आप सभी के लिए आज बच्चो पर कुछ शेर पेश है आशा है आप सभी को जरुर पसंद आयेंगे.. घर से मस्जिद है बहुत दूर तो चलो यूँ कर लें , किसी रोते ...

आप सभी के लिए आज बच्चो पर कुछ शेर पेश है आशा है आप सभी को जरुर पसंद आयेंगे..
घर से मस्जिद है बहुत दूर तो चलो यूँ कर लें,
किसी रोते हुए बच्चे को हंसाया 😊 जाए |- निदा फाज़ली / Nida Fazli
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बचपन में आकाश को छूता सा लगता था
उस पीपल की शाखें अब कितनी नीची हैं - मुज़फ्फ़र हनफ़ी / Muzaffar Hanfi
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मेरे दिल के किसी कोने में, एक मासूम सा बच्चा,
बडो की देख कर दुनिया, बड़ा होने से डरता है | - राजेश रेड्डी Rajesh Reddy
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हज़ारों शेर मेरे सो गये काग़ज़ की क़ब्रों में,
अजब माँ हूँ कोई बच्चा मेरा ज़िन्दा नहीं रहता | - बशीर बद्र Bashir Badr
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दौरे तरक्की में बच्चों को आसाईश हैं हम से ज्यादा,
अलबत्ता इस दौर का बच्चा बूढ़ा जल्दी हो जाता है |
बाहर क्या अपने घर में भी हद से बढ कर पाबन्दी पर,
बेटी सरकश हो जाती है बेटा बागी हो जाता है | - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी
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ये सरकशी कहाँ है हमारे ख़मीर में,
लगता है अस्पताल में बच्चे बदल गये | - शकील जमाली Shakeel Jamali
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कोई स्कूल की घंटी बजा दे,
ये बच्चा मुस्कुराना 😊 चाहता है | - शकील जमाली / Shakeel Jamali
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कितना आसान था बचपन में सुलाना हमको
नींद आ जाती थी परियो की कहानी सुनकर - भारत भूषण पन्त
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चाबी न भरी हो तो खिलौने नहीं चलते
अब खेल के मैदान से लौटो मेरे बच्चो
ता उम्र बुजुर्गों के असासे नहीं चलते - शकील जमाली / Shakeel Jamali
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खिलौनों के लिए बच्चे अभी तक जागते होंगे
तुझे ऐ मुफ़लिसी बहाना ढूँढ लेना है - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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मेरे बच्चे नामुरादी में जवाँ भी हो गये
मेरी ख़्वाहिश सिर्फ़ बाज़ारों को तकती रह गयी - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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मैं हूँ, मेरा बच्चा है , खिलौनों की दुकाँ है
अब मेरे पास बहाना भी नहीं है - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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दौलत से मुहब्बत तो नहीं थी मुझे लेकिन
बच्चों ने खिलौनों की तरफ़ देख लिया था - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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बच्चों की फीस , उनकी किताबें ,क़लम -दवात
मेरी ग़रीब आँखों में इस्कूल चुभ गया - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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ग़रीब बच्चों की ज़िद भी न कर सका पूरी
तमाम उम्र खिलौनों के भाव करता रहा - हसीब सोज़ Habib Soz
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तनख्वा दूर ,खिलौनों की ज़िद और बहाने बचे नहीँ
आज देर से घर जाउंगा बच्चे जब सो जायेंगे - पवन दीक्षित / Pawan Dixit
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महंगे खिलौने दे न सका मैं ये मेरी लाचारी है
लेकिन मेरी बच्ची मुझको जाँ से ज़ियादा प्यारी है - अतुल अजनबी / Atul Ajnabi
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आ गया वह फिर खिलौने बेचने
सारे बच्चों को रुलाकर जाएगा - ओम प्रकाश यती Om Prakash Yati
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खूँटी पर ईमान तक , दिया बाप ने टांग।
फिर भी बाकी रह गई , बच्चों की कुछ माँग। - विजेँद्र शर्मा Vijendra Sharma
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हक़ीम ए शहर के बच्चों को पालने के लिए,
हर आदमी ने कोई रोग पाल रक्खा है !
यहाँ वो चिड़िया* भी खुश हैं ये सोच कर सैयाद,
कि उसने दुनिया को पिंजड़े में डाल रक्खा है ! - चराग शर्मा Charag Sharma
*चिडिया को “आत्ममुग्ध बौना” पढ़ सकते हैं 😂
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कल बच्चे ने छुआ नहीं गुब्बारे को - शकील जमाली Shakeel Jamali
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ये फितरत का तकाजा है सज़ा देने से क्या हासिल
कि ज़िद करते है बच्चे जब गुब्बारा देख लेते है - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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शर्म आती है मजदूरी बताते हुए हमको
इतने में तो बच्चे का गुब्बारा नहीं मिलता - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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खिलौनों की दुकानों की तरफ़ से आप क्यों गुज़रे
ये बच्चे की तमन्ना है यह समझौता नहीं करती - मुनव्वर राना Munwwar Rana
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शाम को जिस वक़्त खाली हाथ जाता हूँ मैं
मुस्कुरा देते हैं बच्चे और मर जाता हूँ मैं -राजेश रेड्डी / Rajesh Reddy
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दिन -भर की थकन ओढ़ के जब बच्चों में पहुंचूं
आती है पसीने से लोबान की खुशबू - आदील रशीद / Adil Rashid / Aadil Rashid
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दिल भी इक बच्चे की मानिंद अड़ा है ज़िद पे
या तो सब कुछ ही इसे चाहिए या कुछ भी नहीं - राजेश रेड्डी / Rajesh Reddy
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तुझको मासूम कहा जाए कि ज़ालिम ऐ दोस्त
दिल है बच्चों की तरह ज़हन है क़ातिल की तरह - अकील नोमानी Akeel Nomani
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नयी कॉलोनी में बच्चों की जिदें ले तो गयीं
बाप -दादा का बनाया हुआ घर ख़त्म हुआ - वसीम बरेलवी Waseem Barelvi
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घरों की तरबीयत क्या आ गयी टी वी के हाथों में
कोई बच्चा अब अपने बाप के ऊपर नहीं जाता - वसीम बरेलवी Wasim Barelavi
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अपनी - अपनी ज़िद पे अड़ने को हुए बच्चे जवाँ
और बुज़ुर्गों का मकाँ नादानियों में बँट गया - वसीम बरेलवी Waseem Barelvi
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तेरे ख़्याल के हाथों कुछ ऐसा बिखरा हूँ
कि जैसे बच्चा किताबे इधर -उधर कर दे - वसीम बरेलवी Waseem Barelvi
वो बेशक न सुने बूढ़े बाप की अपने
पर टालता नहीं कभी औलाद की बात - प्रदीप तिवारी Pradeep Tiwari
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