तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे - निदा फ़ाज़ली

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनाएँगे बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे

तन्हा तन्हा दुख झेलेंगे महफ़िल महफ़िल गाएँगे
जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनाएँगे

तुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैं
देर न करना घर आने में वर्ना घर खो जाएँगे

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो
चार किताबें पढ़ कर ये भी हम जैसे हो जाएँगे

अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर-दिल हों मुमकिन है
हम तो उस दिन राय देंगे जिस दिन धोका खाएँगे

किन राहों से सफ़र है आसाँ कौन सा रस्ता मुश्किल है
हम भी जब थक कर बैठेंगे औरों को समझाएँगे - निदा फ़ाज़ली


tanha tanha dukh jhelenge mahfil mahfil gayenge

tanha tanha dukh jhelenge mahfil mahfil gayenge
jab tak aansu pas rahenge tab tak git sunayenge

tum jo socho wo tum jaano hum to apni kahte hain
der na karna ghar aane mein warna ghar kho jayenge

bachchon ke chhote hathon ko chand sitare chhune do
chaar kitaben padh kar ye bhi hum jaise ho jayenge

achchhi surat wale sare patthar-dil hon mumkin hai
hum to us din rae denge jis din dhoka khayenge

kin rahon se safar hai aasan kaun sa rasta mushkil hai
hum bhi jab thak kar baithenge auron ko samjhayenge - Nida Fazli

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