पेड़ कटेंगे जंगल कम हो जाएंगे - सतलज राहत

पेड़ कटेंगे जंगल कम हो जाएंगे

पेड़ कटेंगे जंगल कम हो जाएंगे
आसमान से बादल कम हो जाएंगे

धीरे धीरे प्यार असर को खोएगा
मेरे जैसे पागल कम हो जाएंगे

दुश्मन घर के अंदर तक आ पहुंचा है
ये सोचा था मक़तल कम हो जाएंगे

अभी शरारत करने दो इन बच्चो को
उम्र बढ़ेगी चंचल कम हो जाएंगे

इसका मतलब तुझपे जवानी आई है
कुछ दिन में ये पिम्पल कम हो जाएंगे

ये शोहरत ही गुरबत तक ले जाएगी
टाट रहेंगे मखमल कम हो जाएंगे

तेरी सड़कें गांव तक आ जाएगी
मेरे बरगद पीपल कम हो जाएंगे

राजा बचेगा रानी बचेगी और सतलज
तुम पैदल हो पैदल कम हो जाएंगे - सतलज राहत


Pedh katenge jungle kam ho jayenge

Pedh katenge jungle kam ho jayenge
Aasman se badal kam ho jayenge

Dhire dhire pyar asar ko khoyega
Mere jaise pagal kam ho jayenge

Dushman ghar ke andar tak aa pahuncha hai
Ye socha tha maqtal kam ho jayenge

Abhi shararat karne do in baccho ko
Umr badegi chanchal kam ho jayenge

Iska matlab tujhpe jawani aai hai
Kuch din me ye pimple kam ho jayenge

Ye shohrat hi gurbat tak le jayegi
Tat rahenge makhmal kam ho jayenge

Teri sadkein gaon tak aa jayengi
Mere bargad pipal kam ho jayenge

Raja bachega rani bachegi aur satlaj
Tum paidal ho paidal kam ho jayenge - Satlaj Rahat

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