मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता - मुनव्वर राना

मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता

मेरे कमरे में अँधेरा नहीं रहने देता
आपका ग़म मुझे तन्हा नहीं रहने देता

वो तो अच्छा हुआ शमशीरज़नी आती थी
वरना दुश्मन हमें जिन्दा नहीं रहने देता

मुफलिसी घर में ठहरने नहीं देती मुझको
और परदेश में बेटा नहीं रहने देता

तिश्नगी मेरा मुकद्दर है इसी से शायद
मै परिंदों को भी प्यासा नहीं रहने देता

रेत पर खेलते बच्चो को अभी क्या मालूम
कोई सैलाब घरोंदा नहीं रहने देता

ग़म से लछमन की तरह भाई का रिश्ता है मेरा
मुझको जंगल में अकेला नहीं रहने देता - मुनव्वर राना
मायने
शमशीरजनी = तलवारबाजी, तिशनगी = प्यास


mere kamre me andhera nahi rahne deta

mere kamre me andhera nahi rahne deta
aapka gham mujhe tanha nahi rahne deta

wo to achcha hua shamsheerzani aati thi
warna dushman hame zinda nahi rahne deta

muflisi ghar me thahrane nahi deti mujhko
aur pardesh me beta nahi rahne deta

tishnagi mera mukaddar hai isi se shayad
mai parindo ko bhi pyasa nahi rahne deta

ret par khelte bachcho ko abhi kya maloom
koi sailab gharonda nahi rahne deta

gham se lakshman ki tarah bhai ka rishta hai mera
mujhko jungle me akela nahi rahne deta - Munawwar Rana

1 Comments

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post