ये जितने परिंदे उड़ानों में है - नूर इंदौरी

ये जितने परिंदे उड़ानों में है

ये जितने परिंदे उड़ानों में है
मिरे तीर के सब निशानों में है

छतें आसमाँ छू रही है मगर
बड़ी पट्टियाँ इन मकानों में है

है भाई से भाई भी ना-आश्ना
ये रस्में बड़े ख़ानदानों में है

किताबें जिन्हें दे रहीं है सदा
वो बच्चे अभी कार-ख़ानों में है - नूर इंदौरी


ye jitne parinde udanoN me hai

ye jitne parinde udanoN me hai
mire teer ke sab nishanoN me hai

chhateN asmaaN chhu rahi hai magar
badi pattiyaN in makanoN me hai

hai bhai se bhai bhi na-ashna
ye rasmeN bade khandano me hai

kitabe jinhe de rahi hai sada
wo bachche abhi kar-khano me hai -Noor Indori

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