में
वफ़ा का ज़िक्र किताबों में देख लेते हैं
- हफ़ीज़ बनारसी



वरक़ वरक़ पे मसाइल का क्या हिसाब लिखूँ
मैं ज़िन्दगी की मुकम्मल कोई किताब लिखूँ
- पं. अक्स लखनवी



वरक़-वरक़ पे वो लिक्खा गया, पढ़ा भी गया
मगर कभी भी मुकम्मल किताब हो न सका
- देवेन्द्र गौतम



वही फ़िराक़ की बातें वही हिकायत-ए-वस्ल
नई किताब का एक इक वरक़ पुराना था
- इफ़्तिख़ार आरिफ़



वो चेहरा हाथ में ले कर किताब की सूरत
हर एक लफ़्ज़ हर इक नक़्श की अदा देखूँ
- ज़फ़र इक़बाल



वो जिस ने देखा नहीं इश्क़ का कभी मकतब
मैं उस के हाथ में दिल की किताब क्या देता
- अफ़ज़ल इलाहाबादी



वो जो बैठा है महफिल में हुलिया आलीशान बनाए
मेरी गज़लों की कतरन से उस ने भी दीवान बनाए
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



शरह-ए-ग़म हाए बे-हिसाब हूँ मैं
लिखने बैठूँ तो इक किताब हूँ मैं
- साक़ी अमरोहवी



सफ़्हा सफ़्हा एक किताब-ए-हुस्न सी खुलती जाएगी
और उसी की लय में फिर मैं तुम को अज़बर कर लूँगा
- अमजद इस्लाम अमजद



सब किताबों के खुल गए मअ'नी
जब से देखी 'नज़ीर' दिल की किताब
- नज़ीर अकबराबादी



सब किताबों को पढ़ लिया बेशक़,
आपने दिल मेरा पढ़ा ही नहीं
- पवन मुंतज़िर



सबक़ किताब का पक्का नहीं किया मैंने
अभी समझना है जीवन का फ़लसफ़ा मैंने
- साबिर आफ़ाक़



सुकून ए दिल की ख़ातिर आप इनको देखते रहिये
किताबें, फूल ,कलियाँ, चांदनी,अशआर ,तस्वीरें
- डॉ. असद निज़ामी



सुरमे का तिल बना के रुख़-ए-ला-जवाब में
नुक़्ता बढ़ा रहे हो ख़ुदा की किताब में
- क़मर जलालवी



हद से बढ़े जो इल्म तो है जहल दोस्तो
सब कुछ जो जानते हैं वो कुछ जानते नहीं
- ख़ुमार बाराबंकवी



हम ऐसी कुल किताबें क़ाबिल-ए-ज़ब्ती समझते हैं,
कि जिन को पढ़ के लड़के बाप को ख़ब्ती समझते हैं
- अकबर इलाहाबादी



हम ऐहले अदब के, यही दायरे हैं,
किताबों से निकले, रिसालों में आए
- अंजुम लुधियानवी



हम ने अव्वल से पढ़ी है ये किताब आख़िर तक
हम से पूछे कोई होती है मोहब्बत कैसी
- अल्ताफ़ हुसैन हाली



हम पे नाज़िल हुआ सहीफ़ा-ए-इश्क़
साहिबान-ए-किताब हैं हम लोग
- जिगर मुरादाबादी



हमने जाना है ठोकरें खा कर
तजरुबे से बड़ी किताब नहीं
- शमशाद शाद



हमारा इल्म तो मरहून-ए-लौह-ए-दिल है मियाँ
किताब-ए-अक़्ल तो बस ताक़ पर धरी हुई है
- इरफ़ान सत्तार



हमें पढ़ाओ न रिश्तों की कोई और किताब
पढ़ी है बाप के चेहरे की झुर्रियाँ हम ने
- मेराज फ़ैज़ाबादी



हमें भी पढ़ लिया कीजे, किताबों में नहीं हैं हम
ज़रा नज़र-ए-करम कीजे, हिजाबों में नहीं हैं हम
- सचिन मेहरोत्रा



हर इक क़यास हक़ीक़त से दूर-तर निकला
किताब का न कोई दर्स मो'तबर निकला
- फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी



हर जामा ज़ैब तेरी नज़र में समा गया
चहरे खुली किताब तेरे वास्ते नहीं
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



हर दम इल्म सिखाती है
अक़्ल के राज़ बताती है
प्यारा नाम किताब है उस का
मा'लूमात बढ़ाती है
- फैज़ लुधियानवी



हर लम्हा-ए-हयात का इसमें हिसाब है,
तेरा नसीब तेरे अमल की किताब है
- सिराज अमर ओबेराए



हर हाथ में है ज्ञान की पुस्तक मगर 'अंजुम'
इस दौर का इंसान भी बू-जहल रहा है
- अंजुम अब्बासी



हर्फ़ जब तैर जाते हैं,किताबों से दिमाग़ों में
क़िताबें कश्तियाँ बन जाती हैं उस पार जाने को
- नरोत्तम शर्मा



हुनर बताके किताबों में आ गए होते
मेरे चराग़ हवाओं में आ गए होते
- एजाज़ शेख़



है क़ीमती ये किताब-ए-हस्ती
सँभाल कर ये किताब रखना
- शमशाद शाद



होती है जियारत उनकी तो बस ख्वाबों में,
मिलते है सूखे गुलाब जैसे किताबो में
- शाहरुख मोईन


किताब पर शायरी, किताब शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, पुस्तक शायरी, किताब पर शेर, किताबों पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी, किताब पर शायरी

COMMENTS

BLOGGER
Name

a-r-azad,1,aadil-rasheed,1,aaina,4,aalam-khurshid,2,aale-ahmad-suroor,1,aam,1,aanis-moin,6,aankhe,4,aansu,1,aas-azimabadi,1,aashmin-kaur,1,aashufta-changezi,1,aatif,1,aatish-indori,6,aawaz,4,abbas-ali-dana,1,abbas-tabish,1,abdul-ahad-saaz,4,abdul-hameed-adam,3,abdul-malik-khan,1,abdul-qavi-desnavi,1,abhishek-kumar,1,abhishek-kumar-ambar,5,abid-ali-abid,1,abid-husain-abid,1,abrar-danish,1,abrar-kiratpuri,3,abu-talib,1,achal-deep-dubey,2,ada-jafri,2,adam-gondvi,11,adibi-maliganvi,1,adil-hayat,1,adil-lakhnavi,1,adnan-kafeel-darwesh,2,afsar-merathi,4,agyeya,5,ahmad-faraz,13,ahmad-hamdani,1,ahmad-hatib-siddiqi,1,ahmad-kamal-parwazi,3,ahmad-nadeem-qasmi,6,ahmad-nisar,3,ahmad-wasi,1,ahmaq-phaphoondvi,1,ajay-agyat,2,ajay-pandey-sahaab,3,ajmal-ajmali,1,ajmal-sultanpuri,1,akbar-allahabadi,6,akhtar-ansari,2,akhtar-lakhnvi,1,akhtar-nazmi,2,akhtar-shirani,7,akhtar-ul-iman,1,akib-javed,1,ala-chouhan-musafir,1,aleena-itrat,1,alhad-bikaneri,1,ali-sardar-jafri,6,alif-laila,63,allama-iqbal,10,alok-dhanwa,2,alok-shrivastav,9,alok-yadav,1,aman-akshar,2,aman-chandpuri,1,ameer-qazalbash,2,amir-meenai,3,amir-qazalbash,3,amn-lakhnavi,1,amrita-pritam,3,amritlal-nagar,1,aniruddh-sinha,2,anjum-rehbar,1,anjum-rumani,1,anjum-tarazi,1,anton-chekhav,1,anurag-sharma,3,anuvad,2,anwar-jalalabadi,2,anwar-jalalpuri,6,anwar-masud,1,anwar-shuoor,1,aqeel-nomani,2,armaan-khan,2,arpit-sharma-arpit,3,arsh-malsiyani,5,arthur-conan-doyle,1,article,57,arvind-gupta,1,arzoo-lakhnavi,1,asar-lakhnavi,1,asgar-gondvi,2,asgar-wajahat,1,asharani-vohra,1,ashok-anjum,1,ashok-babu-mahour,3,ashok-chakradhar,2,ashok-lal,1,ashok-mizaj,9,asim-wasti,1,aslam-allahabadi,1,aslam-kolsari,1,asrar-ul-haq-majaz-lakhnavi,10,atal-bihari-vajpayee,5,ataur-rahman-tariq,1,ateeq-allahabadi,1,athar-nafees,1,atul-ajnabi,3,atul-kannaujvi,1,audio-video,59,avanindra-bismil,1,ayodhya-singh-upadhyay-hariaudh,6,azad-gulati,2,azad-kanpuri,1,azhar-hashmi,1,azhar-sabri,2,azharuddin-azhar,1,aziz-ansari,2,aziz-azad,2,aziz-bano-darab-wafa,1,aziz-qaisi,2,azm-bahjad,1,baba-nagarjun,4,bachpan,9,badnam-shayar,1,badr-wasti,1,badri-narayan,1,bahadur-shah-zafar,7,bahan,9,bal-kahani,5,bal-kavita,108,bal-sahitya,115,baljeet-singh-benaam,7,balkavi-bairagi,1,balmohan-pandey,1,balswaroop-rahi,3,baqar-mehandi,1,barish,16,bashar-nawaz,2,bashir-badr,27,basudeo-agarwal-naman,5,bedil-haidari,1,beena-goindi,1,bekal-utsahi,7,bekhud-badayuni,1,betab-alipuri,2,bewafai,15,bhagwati-charan-verma,1,bhagwati-prasad-dwivedi,1,bhaichara,7,bharat-bhushan,1,bharat-bhushan-agrawal,1,bhartendu-harishchandra,3,bhawani-prasad-mishra,1,bhisham-sahni,1,bholenath,7,bimal-krishna-ashk,1,biography,38,birthday,4,bismil-allahabadi,1,bismil-azimabadi,1,bismil-bharatpuri,1,braj-narayan-chakbast,2,chaand,5,chai,14,chand-sheri,7,chandra-moradabadi,2,chandrabhan-kaifi-dehelvi,1,chandrakant-devtale,5,charagh-sharma,2,charkh-chinioti,1,charushila-mourya,3,chinmay-sharma,1,christmas,4,corona,6,d-c-jain,1,daagh-dehlvi,18,darvesh-bharti,1,daughter,16,deepak-mashal,1,deepak-purohit,1,deepawali,22,delhi,3,deshbhakti,43,devendra-arya,1,devendra-dev,23,devendra-gautam,7,devesh-dixit-dev,11,devesh-khabri,1,devi-prasad-mishra,1,devkinandan-shant,1,devotional,7,dharmveer-bharti,2,dhoop,4,dhruv-aklavya,1,dhumil,3,dikshit-dankauri,1,dil,144,dilawar-figar,1,dinesh-darpan,1,dinesh-kumar,1,dinesh-pandey-dinkar,1,dinesh-shukl,1,dohe,4,doodhnath-singh,3,dosti,27,dr-rakesh-joshi,2,dr-urmilesh,2,dua,1,dushyant-kumar,16,dwarika-prasad-maheshwari,6,dwijendra-dwij,1,ehsan-bin-danish,1,ehsan-saqib,1,eid,14,elizabeth-kurian-mona,5,faheem-jozi,1,fahmida-riaz,2,faiz-ahmad-faiz,18,faiz-ludhianvi,2,fana-buland-shehri,1,fana-nizami-kanpuri,1,fani-badayuni,2,farah-shahid,1,fareed-javed,1,fareed-khan,1,farhat-abbas-shah,1,farhat-ehsas,1,farooq-anjum,1,farooq-nazki,1,father,12,fatima-hasan,2,fauziya-rabab,1,fayyaz-gwaliyari,1,fayyaz-hashmi,1,fazal-tabish,1,fazil-jamili,1,fazlur-rahman-hashmi,10,fikr,4,filmy-shayari,9,firaq-gorakhpuri,8,firaq-jalalpuri,1,firdaus-khan,1,fursat,3,gajanan-madhav-muktibodh,5,gajendra-solanki,1,gamgin-dehlavi,1,gandhi,10,ganesh,2,ganesh-bihari-tarz,1,ganesh-gaikwad-aaghaz,1,ganesh-gorakhpuri,1,garmi,9,geet,2,ghalib-serial,1,gham,2,ghani-ejaz,1,ghazal,1200,ghazal-jafri,1,ghulam-hamdani-mushafi,1,girijakumar-mathur,2,golendra-patel,1,gopal-babu-sharma,1,gopal-krishna-saxena-pankaj,1,gopal-singh-nepali,1,gopaldas-neeraj,8,gopalram-gahmari,1,gopichand-shrinagar,2,gulzar,17,gurpreet-kafir,1,gyanendrapati,4,gyanprakash-vivek,2,habeeb-kaifi,1,habib-jalib,6,habib-tanveer,1,hafeez-jalandhari,3,hafeez-merathi,1,haidar-ali-aatish,5,haidar-ali-jafri,1,haidar-bayabani,2,hamd,1,hameed-jalandhari,1,hamidi-kashmiri,1,hanif-danish-indori,1,hanumant-sharma,1,hanumanth-naidu,2,harendra-singh-kushwah-ehsas,1,hariom-panwar,1,harishankar-parsai,7,harivansh-rai-bachchan,8,harshwardhan-prakash,1,hasan-abidi,1,hasan-naim,1,haseeb-soz,2,hashim-azimabadi,1,hashmat-kamal-pasha,1,hasrat-mohani,3,hastimal-hasti,5,hazal,2,heera-lal-falak-dehlvi,1,hilal-badayuni,1,himayat-ali-shayar,1,hindi,21,hiralal-nagar,2,holi,29,humaira-rahat,1,ibne-insha,8,ibrahim-ashk,1,iftikhar-naseem,1,iftikhar-raghib,1,imam-azam,1,imran-aami,1,imran-badayuni,6,imtiyaz-sagar,1,insha-allah-khaan-insha,1,interview,1,iqbal-ashhar,1,iqbal-azeem,2,iqbal-bashar,1,iqbal-sajid,1,iqra-afiya,1,irfan-ahmad-mir,1,irfan-siddiqi,1,irtaza-nishat,1,ishq,166,ishrat-afreen,1,ismail-merathi,2,ismat-chughtai,2,izhar,7,jagan-nath-azad,5,jaishankar-prasad,6,jalan,1,jaleel-manikpuri,1,jameel-malik,2,jameel-usman,1,jamiluddin-aali,5,jamuna-prasad-rahi,1,jan-nisar-akhtar,11,janan-malik,1,jauhar-rahmani,1,jaun-elia,14,javed-akhtar,18,jawahar-choudhary,1,jazib-afaqi,2,jazib-qureshi,2,jigar-moradabadi,10,johar-rana,1,josh-malihabadi,7,julius-naheef-dehlvi,1,jung,9,k-k-mayank,2,kabir,1,kafeel-aazar-amrohvi,1,kaif-ahmed-siddiqui,1,kaif-bhopali,6,kaifi-azmi,10,kaifi-wajdaani,1,kaka-hathrasi,1,kalidas,1,kalim-ajiz,1,kamala-das,1,kamlesh-bhatt-kamal,1,kamlesh-sanjida,1,kamleshwar,1,kanhaiya-lal-kapoor,1,kanval-dibaivi,1,kashif-indori,1,kausar-siddiqi,1,kavi-kulwant-singh,2,kavita,240,kavita-rawat,1,kedarnath-agrawal,4,kedarnath-singh,1,khalid-mahboob,1,khalida-uzma,1,khalil-dhantejvi,1,khat-letters,10,khawar-rizvi,2,khazanchand-waseem,1,khudeja-khan,1,khumar-barabankvi,4,khurram-tahir,1,khurshid-rizvi,1,khwab,1,khwaja-meer-dard,4,kishwar-naheed,2,kitab,22,krishan-chandar,1,krishankumar-chaman,1,krishn-bihari-noor,11,krishna,9,krishna-kumar-naaz,5,krishna-murari-pahariya,1,kuldeep-salil,1,kumar-pashi,1,kumar-vishwas,2,kunwar-bechain,9,kunwar-narayan,5,lala-madhav-ram-jauhar,1,lata-pant,1,lavkush-yadav-azal,3,leeladhar-mandloi,1,liaqat-jafri,1,lori,2,lovelesh-dutt,1,maa,26,madan-mohan-danish,2,madhavikutty,1,madhavrao-sapre,1,madhuri-kaushik,1,madhusudan-choube,1,mahadevi-verma,4,mahaveer-prasad-dwivedi,1,mahaveer-uttranchali,8,mahboob-khiza,1,mahendra-matiyani,1,mahesh-chandra-gupt-khalish,2,mahmood-zaki,1,mahwar-noori,1,maikash-amrohavi,1,mail-akhtar,1,maithilisharan-gupt,3,majdoor,13,majnoon-gorakhpuri,1,majrooh-sultanpuri,5,makhanlal-chaturvedi,3,makhdoom-moiuddin,7,makhmoor-saeedi,1,mangal-naseem,1,manglesh-dabral,4,manish-verma,3,mannan-qadeer-mannan,1,mannu-bhandari,1,manoj-ehsas,1,manoj-sharma,1,manzoor-hashmi,2,manzoor-nadeem,1,maroof-alam,23,masooda-hayat,2,masoom-khizrabadi,1,matlabi,3,mazhar-imam,2,meena-kumari,14,meer-anees,1,meer-taqi-meer,10,meeraji,1,mehr-lal-soni-zia-fatehabadi,5,meraj-faizabadi,3,milan-saheb,2,mirza-ghalib,59,mirza-muhmmad-rafi-souda,1,mirza-salaamat-ali-dabeer,1,mithilesh-baria,1,miyan-dad-khan-sayyah,1,mohammad-ali-jauhar,1,mohammad-alvi,6,mohammad-deen-taseer,3,mohammad-khan-sajid,1,mohan-rakesh,1,mohit-negi-muntazir,3,mohsin-bhopali,1,mohsin-kakorvi,1,mohsin-naqwi,2,moin-ahsan-jazbi,4,momin-khan-momin,4,motivational,11,mout,5,mrityunjay,1,mubarik-siddiqi,1,muhammad-asif-ali,1,muktak,1,mumtaz-hasan,3,mumtaz-rashid,1,munawwar-rana,29,munikesh-soni,2,munir-anwar,1,munir-niazi,5,munshi-premchand,14,murlidhar-shad,1,mushfiq-khwaza,1,mushtaq-sadaf,2,mustafa-akbar,1,mustafa-zaidi,2,mustaq-ahmad-yusufi,1,muzaffar-hanfi,26,muzaffar-warsi,2,naat,1,nadeem-gullani,1,naiyar-imam-siddiqui,1,nand-chaturvedi,1,naqaab,2,narayan-lal-parmar,3,narendra-kumar-sonkaran,3,naresh-chandrakar,1,naresh-saxena,4,naseem-ajmeri,1,naseem-azizi,1,naseem-nikhat,1,naseer-turabi,1,nasir-kazmi,8,naubahar-sabir,2,naukari,1,navin-c-chaturvedi,1,navin-mathur-pancholi,1,nazeer-akbarabadi,16,nazeer-baaqri,1,nazeer-banarasi,6,nazim-naqvi,1,nazm,191,nazm-subhash,3,neeraj-ahuja,1,neeraj-goswami,2,new-year,21,nida-fazli,34,nirankar-dev-sewak,2,nirmal-verma,3,nirmala,3,nirmla-garg,1,nizam-fatehpuri,26,nomaan-shauque,4,nooh-aalam,2,nooh-narvi,2,noon-meem-rashid,2,noor-bijnauri,1,noor-indori,1,noor-mohd-noor,1,noor-muneeri,1,noshi-gilani,1,noushad-lakhnavi,1,nusrat-karlovi,1,obaidullah-aleem,5,omprakash-valmiki,1,omprakash-yati,8,pandit-dhirendra-tripathi,1,pandit-harichand-akhtar,3,parasnath-bulchandani,1,parveen-fana-saiyyad,1,parveen-shakir,12,parvez-muzaffar,6,parvez-waris,3,pash,8,patang,13,pawan-dixit,1,payaam-saeedi,1,perwaiz-shaharyar,2,phanishwarnath-renu,2,poonam-kausar,1,prabhudayal-shrivastava,1,pradeep-kumar-singh,1,pradeep-tiwari,1,prakhar-malviya-kanha,2,pratap-somvanshi,7,pratibha-nath,1,prayag-shukl,3,prem-lal-shifa-dehlvi,1,prem-sagar,1,purshottam-abbi-azar,2,pushyamitra-upadhyay,1,qaisar-ul-jafri,3,qamar-ejaz,2,qamar-jalalabadi,3,qamar-moradabadi,1,qateel-shifai,8,quli-qutub-shah,1,quotes,2,raaz-allahabadi,1,rabindranath-tagore,3,rachna-nirmal,3,raghuvir-sahay,2,rahat-indori,31,rahbar-pratapgarhi,1,rahi-masoom-raza,6,rais-amrohvi,2,rajeev-kumar,1,rajendra-krishan,1,rajendra-nath-rehbar,1,rajesh-joshi,1,rajesh-reddy,7,rajmangal,1,rakesh-rahi,1,rakhi,6,ram,38,ram-meshram,1,ram-prakash-bekhud,1,rama-singh,1,ramapati-shukla,4,ramchandra-shukl,1,ramcharan-raag,2,ramdhari-singh-dinkar,8,ramesh-chandra-shah,1,ramesh-dev-singhmaar,1,ramesh-kaushik,2,ramesh-siddharth,1,ramesh-tailang,2,ramesh-thanvi,1,ramkrishna-muztar,1,ramkumar-krishak,3,ramnaresh-tripathi,1,ranjan-zaidi,2,ranjeet-bhattachary,2,rasaa-sarhadi,1,rashid-kaisrani,1,rauf-raza,4,ravinder-soni-ravi,1,rawan,4,rayees-figaar,1,raza-amrohvi,1,razique-ansari,13,rehman-musawwir,1,rekhta-pataulvi,7,republic-day,2,review,12,rishta,2,rishte,1,rounak-rashid-khan,2,roushan-naginvi,1,rukhsana-siddiqui,2,saadat-hasan-manto,9,saadat-yaar-khan-rangeen,1,saaz-jabalpuri,1,saba-bilgrami,1,saba-sikri,1,sabhamohan-awadhiya-swarn-sahodar,2,sabir-indoree,1,sachin-shashvat,2,sadanand-shahi,3,saeed-kais,2,safar,1,safdar-hashmi,5,safir-balgarami,1,saghar-khayyami,1,saghar-nizami,2,sahir-hoshiyarpuri,1,sahir-ludhianvi,20,sajid-hashmi,1,sajid-premi,1,sajjad-zaheer,1,salahuddin-ayyub,1,salam-machhli-shahri,2,saleem-kausar,1,salman-akhtar,4,samar-pradeep,6,sameena-raja,2,sandeep-thakur,2,sanjay-dani-kansal,1,sanjay-grover,3,sansmaran,9,saqi-faruqi,2,sara-shagufta,5,saraswati-kumar-deepak,2,saraswati-saran-kaif,2,sardaar-anjum,2,sardar-aasif,1,sardi,3,sarfaraz-betiyavi,1,sarshar-siddiqui,1,sarveshwar-dayal-saxena,11,satire,18,satish-shukla-raqeeb,1,satlaj-rahat,3,satpal-khyal,1,seema-fareedi,1,seemab-akbarabadi,2,seemab-sultanpuri,1,shabeena-adeeb,2,shad-azimabadi,2,shad-siddiqi,1,shafique-raipuri,1,shaharyar,21,shahid-anjum,2,shahid-jamal,2,shahid-kabir,3,shahid-kamal,1,shahid-mirza-shahid,1,shahid-shaidai,1,shahida-hasan,2,shahram-sarmadi,1,shahrukh-abeer,1,shaida-baghonavi,2,shaikh-ibrahim-zouq,2,shail-chaturvedi,1,shailendra,4,shakeb-jalali,3,shakeel-azmi,7,shakeel-badayuni,6,shakeel-jamali,5,shakeel-prem,1,shakuntala-sarupariya,2,shakuntala-sirothia,2,shamim-farhat,1,shamim-farooqui,1,shams-deobandi,1,shams-ramzi,1,shamsher-bahadur-singh,5,shanti-agrawal,1,sharab,5,sharad-joshi,5,shariq-kaifi,5,shaukat-pardesi,1,sheen-kaaf-nizam,1,shekhar-astitwa,1,sher-collection,13,sheri-bhopali,2,sherjang-garg,2,sherlock-holmes,1,shiv-sharan-bandhu,2,shivmangal-singh-suman,6,shivprasad-joshi,1,shola-aligarhi,1,short-story,16,shridhar-pathak,3,shrikant-verma,1,shriprasad,5,shuja-khawar,1,shyam-biswani,1,sihasan-battisi,5,sitaram-gupta,1,sitvat-rasool,1,siyaasat,7,sohan-lal-dwivedi,3,story,54,subhadra-kumari-chouhan,9,subhash-pathak-ziya,1,sudarshan-faakir,3,sufi,1,sufiya-khanam,1,suhaib-ahmad-farooqui,1,suhail-azad,1,suhail-azimabadi,1,sultan-ahmed,1,sultan-akhtar,1,sumitra-kumari-sinha,1,sumitranandan-pant,2,surajpal-chouhan,2,surendra-chaturvedi,1,suryabhanu-gupt,2,suryakant-tripathi-nirala,5,sushil-sharma,1,swapnil-tiwari-atish,2,syed-altaf-hussain-faryad,1,syeda-farhat,2,taaj-bhopali,1,tahir-faraz,3,tahzeeb-hafi,2,taj-mahal,2,talib-chakwali,1,tanhai,1,teachers-day,4,tilok-chand-mehroom,1,topic-shayari,33,toran-devi-lali,1,trilok-singh-thakurela,3,triveni,7,tufail-chaturvedi,3,umair-manzar,1,umair-najmi,1,upanyas,71,urdu,9,vasant,9,vigyan-vrat,1,vijendra-sharma,1,vikas-sharma-raaz,1,vilas-pandit,1,vinay-mishr,3,viral-desai,2,viren-dangwal,2,virendra-khare-akela,9,vishnu-nagar,2,vishnu-prabhakar,5,vivek-arora,1,vk-hubab,1,vote,1,wada,13,wafa,20,wajida-tabssum,1,wali-aasi,2,wamiq-jaunpuri,4,waseem-akram,1,waseem-barelvi,11,wasi-shah,1,wazeer-agha,2,women,16,yagana-changezi,3,yashpal,3,yashu-jaan,2,yogesh-chhibber,1,yogesh-gupt,1,zafar-ali-khan,1,zafar-gorakhpuri,5,zafar-kamali,1,zaheer-qureshi,2,zahir-abbas,1,zahir-ali-siddiqui,5,zahoor-nazar,1,zaidi-jaffar-raza,1,zameer-jafri,4,zaqi-tariq,1,zarina-sani,2,zehra-nigah,1,zia-ur-rehman-jafri,71,zubair-qaisar,1,zubair-rizvi,1,
ltr
item
जखीरा, साहित्य संग्रह: किताब पर शायरी
किताब पर शायरी
किताब पर शायरी किताबे वो रौशनी है जो हमें अंधेरो से दूर ले जाती है, हमें जिंदगी जीने के सबक सिखाती है | जिंदगी के तमाम पहलु, अहसासात को किताबो में...
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgQz7XH3BE8cZusY1P92Syfb_KSZNfw72pRrXwEVYbS2slLYZE6zY-h-FsI2E0-P_cgNIQrRHx9R_7mLDQXd5FjMkzc05H1cnjMUm7Vi57ctK0omAwjmtEvfW-M1TKnNOC6MeoEB11ThX-a2q9bS2C2FhV4XvZYX4y4SD70B23nQ_GRo7GWI8Pb2SL3oA/w640-h334/kitab%20par%20shayari.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgQz7XH3BE8cZusY1P92Syfb_KSZNfw72pRrXwEVYbS2slLYZE6zY-h-FsI2E0-P_cgNIQrRHx9R_7mLDQXd5FjMkzc05H1cnjMUm7Vi57ctK0omAwjmtEvfW-M1TKnNOC6MeoEB11ThX-a2q9bS2C2FhV4XvZYX4y4SD70B23nQ_GRo7GWI8Pb2SL3oA/s72-w640-c-h334/kitab%20par%20shayari.jpg
जखीरा, साहित्य संग्रह
https://www.jakhira.com/2023/04/kitab-shayari.html
https://www.jakhira.com/
https://www.jakhira.com/
https://www.jakhira.com/2023/04/kitab-shayari.html
true
7036056563272688970
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Read More Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy Table of Content