जो जिंदगी मिली, वो किताबो में लग गई - शुजा खावर

जो जिंदगी मिली, वो किताबो में लग गई

जो जिंदगी मिली, वो किताबो में लग गई
और शायरी जो की वो निसाबो में लग गई

तेरे बदन ने फूँक दिए फ़लसफ़े तमाम
कल रात आग मेरी किताबो में लग गई

इतनी हक़ीक़तो को तो में क्या सभालता
थोड़ी-सी चोट मेरे ही ख्वाबो में लग गई

बिल्कुल नई ज़बान में कुछ शेर कह शुजा
वो शायरी न थी जो निसाबो में लग गई - शुजा खावर


jo zindagi mili, wo kitabo me lag gai

jo zindagi mili, wo kitabo me lag gai
aur shayari jo ki wo nisaabo me lag gai

tere basan ne phoonk diye falsafe tamaam
kal rat aag meri kitaabo me lag gai

itni haqiqato ko to mai kya sabhalata
thodi-si chot mere hi khwabo me lag gai

bilkul nai zaban me kuchh sher kah Shuja
wo shayari n thi jo nisabo me lag gai - Shuja Khawar

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