इश्क में जां से गुजरते है गुजरने वाले
इश्क में जां से गुजरते है गुजरने वालेमौत की राह नहीं देखते मरने वाले
आखिरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल
आप आते ही रहे, मर गए मरने वाले
उठे, और कुचा-ए-मह्बुब में पहुचे आशिक
ये मुसाफिर नहीं रस्ते में ठहरने वाले
जां देने को कहा मैंने, तो हस कर बोले
तुम सलामत रहो, हर रोज के मरने वाले
आसमां पे जो सितारे नज़र आये 'अमीर'
याद आये मुझे दाग़ अपने उभरने वाले - अमीर मिनाई
ishq me jaan se gujrate hai gurane wale
ishq me jaan se gujrate hai gurane walemout ki raah nahi dekhte marne wale
aakhiri waqt bhi oura n iya wada-e-wasl
aap aate hi rahe, mar gaye marne wale
uthe, aur kucha-e-mahbub me pahuche aashiq
ye musafir nahi raste me thahrane wale
jaan dene ko kaha maine, to has kar bole
tum salamat raho, har roj ke marne wale
aasmaaN pe jo sitare nazar aaye 'Ameer'
yaad aaye mujhe daagh apne ubharane wale - Ameer Minai / Amir Meenai
बहुत दिनों के बाद अमीर के शेयर सुनने को मिले हैं। शुक्रिया
धन्यवाद। अब नए पुराने अनसुने शेर पढ़ने को मिलेंगे ।