दूर जाकर पास आने की आदत है तेरी
दूर जाकर पास आने की आदत है तेरीपास आकर मुस्कुराने की आदत है तेरी
मिलने का वादा किया और गायब हो गई
इस तरह से दिल दुखाने की आदत है तेरी
मुझ को तो बेशक़ तू कैसे भी बोले मग़र
मेरी सुन के रूठ जाने की आदत है तेरी
बन के रहती है तूँ बेहिस मेरे आगे मग़र
पीछे से आँसू बहाने की आदत है तेरी
मिन्नतें कर के मैं थक हार सा जाता हूँ, फिर
ख़ुद-ब-ख़ुद ही मान जाने की आदत है तेरी - मासूम खिज़राबादी
Door jakar paas aane ki aadat hai teri
Door jakar paas aane ki aadat hai teripaas aakar muskurane ki aadat hai teri
milne ka wada kiya aur gayab ho gayi
is tarah se dil dukhane ki aadat hai teri
mujh ko to beshak tu kaise bhi bole magar
meri sun ke ruth jane ki aadat hai teri
ban ke rahti hai tu behis mere aage magar
peeche se aansu bahane ki aadat hai teri
minnate kar ke mai thak haar sa jata hun, phir
khud-b-khud hi maan jane ki aadat hai teri - Masoom Khizrabadi
परिचयसम्प्रति: स्नातकोत्तर विद्यार्थी (चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय)
उपलब्धियाँ: विविध मुशायरों व सभा संगोष्ठियों में काव्य पाठ।
विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय की पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।
विद्यालय, महाविद्यालय व विश्वविद्यालय के मंचो द्वारा सम्मानित।
राष्ट्रीय कवि संगम हिसार इकाई के कोषाध्यक्ष।
रँगभूमि हिसार के मुख्य कलाकारों में शामिल।
सम्पर्क सूत्र
मासूम खिज़राबादी
मकान नम्बर-702
गाँव व डाक -खिज़राबाद(135021)
जिला-यमुनानगर (हरियाणा)
मोबाईल : 9034633062