वादा पर शायरी वादा ही है जो माशूक के जीने का सहारा होता है | वादा इश्क के पढाव में बहुत अहम किरदार होता है | पेश है वादा पर शायरी promise पर शायरी |
वादा पर शायरी | वायदे पर शायरी
वादा ही है जो माशूक के जीने का सहारा होता है | वादा इश्क के पढाव में बहुत अहम किरदार होता है | पेश है वादा पर बेहतरीन शायरी promise पर शायरी |अगले जनम में मिलने का वादा जो कर गया
ऐसा लगा कि मांग में सिंदूर भर गया
- कृष्ण बिहारी नूर
अब तुम कभी न आओगे यानी कभी कभी
रुख़्सत करो मुझे कोई वादा किए बग़ैर
- जौन एलिया
आँख सरशार-ए-तमन्ना है तो वा'दा कर ले
चाल कहती है कि अब लौट के आना कैसा
- सलीम अहमद
आख़िर कहाँ तलक हम इक रोज़ हो चुकेंगे
बरसों से वादा-ए-शब हर सुब्ह पर रहे है
- मीर तक़ी मीर
आखिरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल
आप आते ही रहे, मर गए मरने वाले
- अमीर मिनाई
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए'तिबार किया
- गुलज़ार
आप की क़समों का और मुझ को यक़ीं
एक भी वादा कभी पूरा किया
- शोख़ अमरोहवी
आप तो मुँह फेर कर कहते हैं आने के लिए
वस्ल का वादा ज़रा आँखें मिला कर कीजिए
- लाला माधव राम जौहर
आप ने झूटा वा'दा कर के
आज हमारी उम्र बढ़ा दी
- कैफ़ भोपाली
इंतिज़ार उस का कर भी सकते हो
कर के वा'दा मुकर भी सकते हो
- फ़ैसल इम्तियाज़ ख़ान
इक वा'दा जो किया ही नहीं है अभी 'सलीम'
मुझ को वही तो वा'दा निभाना है और बस
- सलीम कौसर
इतनी तहज़ीब-ए-रह-ओ-रस्म तो बाक़ी थी कि वो
लाख रंजिश सही वादा तो वफ़ा करते थे
- शाज़ तमकनत
इन वफ़ादारी के वादों को इलाही क्या हुआ
वो वफ़ाएँ करने वाले बेवफ़ा क्यूँ हो गए
- अख़्तर शीरानी
उनको आना था आये नहीं,कोई वादा निभाया नहीं
हम तो पलकें बिछाये रहे, मेज़बानी अधूरी रही
- देवेश दीक्षित देव
उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वा'दा न वफ़ा करते वा'दा तो किया होता
- चराग़ हसन हसरत
उम्मीद-वार-ए-वादा-ए-दीदार मर चले
आते ही आते यारो क़यामत को क्या हुआ
- मीर तक़ी मीर
उम्र तन्हा काट दी वा'दा निभाने के लिए
अहद बाँधा था किसी ने आज़माने के लिए
- अदीम हाशमी
उस के वादों से इतना तो साबित हुआ उस को थोड़ा सा पास-ए-तअल्लुक़ तो है
ये अलग बात है वो है वादा-शिकन ये भी कुछ कम नहीं उस ने वादे किए
- आमिर उस्मानी
उस ने छेड़ा था मुझे तुम जान दोगे कब हमें
कह दिया मैं ने भी जब वादा वफ़ा हो जाएगा
- बेख़ुद देहलवी
उस ने वा'दा किया है आने का
रंग देखो ग़रीब ख़ाने का
- जोश मलीहाबादी
एक इक बात में सच्चाई है उस की लेकिन
अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है
- कफ़ील आज़र अमरोहवी
एक बार और मसीहा-ए-दिल-ए-दिल-ज़दगाँ
कोई वा'दा कोई इक़रार मसीहाई का
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
एक मुद्दत से न क़ासिद है न ख़त है न पयाम
अपने वा'दे को तो कर याद मुझे याद न कर
- जलाल मानकपुरी
एक वादा करो अब हम से न बिछड़ोगे कभी
नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही
- मुमताज़ मज़ी
एक वा'दा था जो शीशे की तरह टूट गया
हादिसा कब ये हुआ कैसे हुआ याद नहीं
- क़तील शिफ़ाई
एक वा'दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं
वर्ना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं
- साग़र सिद्दीक़ी
और कुछ देर सितारो ठहरो
उस का व'अदा है ज़रूर आएगा
- एहसान दानिश
कब वादा नहीं करतीं मिलने का तिरी आँखें
किस रोज़ निगाहों में पैग़ाम नहीं होता
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
कभी कोई वादा वफ़ा न कर यूँही रोज़ रोज़ बहाना कर
तू फ़रेब दे के चला गया तिरा ए'तिबार नहीं गया
- क़ैसर-उल जाफ़री
कभी ग़श में रहा शब-ए-वा'दा
कभी गर्दन उठा के देख लिया
- दाग़ देहलवी
कहीं ऐसा न करना वस्ल का वा'दा तो करते हो
कि तुम को फिर कोई कुछ और समझाए तो रहने दो
- मुज़्तर ख़ैराबादी
कहो अजल से ज़रा दो घड़ी ठहर जाए
सुना है आने का वादा निभा रहा है कोई
- सरदार अंजुम
किया था हम ने कैम्पस की नदी पर इक हसीं वा'दा
भले हम को पड़े मरना मोहब्बत मर नहीं सकती
- वसी शाह
किस मुँह से कह रहे हो हमें कुछ ग़रज़ नहीं
किस मुँह से तुम ने व'अदा किया था निबाह का
- हफ़ीज़ जालंधरी
किसी का वादा-ए-दीदार तो ऐ 'दाग़' बर-हक़ है
मगर ये देखिए दिल-शाद उस दिन हम भी होते हैं
- दाग़ देहलवी
किसी के वादा-ए-सब्र-आज़मा की ख़ैर कि हम
अब ए'तिबार की हद से गुज़रते जाते हैं
- राज़ मुरादाबादी
कोई बातें थीं कोई था सबब जो मैं वा'दा कर के मुकर गई
तिरे प्यार पर तो यक़ीन था मैं ख़ुद अपने आप से डर गई
- मुमताज़ नसीम
क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ'दा वफ़ा हो न सका
कहीं वादे भी निभाने के लिए होते हैं
- इबरत मछलीशहरी
ख़त आशिक़ी के लिखती नहीं दिल के ख़ून से
मिलने का वा'दा करती हैं अब टेलीफ़ोन से
- साग़र ख़य्यामी
खा उस की क़सम जो न तुझे देख चुका हो
तेरे तो फ़रिश्तों से भी वा'दा न वफ़ा हो
- क़मर जलालवी
ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया
झूटी क़सम से आप का ईमान तो गया
- दाग़ देहलवी
ख़ून होता है सहर तक मिरे अरमानों का
शाम-ए-वादा जो वो पाबंद-ए-हिना होता है
- क़मर जलालवी
ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया
- दाग़ देहलवी
गज़ब किया तेरे वादे पे एतबार किया
तमाम रात कयामत का इन्तजार किया
- दाग़ देहलवी
ज़माने को ज़माने की पड़ी है
हमें वा'दा निभाने की पड़ी है
- अब्दुर्रहमान मोमिन
जहाँ गए यही देखा कि लोग मरते हैं
यही सुना कि वो वा'दा वफ़ा नहीं करते
- मुज़्तर ख़ैराबादी
जान निकले है और मियाँ दे डाल
आज वा'दा न टाल बोसे का
- इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
जानते थे दोनों हम उस को निभा सकते नहीं
उस ने वा'दा कर लिया मैं ने भी वा'दा कर लिया
- मुनीर नियाज़ी
जी में ठानी है यही जी से गुज़र जाएँगे
कम से कम वादा ये करते हैं कि मर जाएँगे
- जोश मलीहाबादी
जो तुम्हारी तरह तुम से कोई झूटे वादे करता
तुम्हीं मुंसिफ़ी से कह दो तुम्हें ए'तिबार होता
- दाग़ देहलवी
झूट बोलेगा तो क्या है इस में
कोई वा'दा भी तो कर जाएगा
- फ़रहत अब्बास शाह
झूटे वादे भी नहीं करते आप
कोई जीने का सहारा ही नहीं
- जलील मानिकपूरी
झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगी
अब तो वो भी आसरा जाता रहा
- अज़ीज़ लखनवी
ठीक है जाओ तअ'ल्लुक़ न रखेंगे हम भी
तुम भी वा'दा करो अब याद नहीं आओगे
- अलीना इतरत
ताकि मैं जानूँ कि है उस की रसाई वाँ तलक
मुझ को देता है पयाम-ए-वादा-ए-दीदार-ए-दोस्त
- मिर्ज़ा ग़ालिब
तालिब-ए-दीद को ज़ालिम ने ये लिक्खा ख़त में
अब क़यामत पे मिरा वादा-ए-दीदार रहा
- हिज्र नाज़िम अली ख़ान
तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए'तिबार होता
- मिर्ज़ा ग़ालिब
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
- फ़ना निज़ामी कानपुरी
तुझ को देखा तिरे वादे देखे
ऊँची दीवार के लम्बे साए
- बाक़ी सिद्दीक़ी
तुझ से वा'दा अज़ीज़-तर रक्खा
वहशतों को भी अपने घर रक्खा
- किश्वर नाहीद
तुम अगर साथ देने का वा'दा करो
मैं यूँही मस्त नग़्मे लुटाता रहूँ
- साहिर लुधियानवी
तुम से क्या वादा-ख़िलाफ़ी की शिकायत करते
तुम ने तो लौट के आने की भी ज़हमत नहीं की
- सलीम कौसर
तुम से तो बस निबाह की सूरत निकल पड़ी
जिस से हुए थे वादा ओ पैमान तुम नहीं
- सलीम कौसर
तुम्हारा हाथ जब मेरे लरज़ते हाथ से छूटा ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे
वो मोहकम बे-लचक वा'दा खिलौने की तरह टूटा ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे
- अमजद इस्लाम अमजद
तू दो घड़ी का वादा न कर देख जल्द आ
आने में होगी देर बड़ी दो घड़ी के बाद
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
तेरा वादा था कि इस माह ज़रूर आएगी
अब तो हर रोज़ गुज़रता है महीने की तरह
- मुस्तफ़ा ज़ैदी
तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मगर
तू ने वादा किया था याद तो कर
- नासिर काज़मी
तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा
आज की रात भी दरवाज़ा खुला रक्खूँगा
- शहरयार
था वा'दा शाम का मगर आए वो रात को
मैं भी किवाड़ खोलने फ़ौरन नहीं गया
- अनवर शऊर
दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से
फिर तिरा वादा-ए-शब याद आया
- नासिर काज़मी
दिल कभी लाख ख़ुशामद पे भी राज़ी न हुआ
कभी इक झूटे ही वादे पे बहलते देखा
- जलील मानिकपूरी
देखना हश्र में जब तुम पे मचल जाऊँगा
मैं भी क्या वादा तुम्हारा हूँ कि टल जाऊँगा
- दाग़ देहलवी
दोस्ती उस से निबह जाए बहुत मुश्किल है
मेरा तो वा'दा है उस का तो इरादा भी नहीं
- कलीम आजिज़
न आते हमें इस में तकरार क्या थी
मगर वा'दा करते हुए आर क्या थी
- अल्लामा इक़बाल
न कोई वादा था उन से न कोई पाबंदी
तमाम उम्र मगर उन का इंतिज़ार किया
- कृष्ण बिहारी नूर
न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था
- फ़िराक़ गोरखपुरी
न छेड़ इतना उन्हें ऐ वादा-ए-शब की पशेमानी
कि अब तो ईद मिलने पर भी वो शरमाए जाते हैं
- क़मर जलालवी
न निगह ने पयाम ने वा'दा
नाम को हम भी यार रखते हैं
- मीर तक़ी मीर
नज़र राहत पे मेरी कर न वा'दा शब के आने का
कि मेरी ख़्वाब-बंदी के लिए होगा फ़ुसूँ वो भी
- मिर्ज़ा ग़ालिब
नज़र से हद्द-ए-नज़र तक तमाम तारीकी
ये एहतिमाम है इक वा'दा-ए-सहर के लिए
- हफ़ीज़ होशियारपुरी
फिर चाहे तो न आना ओ आन बान वाले
झूटा ही वअ'दा कर ले सच्ची ज़बान वाले
- आरज़ू लखनवी
फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया
फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतिज़ार का
- अमीर मीनाई
फिर वही वा'दा जो इक़रार न बनने पाया
फिर वही बात जो इसबात न होने पाई
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
बढ़ती जाती है कशिश वा'दा-गह-ए-हस्ती की
और कोई खींच रहा है अदम-आबाद से भी
- परवीन शाकिर
बरसों हुए न तुम ने किया भूल कर भी याद
वादे की तरह हम भी फ़रामोश हो गए
- जलील मानिकपूरी
बस एक बार ही तोड़ा जहाँ ने अहद-ए-वफ़ा
किसी से हम ने फिर अहद-ए-वफ़ा किया ही नहीं
- इब्राहीम अश्क
बाज़ वादे किए नहीं जाते
फिर भी उन को निभाया जाता है
- अंजुम ख़याली
भुला दूँगा उसे अगले जनम तक
मिरा उस से ये वा'दा हो गया है
- हसन अब्बासी
भूलने वाले को शायद याद वादा आ गया
मुझ को देखा मुस्कुराया ख़ुद-ब-ख़ुद शरमा गया
- असर लखनवी
मान लेता हूँ तेरे वादे को
भूल जाता हूँ मैं कि तू है वही
- जलील मानिकपूरी
मायूस तो हूँ वादे से तिरे
कुछ आस नहीं कुछ आस भी है
- साहिर लुधियानवी
मिलना है तो मिल जाओ यहीं हश्र में क्या है
इक उम्र मिरे वा'दा-शिकन कम नहीं होती
- क़ैसर-उल जाफ़री
मिलने का वादा किया और गायब हो गई
इस तरह से दिल दुखाने की आदत है तेरी
- मासूम खिज़राबादी
मुझे है ए'तिबार-ए-वादा लेकिन
तुम्हें ख़ुद ए'तिबार आए न आए
- अख़्तर शीरानी
मेरा वादा, लकीर पत्थर की
आप चाहें, बयान से हट जाएं
- राज़िक़ अंसारी
मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा
तेरा वा'दा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा
- साहिर लुधियानवी
मैं उस के वादे का अब भी यक़ीन करता हूँ
हज़ार बार जिसे आज़मा लिया मैं ने
- मख़मूर सईदी
मैं भी हैरान हूँ ऐ 'दाग़' कि ये बात है क्या
वादा वो करते हैं आता है तबस्सुम मुझ को
- दाग़ देहलवी
मैं रस्मन कह रहा हूँ ''फिर मिलेंगे''
ये मत समझो कि वादा कर रहा हूँ
- ज़ुबैर अली ताबिश
मोहब्बत का अगर दावा है तो इस को बचाओ तुम
जो वादा कल किया था आज वो वादा निभाओ तुम
- मंज़र भोपाली
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा
- वसीम बेरलवी
रात का वादा है बंदे से अगर बंदा-नवाज़
बंद में दे लो गिरह ता कि ज़रा याद रहे
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
रास्ता चलने की इक छेड़ थी तू आक़ा न आ
हम तो ये क़ौल ये वा'दा ये क़सम देखते हैं
- सफ़ी औरंगाबादी
रोते दिल हँसते चेहरों को कोई भी न देख सका
आँसू पी लेने का वा'दा हाँ सब ने हर बार किया
- मीना कुमारी नाज़
लबों पर चुप सी रहती है हमेशा
कोई वा'दा हुआ था याद होगा
- तुफ़ैल चतुर्वेदी
वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था
- दाग़ देहलवी
वफ़ा-ए-वादा नहीं वादा-ए-दिगर भी नहीं
वो मुझ से रूठे तो थे लेकिन इस क़दर भी नहीं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
वही महशर वही मिलने का वा'दा
वही बूढ़ा बहाना चल रहा है
- राहत इंदौरी
वा'दा आने का वफ़ा कीजे ये क्या अंदाज़ है
तुम ने क्यूँ सौंपी है मेरे घर की दरबानी मुझे
- मिर्ज़ा ग़ालिब
वा'दा करने का इख़्तियार रहा
बात करने में क्या बुराई है
- दाग़ देहलवी
वादा झूटा कर लिया चलिए तसल्ली हो गई
है ज़रा सी बात ख़ुश करना दिल-ए-नाशाद का
- दाग़ देहलवी
वादा नहीं पयाम नहीं गुफ़्तुगू नहीं
हैरत है ऐ ख़ुदा मुझे क्यूँ इंतिज़ार है
- लाला माधव राम जौहर
वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'
शर्त ये है कोई बाँहों में सँभाले मुझको
- क़तील शिफ़ाई
वादा भी है तो है क़यामत का
जिस को हम आज़मा नहीं सकते
- आसी ग़ाज़ीपुरी
वादा वो कर रहे हैं ज़रा लुत्फ़ देखिए
वादा ये कह रहा है न करना वफ़ा मुझे
- जलील मानिकपूरी
वो उम्मीद क्या जिस की हो इंतिहा
वो व'अदा नहीं जो वफ़ा हो गया
- अल्ताफ़ हुसैन हाली
वो और वा'दा वस्ल का क़ासिद नहीं नहीं
सच सच बता ये लफ़्ज़ उन्ही की ज़बाँ के हैं
- मुफ़्ती सदरुद्दीन आज़ुर्दा
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हे याद हो कि न याद हो,
वही यानी वादा निबाह का, तुम्हे याद हो कि न याद हो !
- मोमिन
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो
- मोमिन ख़ाँ मोमिन
वो फिर वादा मिलने का करते हैं यानी
अभी कुछ दिनों हम को जीना पड़ेगा
- आसी ग़ाज़ीपुरी
वो भले वादा करके मुकर जायेंगे
पर हमें यकीं है, पुकारे तो ठहर जायेंगे
- देवेन्द्र देव
सब से किया है वस्ल का वादा अलग अलग
कल रात वो सभी पे बहुत मेहरबान था
- आदिल मंसूरी
सर बर हुई न वादा-ए-सब्र-आज़मा से उम्र
फ़ुर्सत कहाँ कि तेरी तमन्ना करे कोई
- मिर्ज़ा ग़ालिब
सवाल-ए-वस्ल पर कुछ सोच कर उस ने कहा मुझ से
अभी वादा तो कर सकते नहीं हैं हम मगर देखो
- बेख़ुद देहलवी
साफ़ इंकार अगर हो तो तसल्ली हो जाए
झूटे वादों से तिरे रंज सिवा होता है
- क़ैसर हैदरी देहलवी
साफ़ कह दीजिए वादा ही किया था किस ने
उज़्र क्या चाहिए झूटों के मुकरने के लिए
- दाग़ देहलवी
सुनो जिक्र है कई साल का, कोई वादा मुझ से था आप का,
वो निबाहने का तो जिक्र क्या, तुम्हे याद हो कें याद हो !
- मोमिन
सुबूत है ये मोहब्बत की सादा-लौही का
जब उस ने वादा किया हम ने ए'तिबार किया
- जोश मलीहाबादी
सो गए हम भी कि बे-कार था रस्ता तकना
उस को आना ही नहीं था शब-ए-वा'दा यूँ भी
- अहमद फ़राज़
हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
- मिर्ज़ा ग़ालिब
हम तुम हैं इक लम्हे के
फिर भी वा'दा करना है
- जौन एलिया
हम ने ही लौटने का इरादा नहीं किया
उस ने भी भूल जाने का वा'दा नहीं किया
- परवीन शाकिर
हम से वा'दा था इक सवेरे का
हाए कैसा मुकर गया सूरज
- जावेद अख़्तर
हमें ये दुख कि वो अक्सर कई मौसम नहीं मिलता
मगर मिलने का वा'दा हम से वो हर बार करता है
- हसन रिज़वी
हश्र का वा'दा भी करते नहीं वो कहते हैं
फ़र्ज़ कर लो जो कई बार क़यामत आई
- दाग़ देहलवी
हाँ ये वादा रहा अब फिर नहीं रोकेंगे कभी
आज कुछ देर ठहर जाओ कि कुछ रात कटे
- ज़की काकोरवी
है कहाँ का इरादा तुम्हारा सनम किस के दिल को अदाओं से बहलाओगे
सच बताओ के इस चाँदनी रात में किस से वा'दा किया है कहाँ जाओगे
- फ़ना बुलंदशहरी
है वादा ख़ुद से निभाना हमें अगर अपना
तो कारवाँ नहीं रुक पाए भूल कर अपना
- जावेद अख़्तर
ऐसा लगा कि मांग में सिंदूर भर गया
- कृष्ण बिहारी नूर
अब तुम कभी न आओगे यानी कभी कभी
रुख़्सत करो मुझे कोई वादा किए बग़ैर
- जौन एलिया
आँख सरशार-ए-तमन्ना है तो वा'दा कर ले
चाल कहती है कि अब लौट के आना कैसा
- सलीम अहमद
आख़िर कहाँ तलक हम इक रोज़ हो चुकेंगे
बरसों से वादा-ए-शब हर सुब्ह पर रहे है
- मीर तक़ी मीर
आखिरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल
आप आते ही रहे, मर गए मरने वाले
- अमीर मिनाई
आदतन तुम ने कर दिए वादे
आदतन हम ने ए'तिबार किया
- गुलज़ार
आप की क़समों का और मुझ को यक़ीं
एक भी वादा कभी पूरा किया
- शोख़ अमरोहवी
आप तो मुँह फेर कर कहते हैं आने के लिए
वस्ल का वादा ज़रा आँखें मिला कर कीजिए
- लाला माधव राम जौहर
आप ने झूटा वा'दा कर के
आज हमारी उम्र बढ़ा दी
- कैफ़ भोपाली
इंतिज़ार उस का कर भी सकते हो
कर के वा'दा मुकर भी सकते हो
- फ़ैसल इम्तियाज़ ख़ान
इक वा'दा जो किया ही नहीं है अभी 'सलीम'
मुझ को वही तो वा'दा निभाना है और बस
- सलीम कौसर
इतनी तहज़ीब-ए-रह-ओ-रस्म तो बाक़ी थी कि वो
लाख रंजिश सही वादा तो वफ़ा करते थे
- शाज़ तमकनत
इन वफ़ादारी के वादों को इलाही क्या हुआ
वो वफ़ाएँ करने वाले बेवफ़ा क्यूँ हो गए
- अख़्तर शीरानी
उनको आना था आये नहीं,कोई वादा निभाया नहीं
हम तो पलकें बिछाये रहे, मेज़बानी अधूरी रही
- देवेश दीक्षित देव
उम्मीद तो बंध जाती तस्कीन तो हो जाती
वा'दा न वफ़ा करते वा'दा तो किया होता
- चराग़ हसन हसरत
उम्मीद-वार-ए-वादा-ए-दीदार मर चले
आते ही आते यारो क़यामत को क्या हुआ
- मीर तक़ी मीर
उम्र तन्हा काट दी वा'दा निभाने के लिए
अहद बाँधा था किसी ने आज़माने के लिए
- अदीम हाशमी
उस के वादों से इतना तो साबित हुआ उस को थोड़ा सा पास-ए-तअल्लुक़ तो है
ये अलग बात है वो है वादा-शिकन ये भी कुछ कम नहीं उस ने वादे किए
- आमिर उस्मानी
उस ने छेड़ा था मुझे तुम जान दोगे कब हमें
कह दिया मैं ने भी जब वादा वफ़ा हो जाएगा
- बेख़ुद देहलवी
उस ने वा'दा किया है आने का
रंग देखो ग़रीब ख़ाने का
- जोश मलीहाबादी
एक इक बात में सच्चाई है उस की लेकिन
अपने वादों से मुकर जाने को जी चाहता है
- कफ़ील आज़र अमरोहवी
एक बार और मसीहा-ए-दिल-ए-दिल-ज़दगाँ
कोई वा'दा कोई इक़रार मसीहाई का
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
एक मुद्दत से न क़ासिद है न ख़त है न पयाम
अपने वा'दे को तो कर याद मुझे याद न कर
- जलाल मानकपुरी
एक वादा करो अब हम से न बिछड़ोगे कभी
नाज़ हम सारे उठा लेंगे तुम आओ तो सही
- मुमताज़ मज़ी
एक वा'दा था जो शीशे की तरह टूट गया
हादिसा कब ये हुआ कैसे हुआ याद नहीं
- क़तील शिफ़ाई
एक वा'दा है किसी का जो वफ़ा होता नहीं
वर्ना इन तारों भरी रातों में क्या होता नहीं
- साग़र सिद्दीक़ी
और कुछ देर सितारो ठहरो
उस का व'अदा है ज़रूर आएगा
- एहसान दानिश
कब वादा नहीं करतीं मिलने का तिरी आँखें
किस रोज़ निगाहों में पैग़ाम नहीं होता
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
कभी कोई वादा वफ़ा न कर यूँही रोज़ रोज़ बहाना कर
तू फ़रेब दे के चला गया तिरा ए'तिबार नहीं गया
- क़ैसर-उल जाफ़री
कभी ग़श में रहा शब-ए-वा'दा
कभी गर्दन उठा के देख लिया
- दाग़ देहलवी
कहीं ऐसा न करना वस्ल का वा'दा तो करते हो
कि तुम को फिर कोई कुछ और समझाए तो रहने दो
- मुज़्तर ख़ैराबादी
कहो अजल से ज़रा दो घड़ी ठहर जाए
सुना है आने का वादा निभा रहा है कोई
- सरदार अंजुम
किया था हम ने कैम्पस की नदी पर इक हसीं वा'दा
भले हम को पड़े मरना मोहब्बत मर नहीं सकती
- वसी शाह
किस मुँह से कह रहे हो हमें कुछ ग़रज़ नहीं
किस मुँह से तुम ने व'अदा किया था निबाह का
- हफ़ीज़ जालंधरी
किसी का वादा-ए-दीदार तो ऐ 'दाग़' बर-हक़ है
मगर ये देखिए दिल-शाद उस दिन हम भी होते हैं
- दाग़ देहलवी
किसी के वादा-ए-सब्र-आज़मा की ख़ैर कि हम
अब ए'तिबार की हद से गुज़रते जाते हैं
- राज़ मुरादाबादी
कोई बातें थीं कोई था सबब जो मैं वा'दा कर के मुकर गई
तिरे प्यार पर तो यक़ीन था मैं ख़ुद अपने आप से डर गई
- मुमताज़ नसीम
क्यूँ पशेमाँ हो अगर वअ'दा वफ़ा हो न सका
कहीं वादे भी निभाने के लिए होते हैं
- इबरत मछलीशहरी
ख़त आशिक़ी के लिखती नहीं दिल के ख़ून से
मिलने का वा'दा करती हैं अब टेलीफ़ोन से
- साग़र ख़य्यामी
खा उस की क़सम जो न तुझे देख चुका हो
तेरे तो फ़रिश्तों से भी वा'दा न वफ़ा हो
- क़मर जलालवी
ख़ातिर से या लिहाज़ से मैं मान तो गया
झूटी क़सम से आप का ईमान तो गया
- दाग़ देहलवी
ख़ून होता है सहर तक मिरे अरमानों का
शाम-ए-वादा जो वो पाबंद-ए-हिना होता है
- क़मर जलालवी
ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया
तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया
- दाग़ देहलवी
गज़ब किया तेरे वादे पे एतबार किया
तमाम रात कयामत का इन्तजार किया
- दाग़ देहलवी
ज़माने को ज़माने की पड़ी है
हमें वा'दा निभाने की पड़ी है
- अब्दुर्रहमान मोमिन
जहाँ गए यही देखा कि लोग मरते हैं
यही सुना कि वो वा'दा वफ़ा नहीं करते
- मुज़्तर ख़ैराबादी
जान निकले है और मियाँ दे डाल
आज वा'दा न टाल बोसे का
- इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
जानते थे दोनों हम उस को निभा सकते नहीं
उस ने वा'दा कर लिया मैं ने भी वा'दा कर लिया
- मुनीर नियाज़ी
जी में ठानी है यही जी से गुज़र जाएँगे
कम से कम वादा ये करते हैं कि मर जाएँगे
- जोश मलीहाबादी
जो तुम्हारी तरह तुम से कोई झूटे वादे करता
तुम्हीं मुंसिफ़ी से कह दो तुम्हें ए'तिबार होता
- दाग़ देहलवी
झूट बोलेगा तो क्या है इस में
कोई वा'दा भी तो कर जाएगा
- फ़रहत अब्बास शाह
झूटे वादे भी नहीं करते आप
कोई जीने का सहारा ही नहीं
- जलील मानिकपूरी
झूटे वादों पर थी अपनी ज़िंदगी
अब तो वो भी आसरा जाता रहा
- अज़ीज़ लखनवी
ठीक है जाओ तअ'ल्लुक़ न रखेंगे हम भी
तुम भी वा'दा करो अब याद नहीं आओगे
- अलीना इतरत
ताकि मैं जानूँ कि है उस की रसाई वाँ तलक
मुझ को देता है पयाम-ए-वादा-ए-दीदार-ए-दोस्त
- मिर्ज़ा ग़ालिब
तालिब-ए-दीद को ज़ालिम ने ये लिक्खा ख़त में
अब क़यामत पे मिरा वादा-ए-दीदार रहा
- हिज्र नाज़िम अली ख़ान
तिरे वादे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना
कि ख़ुशी से मर न जाते अगर ए'तिबार होता
- मिर्ज़ा ग़ालिब
तिरे वा'दों पे कहाँ तक मिरा दिल फ़रेब खाए
कोई ऐसा कर बहाना मिरी आस टूट जाए
- फ़ना निज़ामी कानपुरी
तुझ को देखा तिरे वादे देखे
ऊँची दीवार के लम्बे साए
- बाक़ी सिद्दीक़ी
तुझ से वा'दा अज़ीज़-तर रक्खा
वहशतों को भी अपने घर रक्खा
- किश्वर नाहीद
तुम अगर साथ देने का वा'दा करो
मैं यूँही मस्त नग़्मे लुटाता रहूँ
- साहिर लुधियानवी
तुम से क्या वादा-ख़िलाफ़ी की शिकायत करते
तुम ने तो लौट के आने की भी ज़हमत नहीं की
- सलीम कौसर
तुम से तो बस निबाह की सूरत निकल पड़ी
जिस से हुए थे वादा ओ पैमान तुम नहीं
- सलीम कौसर
तुम्हारा हाथ जब मेरे लरज़ते हाथ से छूटा ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे
वो मोहकम बे-लचक वा'दा खिलौने की तरह टूटा ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे
- अमजद इस्लाम अमजद
तू दो घड़ी का वादा न कर देख जल्द आ
आने में होगी देर बड़ी दो घड़ी के बाद
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
तेरा वादा था कि इस माह ज़रूर आएगी
अब तो हर रोज़ गुज़रता है महीने की तरह
- मुस्तफ़ा ज़ैदी
तेरी मजबूरियाँ दुरुस्त मगर
तू ने वादा किया था याद तो कर
- नासिर काज़मी
तेरे वादे को कभी झूट नहीं समझूँगा
आज की रात भी दरवाज़ा खुला रक्खूँगा
- शहरयार
था वा'दा शाम का मगर आए वो रात को
मैं भी किवाड़ खोलने फ़ौरन नहीं गया
- अनवर शऊर
दिन गुज़ारा था बड़ी मुश्किल से
फिर तिरा वादा-ए-शब याद आया
- नासिर काज़मी
दिल कभी लाख ख़ुशामद पे भी राज़ी न हुआ
कभी इक झूटे ही वादे पे बहलते देखा
- जलील मानिकपूरी
देखना हश्र में जब तुम पे मचल जाऊँगा
मैं भी क्या वादा तुम्हारा हूँ कि टल जाऊँगा
- दाग़ देहलवी
दोस्ती उस से निबह जाए बहुत मुश्किल है
मेरा तो वा'दा है उस का तो इरादा भी नहीं
- कलीम आजिज़
न आते हमें इस में तकरार क्या थी
मगर वा'दा करते हुए आर क्या थी
- अल्लामा इक़बाल
न कोई वादा था उन से न कोई पाबंदी
तमाम उम्र मगर उन का इंतिज़ार किया
- कृष्ण बिहारी नूर
न कोई वा'दा न कोई यक़ीं न कोई उमीद
मगर हमें तो तिरा इंतिज़ार करना था
- फ़िराक़ गोरखपुरी
न छेड़ इतना उन्हें ऐ वादा-ए-शब की पशेमानी
कि अब तो ईद मिलने पर भी वो शरमाए जाते हैं
- क़मर जलालवी
न निगह ने पयाम ने वा'दा
नाम को हम भी यार रखते हैं
- मीर तक़ी मीर
नज़र राहत पे मेरी कर न वा'दा शब के आने का
कि मेरी ख़्वाब-बंदी के लिए होगा फ़ुसूँ वो भी
- मिर्ज़ा ग़ालिब
नज़र से हद्द-ए-नज़र तक तमाम तारीकी
ये एहतिमाम है इक वा'दा-ए-सहर के लिए
- हफ़ीज़ होशियारपुरी
फिर चाहे तो न आना ओ आन बान वाले
झूटा ही वअ'दा कर ले सच्ची ज़बान वाले
- आरज़ू लखनवी
फिर बैठे बैठे वादा-ए-वस्ल उस ने कर लिया
फिर उठ खड़ा हुआ वही रोग इंतिज़ार का
- अमीर मीनाई
फिर वही वा'दा जो इक़रार न बनने पाया
फिर वही बात जो इसबात न होने पाई
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
बढ़ती जाती है कशिश वा'दा-गह-ए-हस्ती की
और कोई खींच रहा है अदम-आबाद से भी
- परवीन शाकिर
बरसों हुए न तुम ने किया भूल कर भी याद
वादे की तरह हम भी फ़रामोश हो गए
- जलील मानिकपूरी
बस एक बार ही तोड़ा जहाँ ने अहद-ए-वफ़ा
किसी से हम ने फिर अहद-ए-वफ़ा किया ही नहीं
- इब्राहीम अश्क
बाज़ वादे किए नहीं जाते
फिर भी उन को निभाया जाता है
- अंजुम ख़याली
भुला दूँगा उसे अगले जनम तक
मिरा उस से ये वा'दा हो गया है
- हसन अब्बासी
भूलने वाले को शायद याद वादा आ गया
मुझ को देखा मुस्कुराया ख़ुद-ब-ख़ुद शरमा गया
- असर लखनवी
मान लेता हूँ तेरे वादे को
भूल जाता हूँ मैं कि तू है वही
- जलील मानिकपूरी
मायूस तो हूँ वादे से तिरे
कुछ आस नहीं कुछ आस भी है
- साहिर लुधियानवी
मिलना है तो मिल जाओ यहीं हश्र में क्या है
इक उम्र मिरे वा'दा-शिकन कम नहीं होती
- क़ैसर-उल जाफ़री
मिलने का वादा किया और गायब हो गई
इस तरह से दिल दुखाने की आदत है तेरी
- मासूम खिज़राबादी
मुझे है ए'तिबार-ए-वादा लेकिन
तुम्हें ख़ुद ए'तिबार आए न आए
- अख़्तर शीरानी
मेरा वादा, लकीर पत्थर की
आप चाहें, बयान से हट जाएं
- राज़िक़ अंसारी
मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा
तेरा वा'दा तो नहीं हूँ जो बदल जाऊँगा
- साहिर लुधियानवी
मैं उस के वादे का अब भी यक़ीन करता हूँ
हज़ार बार जिसे आज़मा लिया मैं ने
- मख़मूर सईदी
मैं भी हैरान हूँ ऐ 'दाग़' कि ये बात है क्या
वादा वो करते हैं आता है तबस्सुम मुझ को
- दाग़ देहलवी
मैं रस्मन कह रहा हूँ ''फिर मिलेंगे''
ये मत समझो कि वादा कर रहा हूँ
- ज़ुबैर अली ताबिश
मोहब्बत का अगर दावा है तो इस को बचाओ तुम
जो वादा कल किया था आज वो वादा निभाओ तुम
- मंज़र भोपाली
ये एक मेला है वादा किसी से क्या लेगा
ढलेगा दिन तो हर एक अपना रास्ता लेगा
- वसीम बेरलवी
रात का वादा है बंदे से अगर बंदा-नवाज़
बंद में दे लो गिरह ता कि ज़रा याद रहे
- शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
रास्ता चलने की इक छेड़ थी तू आक़ा न आ
हम तो ये क़ौल ये वा'दा ये क़सम देखते हैं
- सफ़ी औरंगाबादी
रोते दिल हँसते चेहरों को कोई भी न देख सका
आँसू पी लेने का वा'दा हाँ सब ने हर बार किया
- मीना कुमारी नाज़
लबों पर चुप सी रहती है हमेशा
कोई वा'दा हुआ था याद होगा
- तुफ़ैल चतुर्वेदी
वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे
तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था
- दाग़ देहलवी
वफ़ा-ए-वादा नहीं वादा-ए-दिगर भी नहीं
वो मुझ से रूठे तो थे लेकिन इस क़दर भी नहीं
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
वही महशर वही मिलने का वा'दा
वही बूढ़ा बहाना चल रहा है
- राहत इंदौरी
वा'दा आने का वफ़ा कीजे ये क्या अंदाज़ है
तुम ने क्यूँ सौंपी है मेरे घर की दरबानी मुझे
- मिर्ज़ा ग़ालिब
वा'दा करने का इख़्तियार रहा
बात करने में क्या बुराई है
- दाग़ देहलवी
वादा झूटा कर लिया चलिए तसल्ली हो गई
है ज़रा सी बात ख़ुश करना दिल-ए-नाशाद का
- दाग़ देहलवी
वादा नहीं पयाम नहीं गुफ़्तुगू नहीं
हैरत है ऐ ख़ुदा मुझे क्यूँ इंतिज़ार है
- लाला माधव राम जौहर
वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ 'क़तील'
शर्त ये है कोई बाँहों में सँभाले मुझको
- क़तील शिफ़ाई
वादा भी है तो है क़यामत का
जिस को हम आज़मा नहीं सकते
- आसी ग़ाज़ीपुरी
वादा वो कर रहे हैं ज़रा लुत्फ़ देखिए
वादा ये कह रहा है न करना वफ़ा मुझे
- जलील मानिकपूरी
वो उम्मीद क्या जिस की हो इंतिहा
वो व'अदा नहीं जो वफ़ा हो गया
- अल्ताफ़ हुसैन हाली
वो और वा'दा वस्ल का क़ासिद नहीं नहीं
सच सच बता ये लफ़्ज़ उन्ही की ज़बाँ के हैं
- मुफ़्ती सदरुद्दीन आज़ुर्दा
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हे याद हो कि न याद हो,
वही यानी वादा निबाह का, तुम्हे याद हो कि न याद हो !
- मोमिन
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो
वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो
- मोमिन ख़ाँ मोमिन
वो फिर वादा मिलने का करते हैं यानी
अभी कुछ दिनों हम को जीना पड़ेगा
- आसी ग़ाज़ीपुरी
वो भले वादा करके मुकर जायेंगे
पर हमें यकीं है, पुकारे तो ठहर जायेंगे
- देवेन्द्र देव
सब से किया है वस्ल का वादा अलग अलग
कल रात वो सभी पे बहुत मेहरबान था
- आदिल मंसूरी
सर बर हुई न वादा-ए-सब्र-आज़मा से उम्र
फ़ुर्सत कहाँ कि तेरी तमन्ना करे कोई
- मिर्ज़ा ग़ालिब
सवाल-ए-वस्ल पर कुछ सोच कर उस ने कहा मुझ से
अभी वादा तो कर सकते नहीं हैं हम मगर देखो
- बेख़ुद देहलवी
साफ़ इंकार अगर हो तो तसल्ली हो जाए
झूटे वादों से तिरे रंज सिवा होता है
- क़ैसर हैदरी देहलवी
साफ़ कह दीजिए वादा ही किया था किस ने
उज़्र क्या चाहिए झूटों के मुकरने के लिए
- दाग़ देहलवी
सुनो जिक्र है कई साल का, कोई वादा मुझ से था आप का,
वो निबाहने का तो जिक्र क्या, तुम्हे याद हो कें याद हो !
- मोमिन
सुबूत है ये मोहब्बत की सादा-लौही का
जब उस ने वादा किया हम ने ए'तिबार किया
- जोश मलीहाबादी
सो गए हम भी कि बे-कार था रस्ता तकना
उस को आना ही नहीं था शब-ए-वा'दा यूँ भी
- अहमद फ़राज़
हम को उन से वफ़ा की है उम्मीद
जो नहीं जानते वफ़ा क्या है
- मिर्ज़ा ग़ालिब
हम तुम हैं इक लम्हे के
फिर भी वा'दा करना है
- जौन एलिया
हम ने ही लौटने का इरादा नहीं किया
उस ने भी भूल जाने का वा'दा नहीं किया
- परवीन शाकिर
हम से वा'दा था इक सवेरे का
हाए कैसा मुकर गया सूरज
- जावेद अख़्तर
हमें ये दुख कि वो अक्सर कई मौसम नहीं मिलता
मगर मिलने का वा'दा हम से वो हर बार करता है
- हसन रिज़वी
हश्र का वा'दा भी करते नहीं वो कहते हैं
फ़र्ज़ कर लो जो कई बार क़यामत आई
- दाग़ देहलवी
हाँ ये वादा रहा अब फिर नहीं रोकेंगे कभी
आज कुछ देर ठहर जाओ कि कुछ रात कटे
- ज़की काकोरवी
है कहाँ का इरादा तुम्हारा सनम किस के दिल को अदाओं से बहलाओगे
सच बताओ के इस चाँदनी रात में किस से वा'दा किया है कहाँ जाओगे
- फ़ना बुलंदशहरी
है वादा ख़ुद से निभाना हमें अगर अपना
तो कारवाँ नहीं रुक पाए भूल कर अपना
- जावेद अख़्तर
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