ईद पर बेहतरीन अशआर | ईद शायरी | ईद पर शायरी

ईद पर बेहतरीन अशआर | ईद शायरी | ईद पर शायरी

ईद पर बेहतरीन अशआर | ईद शायरी | ईद पर शायरी

ईद बहुत ही पाक़ त्यौहार है इस त्यौहार पर लोग अपने सारे शिकवे भूलकर गले मिलते हैं और ख़ुशियां बांटते हैं। रोज़े की समाप्ति होने पर खुशी में अल्लाह का शुक्रिया अदा करते है | ईद के मौके पर ईद से जुड़े सारे अहसासात को हम संजो कर ईद शायरी का संकलन के रूप में आपके लिए लाए है |

अगर हयात है देखेंगे एक दिन दीदार
कि माह-ए-ईद भी आख़िर है इन महीनों में
- मिर्ज़ा रज़ा बर्क़



अच्छा हमें सिवय्याँ मिल-जुल के तुम खिलाओ
हम ने तुम्हारे पैसे इस ईद से बढ़ाए
- मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



अपनी ख़ुशियाँ भूल जा सब का दर्द ख़रीद
सैफ़ी तब जा कर कहीं तेरी होगी ईद
- सैफ़ी सिरोंजी



अब ईद भी मना रहे हैं काफ़िलो में लोग
किसने मेरी भी कौम में अंगार छोड़ दी
- एजाज शेख



अब दिन तुम्हारे, वक्त तुम्हारा, तुम्हारी ईद
बेटी ! तुम्हारी ईद से है अब हमारी ईद
- हफीज़ जालंधरी



अब हिन्द की असली ईद हुई जो आज़ादी की दीद हुई
पढ़ पढ़ के नमाज़-ए-आज़ादी अब रूठे हुओं को मना डालें
- कँवल डिबाइवी



अबरू का इशारा किया तुम ने तो हुई ईद
ऐ जान यही है मह-ए-शव्वाल हमारा
- हातिम अली मेहर



अहबाब पूछते हैं बड़ी सादगी के साथ
तू अब के साल ईद मनाएगा किस तरह
- पं.गोपाल तिवारी अज्ञात



अहल-ए-फ़न देंगे अँधेरों को उजालों का लक़ब
ज़हर को क़ंद, मोहर्रम को कहा जाएगा ईद
- आमिर उस्मानी



आई ईद व दिल में नहीं कुछ हवा-ए-ईद
ऐ काश मेरे पास तू आता बजाए ईद
- शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम



आओ घर मेरे चल के मुक़द्दस ईद का दिन है
भुला दो सब गिले शिकवे मुक़द्दस ईद का दिन है
- शमीम हयात



आज मैं ईद मनाऊँ तो मनाऊँ कैसे
तुझ को सीने से लगाऊँ तो लगाऊँ कैसे
- सलाहुद्दीन अय्यूब



आज यारों को मुबारक हो कि सुब्ह-ए-ईद है
राग है, मय है, चमन है, दिलरुबा है, दीद है
- आबरू शाह मुबारक



आज सारे हिज़ाब उठने दो,
दिल फ़िगारों की ईद आई है !
- अख्तर शीरानी



आज से पहले तो ऐसा न खिला ईद का चाँद
ज़ख़्म के फूल, लहू संज फ़ज़ा, ईद का चाँद
- मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ा



आप इधर आए उधर दीन और ईमान गए
ईद का चाँद नज़र आया तो रमज़ान गए
- शुजा ख़ावर



आलिम बनाओ बच्चो को तरबियत नेक दो
ऐसा लगे के रोज़ रोज़ जश्ने ईद है
- फैजी रेहरवी



इंतिज़ाम-ए-रोज़-ए-इशरत और कर ऐ ना-मुराद
ईद आती ही रही माह-ए-सियाम आ ही गया
- नातिक़ गुलावठी



इक झलक तेरी जो पाई होगी
चांद ने ईद मनाई होगी
- अंजुम लुधियानवी



इक बार मुबारक तुम्हें सौ बार मुबारक, हाँ, ईद के इस चाँद का दीदार मुबारक - गणेश गायकवाड़
इक बार मुबारक तुम्हें सौ बार मुबारक
हाँ, ईद के इस चाँद का दीदार मुबारक
- गणेश गायकवाड़



इक हिन्दुस्तानी की नज़रों से देखो
ईद की रिश्तेदार दिवाली निकलेगी
- इरशाद खान सिकंदर



इश्क़-ए-मिज़्गाँ में हज़ारों ने गले कटवाए
ईद-ए-क़ुर्बां में जो वो ले के छुरी बैठ गया
- शाद लखनवी



इस बार चाँद ईद का आया हिज़ाब में
उस पर भी यह सितम कि गले दूर से मिलें
- राहत बरेलवी सुभाष राहत बरेलवी



इस से अब बढ़के ख़ुशी और क्या होती मुझको
मेरे दुश्मन ने कहा ईद मुबारक तुझको
- असद निज़ामी



ईद अब के भी गई यूँही किसी ने न कहा
कि तिरे यार को हम तुझ से मिला देते हैं
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



ईद आई है मोहब्बत का नया बाब लिए
ज़िंदगी रंज-ओ-अलम भूल गई है ऐ दोस्त
- हफ़ीज़ बनारसी



ईद कल ही हो रही है इत्तिलाअ-ए-आम है
आज का दिन है ख़ुशी का ईद जिस का नाम है
- मुर्तजा साहिल तस्लीमी



ईद का चाँद जो देखा तो तमन्ना लिपटी
उन से तक़रीब-ए-मुलाक़ात का रिश्ता निकला
- रहमत क़रनी



ईद का चाँद तुम ने देख लिया
चाँद की ईद हो गई होगी
- इदरीस आज़ाद



ईद का चांद समझने लगी दुनियां उसको
आपने फेका जो टूटा हुआ कंगन अपना
- आबिद फ़ातिमी



ईद का दिन तो है मगर जाफ़र
मैं अकेले तो हँस नहीं सकता
- जाफ़र साहनी



ईद का दिन है गले आज तो मिल ले ज़ालिम
रस्म-ए-दुनिया भी है मौक़ा भी है दस्तूर भी है
- क़मर बदायुनी



ईद का दिन है गले मिल लीजे
इख़्तिलाफ़ात हटा कर रखिए
- अब्दुल सलाम बंगलौरी



ईद का दिन है सो कमरे में पड़ा हूँ असलम
अपने दरवाज़े को बाहर से मुक़फ़्फ़ल कर के
- असलम कोलसरी



ईद का दिन है, गले आज तो मिल जा जालिम,
रस्म-ए-दुनिया भी है, मौका भी है, दस्तूर भी है
- कमर बदायुँनी



ईद के दिन जाइए क्यूँ ईद-गाह
जब कि दर-ए-मय-कदा वा हो गया
- सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम



ईद के दिन मुस्तफ़ा से यूँ लगे कहने हुसैन
सब्ज़ जोड़ा दो हसन को सुर्ख़ दो जोड़ा मुझे
- जौन एलिया



ईद को भी वो नहीं मिलते हैं मुझ से न मिलें
इक बरस दिन की मुलाक़ात है ये भी न सही
- शोला अलीगढ़ी



ईद तू आ के मिरे जी को जलावे अफ़्सोस
जिस के आने की ख़ुशी हो वो न आवे अफ़्सोस
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



ईद पर मसरूर हैं दोनों मियाँ बीवी बहुत
इक ख़रीदारी से पहले इक ख़रीदारी के बअद
- सरफ़राज़ शाहिद



ईद फिर अब की तीस की होगी
हम भी लैल-ए-क़द्र जागेंगे
- फ़रहत एहसास



ईद फिर ईद है, बस ले के ख़ुशी आती है
बेबसी की कहाँ सुनता है सदा ईद का चाँद
- मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ा



ईद में ईद हुई ऐश का सामाँ देखा
देख कर चाँद जो मुँह आप का ऐ जाँ देखा
- शाद अज़ीमाबादी



ईद है आई ईद, रे बच्चो ईद है आई ईद
बिछड़े आन मिलेंगे, फिर से हो जाएगी दीद
- सितवत रसूल



ईद है क़त्ल मिरा अहल-ए-तमाशा के लिए
सब गले मिलने लगे जब कि वो जल्लाद आया
- दाग़ देहलवी



ईद है हम ने भी जाना कि न होती गर ईद
मय-फ़रोश आज दर-ए-मय-कदा क्यूँ वा करता
- सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम



ईद हो तुम को मुबारक हाँ मगर मेरे लिए
ज़िंदगी क्या है वबाल-ए-दोश है तेरे बग़ैर
- जौहर निज़ामी



ईद-ए-क़ुर्बां से मुक़द्दस नहीं कोई तक़रीब
इस तरह भूला सबक़ याद दिलाया गया है
- खुर्शीद अकबर



ईद-ए-नौ-रोज़ दिल अपना भी कभी ख़ुश करते
यार आग़ोश में ख़ुर्शीद हमल में होता
- हैदर अली आतिश



ईदी की वो ख़ुशी न बुजुर्गों की वो दुआ।
खुशियों भरे वो गुज़रे ज़माने कहाँ गए ।
- हसन फ़तेहपुरी



उदास आंखों को बस तेरी दीद बाक़ी है
नमाज़ पढ़ ली मगर मेरी ईद बाक़ी है
- आदिल रशीद



उनकी भी ईद हो गयी दुनिया की भीड में
जिन मुफ्लिसों के तन पे पुराने लिबास थे
- यूसुफ़ यलगार



उम्मीदें सब टूट चुकी हैं अब उम्मीद से क्या लेना
ईद आती है आती होगी हम को ईद से क्या लेना
- रिज़वान हैदर



उस मुफ़लिस की ईद मुबारक कैसे हो
जिसने जीवन भर का रोज़ा रक्खा है
- पुष्पेन्द्र पुष्प



उस से मिलना तो उसे ईद मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे
- दिलावर अली आज़र



एक छबेली नई-नवेली ईद चली आई है
कितनी ख़ुशियाँ कितने नग़्मे दामन में लाई है
- अब्दुर्रहीम नश्तर



एक नेमत तिरे महजूर के हाथ आई है
ईद का चाँद चराग़-ए-शब-ए-तन्हाई है
- मंज़र लखनवी



ऐ हवा तू ही उसे ईद-मुबारक कहियो
और कहियो कि कोई याद किया करता है
- त्रिपुरारि



ऐश में जिन के कटते हैं औक़ात
ईद है दिन तो शब्बरात है रात
- अल्ताफ़ हुसैन हाली



ऐसे मिला तपाक से आ के वो ईद में
जो डर बसा था दिल में वो यासिर निकल गया
- यासिर कज़लबाश



और मुझे सीने में दिल होने का एहसास हुआ था
ईद के दिन हम ने लट्ठे की शलवारें सिलवाई थीं
- अख़्तरुल ईमान



कई फ़ाक़ों में ईद आई है
आज तू हो तो जान हम-आग़ोश
- ताबाँ अब्दुल हई



क़त्ल की सुन के ख़बर ईद मनाई मैं ने
आज जिस से मुझे मिलना था गले मिल आया
- दाग़ देहलवी



कब तलक अर्श से फरमान सुनाएगा हिलाल
कभी आँगन में उतर और कभी ईद भी कर
- अलीना इतरत



कबाड़ी से कुछ कपड़े , लाया बाप खरीद |
रोते बच्चे चहक उठे, कल है अपनी ईद ||
- डॉ. सागर खादीवाला



कसरत थी यहाँ शिर्क की तौहीद नहीं थी
रोज़ों का भुलावा था मगर ईद नहीं थी
- अर्श मलसियानी



कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती
हम को अगर मयस्सर जानाँ की दीद होती
- ग़ुलाम भीक नैरंग



कहिये जो ईद मुबारक़, तो मुबारक़ कहिये
सिर्फ अपनो को नही सबको मुबारक़ कहिये
- कपिल कुमार



कहीं है ईद की शादी, कहीं मातम है मक़्तल में
कोई क़ातिल से मिलता है कोई बिस्मिल से मिलता है
- दाग़ देहलवी



कितनी मस्ताना सी थी ईद मिरे बचपन की
अब ख़यालों में भी लाता हूँ तो खो जाती है
- सलाहुद्दीन अय्यूब



किसने मुहब्बतों भरा पैग़ाम कर दिया
अच्छा किया के ईद इसे नाम कर दिया
- अजय फलक



किसी की याद मनाने में ईद गुज़रेगी
सो शहर-ए-दिल में बहुत दूर तक उदासी है
- इसहाक़ विरदग



किसी हसीं से लिपटना अशद ज़रूरी है
हिलाल-ए-ईद तो कोई सुबूत-ए-ईद नहीं
- अब्दुल हमीद अदम



कुछ ऐसे भी बन्दे हैं, वो जिनके मुक़द्दर में
रमज़ान तो होता है, बस ईद नहीं होती
- शाहिद मिर्ज़ा शाहिद



कुछ देर उस ने देख लिया चाँद की तरफ़
कुछ देर आज चाँद को इतराना चाहिए
- अक़ील नोमानी



क़ुर्बान सौ तरह से किया तुझ पर आप को
तू भी कभू तो जान न आया बजाए ईद
- शैख़ ज़हूरूद्दीन हातिम



क्या ईद के दिन भी रमज़ा है की जो साकी
मुझको नहीं मिलता, कोई साग़र नहीं मिलता
- दाग़ देहलवी



क्या ख़बर है हम से महजूरों की उन को रोज़-ए-ईद
जो गले मिल कर बहम सर्फ़-ए-मुबारकबाद हैं
- मुनव्वर ख़ान ग़ाफ़िल



क्यूँ नहीं मिलती गले से तेग-ए-नाज़
ईद क्या अबके भी खाली जायेगी ?
- हबीब जलील



ख़ुदा के दीन का किस तरह हो बयान हुज़ूर
ख़ुदा हर इक को ख़ुशी ईद की नसीब करे
- अमीन हज़ीं



ख़ुशी के फूल खिलेंगे हर इक घर में तो ईद समझूँगा
धनक के रंग बिखरेंगे हर इक घर में तो ईद समझूँगा
- अकबर रिज़वी



ख़ुशी है सब को रोज़-ए-ईद की याँ
हुए हैं मिल के बाहम आश्ना ख़ुश
- मीर मोहम्मदी बेदार



गए बरस की ईद का दिन क्या अच्छा था
चाँद को देख के उस का चेहरा देखा था
- परवीन शाकिर



ग़म के पीछो रास्त कहते हैं कि शादी होवे है
हज़रत-ए-रमज़ां गए तशरीफ़ ले अब ईद है
- आबरू शाह मुबारक



गले सब एक दूजे को लगाओ ईद का दिन है।
सभी मिलकर दुआ को हाथ उठाओ ईद का दिन है
- मंजुल मिश्रा मंज़र



गले सबको लगा करके मनाओ ईद की खुशियाँ
गिले शिकवे भुला करके मनाओ ईद की खुशियाँ
- दिनकर राव दिनकर



गले सभी को लगाओ के ईद का दिन है
दिलों से वैर मिटाओ के ईद का दिन है
- वरुन आनंद



गुजारिश है चमन वालों अमन कायम हो दुनिया में
दिलों से दिल मिला करके मनाओ ईद की खुशियाँ
- दिनकर राव दिनकर



चराग़ दिल के जलाओ कि ईद का दिन है
तराने झूम के गाओ कि ईद का दिन है
- क़तील शिफ़ाई



चलो कि चल के उन्हें चांद की ख़बर दे दें
कई घरों को अभी इंतज़ार ईद का है
- शाहिद मिर्ज़ा शाहिद



चाक ए दामन जो देखा तो मिला ईद का चाँद
अपनी तस्वीर कहाँ भूल गया ईद का चाँद
- सागर सिद्दीक़ी



छत पर तेरा अंगडाई लेना टूट कर,
बिना ईद, इदी का बहाना आ गया
- विवेक कवीश्वर



छत पे आज आजाओ के जश्ने ईद है
हमको भी चाँद दिखाओ के जश्ने ईद है
- फैजी रेहरवी



छुप गया ईद का चाँद निकल कर देर हुई पर जाने क्यों
नज़रें अब तक टिकी हुई हैं मस्जिद के मीनारों पर
- शायर जमाली



छेड़ा है एक नग़्मा-ए-शीरीं भी कू-ब-कू
दिल ने हिलाल-ए-ईद की ताईद के लिए
- अफ़रोज़ रिज़वी



छोड़िये सारी अदावत ईद है
आज बस बांटो महब्बत ईद है
- बिंदु कुलश्रेष्ठ



जनाब के रुख़-ए-रौशन की दीद हो जाती
तो हम सियाह-नसीबों की ईद हो जाती
- अनवर शऊर



जब आया ईद का दिन घर में बेबसी की तरह
तो मेरे फूल से बच्चों ने मुझ को घेर लिया
- बिस्मिल साबरी



जलता रहे चराग़ सभी की उमीद का
ख़ुशआमदेद! आया नज़र चाँद ईद का
- नलिनी विभा नाज़ली



जश्ने-तरब मनाओ कि आमद है ईद की
सब रंजिशें भुलाओ कि आमद है ईद की
- कशिश होशियारपुरी



जहाँ न अपने अज़ीज़ों की दीद होती है
ज़मीन-ए-हिज्र पे भी कोई ईद होती है
- ऐन ताबिश



जा के अपने बड़ों के क़दमों में
सर झुकाओ कि ईद हो जाए
- हनीफ दानिश इंदौरी



जान !, अबके साल गिनती में कोई गड़बड़ न हो,
एक बोसा कम मिला था मुझको पिछली ईद में !!
- शमीम अब्बास



जाने कितनों की हमें देखनी होंगी मौतें
ईद सहमी हुई, है ख़ौफ़ज़दा ईद का चाँद
- मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ा



जाने क्यूँ आपके रुख्सार महक उठते है
जब कभी कान में चुपके से कहा ईद का चाँद
- सागर सिद्दीक़ी



जिस की ताबिश में दरख़शानी हिलाल-ए-ईद की
ख़ाक के मायूस मतला पर किरन उम्मीद की
- जोश मलीहाबादी



जिस तरफ़ तू है उधर होंगी सभी की नज़रें
ईद के चाँद का दीदार बहाना ही सही
- अमजद इस्लाम अमजद



जो दोस्त मेरे, हो गये हैं चाँद ईद के
आ जायें वो भी, चख लें, गले मिल के सिवईंयाँ
- राहत बरेलवी सुभाष राहत बरेलवी



जो लोग गुज़रते हैं मुसलसल रह-ए-दिल से
दिन ईद का उन को हो मुबारक तह-ए-दिल से
- ओबैद आज़म आज़मी



जो हैं रूठे उन्हें मनाना है
ईद को इस तरह मनाना है
- आदिल रशीद



टोली के आगे टोला है रैली के पीछे रेला है
यारो ये ईद का मेला है
- सय्यद ज़मीर जाफ़री



तनहाई का साथी मिल न सका, रुस्वाई में शामिल शहर हुआ
पहले तो मेरा दिल तोड़ दिया, फिर ईद मनाई लोगों ने
- इब्राहीम अश्क



तमाम लोग अभी जी रहे गरीबी में,
कई घरों को अभी इंतज़ार ईद का है
- कुँवर कुसुमेश



तल्ख़ अहसास से आजाद किया है खुद को
उसने मुझको कहा है ईद मुबारक तुझको
- अरमान जोधपुरी



तल्खियाँ बढ़ गईं जब ज़ीस्त के पैमाने में
घोल के दर्द के मारों ने पीया ईद का चाँद
- सागर सिद्दीकी



तु साथ हो तो साथ रहती है कायनात,
हर शब है चाँद रात तो हर रोज़ ईद है
- क़ैसर ख़ालिद



तुझ को मेरी न मुझे तेरी ख़बर जाएगी
ईद अब के भी दबे पाँव गुज़र जाएगी
- ज़फ़र इक़बाल



तुम अभी आसमाँ को तकते हो
शहर में सब ने ईद भी कर ली
- मुईन शादाब



तुम बिन चाँद न देख सका टूट गई उम्मीद
बिन दर्पन बिन नैन के कैसे मनाएँ ईद
- बेकल उत्साही



तुम्हारे इश्क़-ए-अबरू में हिलाल-ए-ईद की सूरत
हज़ारों उँगलियाँ उट्ठीं जिधर से हो के हम निकले
- किशन कुमार वक़ार



तू आए तो मुझ को भी
ईद का चाँद दिखाई दे
- हरबंस सिंह तसव्वुर



तू न आएगा तो हो जाएँगी ख़ुशियाँ सब ख़ाक
ईद का चाँद भी ख़ाली का महीना होगा
- मुज़्तर ख़ैराबादी



तेरे दीदार से बढ़कर नहीं कोई ख़ुशी हमको
हिलाले ईद भी हमने तेरा मुंह देखकर देखा
- बेख़ुद देहलवी



तौबा करो खुदा से औ अपने अन्दर छुपे हुए
उस इंसान को जगाओ के जश्ने ईद है
- फैजी रेहरवी



दिखाए जाती है उफ़ ज़िन्दगी घड़ी कैसी,
उफ़ ऐसे हाल में अब ईद की ख़ुशी कैसी
- एजाज़ उल हक़ शिहाब



दिन है ईद का और मेरी आँखें भर आयीं
आओ गले लगालो, तुम कहॉ हो मेरे भाई
- शेख बिस्मिल्ला सोनोशी



दिल के ज़ख्मो को छुपाऊँ कैसे
गम के माहौल में ईद मनाऊं कैसे
- फ़ैयाज़ अहमद ख़ालिसपुरी



दिल को लुभा लिया है मेरे चाँद-रात ने,
आ जा कि रूह रूह में तू भी बसा ले ईद
- कुँवर कुसुमेश



दिल दुखा है न वो पहला सा न जाँ तड़पी है
हम ही ग़ाफ़िल थे कि आई ही नहीं ईद अब के
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़



दिल में हैं छुपे रोग, मैं क्या ईद मनाऊं
बिछड़े हैं कई लोग मैं क्या ईद मनाऊं
- शहज़ाद मेहदी



दिलों में प्यार जगाने को ईद आई है
हँसो कि हँसने हँसाने को ईद आई है
- मोहम्मद असदुल्लाह



दिलों से फ़र्क़ मिटें, इंसानियत पे बढे भरोसा
अल्लाह की भेजी ने मतें लाया, दिन ईद का
- गोविंद वर्मा सिराज



दिवाली ईद में अक्सर खिलौने बेचता है अब
ये वो बच्चा है जिस ने अपनी ख़्वाहिश को दबा रक्खा
- संजीव आर्या



दिवाली और सुब्ह-ए-ईद फ़ारूक़ी! मुबारक हो
मुझे छोड़ो में जिस आलम में हूँ वो मेरी क़िस्मत है!!
- सलाम मछली शहरी



दीप जलाए रस्ता तकती रहती हूँ
वो आए तो ईद दिवाली होली है
- इशरत मोईन सीमा



दुश्मन मिले अगरचे किसी मोड़ ईद पर
लगना गले खुदा ने ये अहकाम कर दिया
- अजय फलक



दूर से पर दिल से मिले प्रीत के साथ
ये तजुरबा ज़रा नया है ईद के साथ
- अमित हर्ष



देखता रहता हूँ तिरी ईदें
मेरे रोज़े गुज़रते रहते हैं
- फ़हमी बदायुनी



देखा है आसमान पे जबसे हिलाले-ईद
दुनिया ख़ुशी से झूम रही है मना ले ईद
- कुँवर कुसुमेश



देखो तो ज़रा हुस्ने-क़मर, ईद मुबारक
सब को हो अता नेक समर, ईद मुबारक
- नलिनी विभा नाज़लि



धर्म के नाम पे इंसाँ न कटे ईद के दिन
घर किसी का न मेरे भाई जले ईद के दिन
- शमशाद शाद



न हाथ दिया, न गले मिले, न मयस्सर तुम्हारी दीद हुई ,
अब तुम ही बताओ , ये कयामत हुई कि ईद हुई !!!
- मुनव्वर राणा



नए कपड़े, शिकम भर रोटियों को, जो तरसते हैं
उन्हीं मासूम बच्चों को रुलाने ईद आएगी
- शोर फ़ैज़ाबादी



नफ़रतों के गुबार धुल जाएँ, उल्फ्तों के गुलाब खिल जाएँ
ईद इस बार इस तरह आए दिल के तारों से तार मिल जाएँ
- ख़ुर्शीद आलम



नय्यर मुबारक ये ईद सब को
हो इस ख़ुशी की फिर दीद सब को
- मोहम्मद शफ़ीउद्दीन नय्यर



निकले हैं घर से देखने को लोग माह-ए-ईद
और देखते हैं अबरू-ए-ख़मदार की तरफ़
- परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़



नेकियाँ खूब करो ईद से पहले पहले
माहे रमज़ां की सुनो ईद से पहले पहले
- असद निज़ामी



नौजवानी की दीद कर लीजे
अपने मौसम की ईद कर लीजे
- मीर हसन



प्यार से दावत देते हैं मंज़ूर करें !
मीठी ईद पे हर कड़वाहट दूर करे
- अब्दुर्रहमान मंसूर



फ़रहत ए ईद मुबारक हो मगर
हक़ ग़रीबों का न मारा जाए
- फ़रहत दुर्रानी शिकस्ता



फ़लक पे चाँद सितारे निकलने हैं हर शब
सितम यही है निकलता नहीं हमारा चाँद
- पंडित जवाहर नाथ साक़ी



फ़ाकों से ही ईद मनायी हो जिसने
उसके आगे पिस्ते बादाम छुआरे क्या
- डॉ. रोहित अयान



फिर तिरी दीद की सआदत हो
वक़्त को ईद की बशारत हो
- खुर्शीद अकबर



फिर पुराने हिसाब कर लेंगे
लग गले चाँद रात आई है
- आतिश इंदौरी



फिर बाम की जानिब उठे अबरू-ए-हिलाली
और चाँद ने शर्मा के कहा ईद-मुबारक
- अब्दुल अहद साज़



फ़ुरात-ए-चश्म पे है कर्बला की तुग़्यानी
दरून-ए-कूफ़ा-ए-दिल ईद करने आया हूँ
- तफ़ज़ील अहमद



बच्चे ख़ुश हों यही है सारी ईद
उन के बच्चों की ईद उन की ईद
- हफ़ीज़ जालंधरी



बताओ दीद कब होगी
हमारी ईद कब होगी
- मारूफ़ राय बरेलवी



बम फटे कोई, न बंदूक़ चले ईद के दिन
या ख़ुदा ख़ून किसी का न बहे ईद के दिन
- शमशाद शाद



बस्तियों में आशिक़ों की, ईद है
बत्तियां गुल, चांद भी निकला नहीं
- अंजुम लुधियानवी



बहोत खुब होता है याद आना तेरा
ईद की रात है ,मुलाका़त भी होगी
- कविता डवरे



बादबाँ नाज़ से लहरा के चली बाद-ए-मुराद
कारवाँ ईद मना क़ाफ़िला-सालार आया
- जोश मलीहाबादी



बिछडें हैं जो अज़ीज़ मेरे ईद के क़रीब
उनको भुलाके कैसे मनाऊं मैं अपनी ईद
- फ़रहत दुर्रानी शिकस्ता



बिल-आख़िर फिर आ ही गया यौम-ए-ईद
वो दिन जो हमारे लिए है सईद
- मोहम्मद ओसामा सरसरी



भूख की आँखों में रोटियों का सपना अभी अधूरा है
जब चूल्हा जलेगा हर इक घर में तो ईद समझूँगा
- अकबर रिज़वी



मगर ये ईद का दिन भी तो इक हक़ीक़त है
कि वज्ह-ए-ईद समझना भी इक इबादत है
- शिफ़ा कजगावन्वी



मना लेते है ईद दिदारे रूख से हम
इबादते इश्क को माहताब किसलिए
- प्रकाश मोरे



मय पी के ईद कीजिए गुज़रा मह-ए-सियाम
तस्बीह रखिए साग़र-ओ-मीना उठाइए
- वज़ीर अली सबा लखनवी



महक उठी है फ़ज़ा पैरहन की ख़ुशबू से
चमन दिलों का खिलाने को ईद आई है
- मोहम्मद असदुल्लाह



मह-जबीं ईद में अंगुश्त-नुमा क्यूँ न रहें
ईद का चाँद ही अंगुश्त-नुमा होता है
- सफ़ी औरंगाबादी



महफ़िल में तेरी ईद के दिन मेरे गले से
यह कौन सा फितना है जो उठ कर नहीं मिलता
- दाग़ देहलवी



माह-ए-नौ देखने तुम छत पे न जाना हरगिज़
शहर में ईद की तारीख़ बदल जाएगी
- जलील निज़ामी



माहे रमज़ाँ की जियाफत के लिए ईद का दिन
है ये मंसूब महब्बत के लिए ईद का दिन
- गीता शुक्ला



माहे रमज़ान की सौग़ातें लाया, दिन ईद का
हर दिल ख़ुशियाँ बरकतें लाया, दिन ईद का
- गोविंद वर्मा सिराज



मिलेगा ग़ैर भी उनके गले ब-शौक़ ऐ दिल
हलाल करने मुझे ईद का हिलाल आया
- शाद अज़ीमाबादी



मुझ को तो ईद में भी फ़राग़त कहाँ मिली
लड़ती रही है सास सवेरे से शाम तक
- साजिद सजनी



मुझ ख़स्ता दिल की ईद का क्या पूछना हुज़ूर
जिनके गले से आप मिले उनकी ईद है
- बेदम शाह वारसी



मुझसे मत कर यार कुछ गुफ्तार, मै रोज़े से हूँ
हो न जाए तुझ से भी तकरार, मै रोज़े से हूँ
- ज़मीर जाफ़री



मुद्दतों बाद कभी ऐ नज़र आने वाले
ईद का चाँद न देखा तिरी सूरत देखी
- मंज़र लखनवी



मुफ़्लिस की जवानी ईद के दिन जब सुब्ह से आहें भरती है
दुनिया ये अमीरों की दुनिया तब ईद की ख़ुशियाँ करती है
- नुशूर वाहिदी



मुबारक ईद का त्यौहार तू है
नज़ीरें और कितनी तेरी दूँ मैं
- चन्द्र शेखर वर्मा



मुसलमाँ क़र्ज़ ले कर ईद का सामाँ ख़रीदेंगे
जो दाना हैं वो बेचेंगे जो हैं नादाँ ख़रीदेंगे
- सय्यद मोहम्मद जाफ़री



मुस्कुराओ कि ईद हो जाए
गुनगुनाओ के ईद हो जाए
- हनीफ दानिश इंदौरी



मुस्कुराओ कि ईद हो जाए
गुनगुनाओ के ईद हो जाए

अपने छोटे बड़ों की सब ग़लती
भूल जाओ कि ईद हो जाए
- हनीफ दानिश इंदौरी



मेरी ख़ुशियों से वो रिश्ता है तुम्हारा अब तक
ईद हो जाए अगर ईद-मुबारक कह दो
- नोमान शौक़



मेरी तो पोर पोर में ख़ुश्बू सी बस गई
उस पर तिरा ख़याल है और चाँद-रात है
- वसी शाह



मेरे महबूब मिरे प्यार को इल्ज़ाम न दे,
हिज्र में ईद मनाई है मोहर्रम की तरह
- राणा सेहरी



मेरे मौला की इनायत के लिए ईद का दिन
नूरे अल्लाह की सूरत के लिए के ईद के दिन
- गीता शुक्ला



मेरे लहू के रंग से चमकी मेहँदी कितने हाथों पर
शहर में जिस दिन क़त्ल हुआ मैं, ईद मनाई लोगों ने
- ज़फ़र गोरखपुरी



मेरे सुर्ख़ लहू से चमकी कितने हाथों में मेहंदी
शहर में जिस दिन क़त्ल हुआ मैं ईद मनाई लोगों ने
- बहादुर शाह ज़फ़र



मेरे सुर्ख लहू से चमकी जाने कितने हाथों पे मेहंदी
शहर में जिस दिन क़त्ल हुआ मैं, ईद मनाई लोगो ने
- बहादुर शाह ज़फ़र



मैं अजब ये रस्म देखी मुझे रोज़-ए-ईद-ए-क़ुर्बां
वही ज़ब्ह भी करे और वही ले सवाब उल्टा
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



मैं केसे ईद मनाऊँ ।
मैं केसे ईद मनाऊँ ।
ख़ूनी गलयाँ, ख़ूनी मंज़र, ख़ूनी हैं सब राहें

गूंज रही हैं सब सिमतों में बेबस माँ की आहें
आहों के इस शोर में केसे कोई गीत मैं गाऊँ ।
मैं केसे ईद मनाऊँ
मैं केसे ईद मनाऊँ ।
- शम्स देवबंदी



मैं ने कहा के ईद के मतलब बताइए
फैला के बाहें उसने कहा आइये जनाब
- आदिल रशीद



मौसम हुआ हसीन सनम ईद आ गई
रब ने किया बशर पे करम ईद आ गई
- गिरधारी सिंह गहलोत तुरंत बीकानेरी



यही दिन अहल-ए-दिल के वास्ते उम्मीद का दिन है
तुम्हारी दीद का दिन है हमारी ईद का दिन है
- मजीद लाहौरी



यारब हज़ार साल सलामत रहें हुज़ूर
हो रोज़ जश्न-ए-ईद यहाँ जावेदाँ बसंत
- मुनीर शिकोहाबादी



यूं तो घर में तमाम मेहमां हैं
आप आओ कि ईद हो जाए
- हनीफ दानिश इंदौरी



ये अजीब माजरा है कि ब-रोज़-ए-ईद-ए-क़ुर्बां
वही ज़ब्ह भी करे है वही ले सवाब उल्टा
- इंशा अल्लाह ख़ान इंशा



ये तय है कि हम ईद मनाने के नहीं हैं
मिलकर न कहा तुमने अगर ईद मुबारक
- नुसरत मेहदी



ये नानक की ये ख़ुसरव की दया-शंकर की बोली है
ये दीवाली ये बैसाखी ये ईद-उल-फ़ित्र होली है
- मंज़र भोपाली



ये सिर्फ पर्व नहीं है कुँवर यक़ीं मानो,
हमारी रूह पे भी इख़्तियार ईद का है
- कुँवर कुसुमेश



रख चुके फुरक़तों के रोज़े भी
अब ग़रीबों की ईद होने दे
- महशर आफ़रीदी



रब ने रक्खा मान ईद मुबारक हो
सब उस का एहसान ईद मुबारक हो
- अताउर्रहमान तारिक़



रमजान-ए-पाक हो गया रुख़सत सुकून से
सब दूर हो गए हैं लो ग़म ईद आ गई
- गिरधारी सिंह गहलोत तुरंत बीकानेरी



रसमन रिवाजो को निभाऊं कैसे
गम के माहौल में ईद मनाऊं कैसे
- फ़ैयाज़ अहमद ख़ालिसपुरी



रह गया दे कर चाँद दिखाई
चाँद हुआ पर ईद न आई
- अल्ताफ़ हुसैन हाली



रह रह के मुझे याद सताती है तुम्हारी
कब्रों में पड़े लोग मैं क्या ईद मनाऊं
- शहज़ाद मेहदी



रहना पल पल ध्यान में
मिलना ईद के ईद में
- हसन शाहनवाज़ ज़ैदी



रात है बाक़ी, आयेगी वो, अब भी इक उम्मीद है
गले लगेगी, बोसा देगी, मेरी भी तो ईद है
- गौतम राजऋषि



रूनुमा जिस की बदौलत जल्वा-ए-उम्मीद हो
दूर ज़ुल्मत हो दिलों से और घर घर ईद हो
- सफ़ीर काकोरवी



रेडियो कहता था सुन लो कल हमारी ईद है
और आलिम कहते थे ये ग़ैर-शरई ईद है
- दिलावर फ़िगार



रोज़ा रखो या न रखो माहे- रमज़ान में,
दिल की बुराई तो तजो माहे -रमज़ान में।
- डा. संजय दानी कंसल



रोज़ा-दारान-ए-जुदाई कूँ ख़म-ए-अबरू-ए-यार
माह-ए-ईद-ए-रमज़ां था मुझे मालूम न था
- सिराज औरंगाबादी



रोज़े रखे मगर न पढ़ी ईद की नमाज़
तनख़्वाह वाले दिन ही मैं दफ़्तर नहीं गया
- ज़ुबैर अली ताबिश



लाया है चांद सबके लिए ईद की ख़ुशियाँ
रानाई से मख़मूर हैं घर, गांव और गलियाँ
- राहत बरेलवी सुभाष राहत बरेलवी



लुटी हर-गाम पर उम्मीद अपनी
मोहर्रम बन गई हर ईद अपनी
- हबीब जालिब



लैलतुल-क़द्र है हर शब उसे हर रोज़ है ईद
जिस ने मय-ख़ाने में माह-ए-रमज़ाँ देखा है
- मुनव्वर ख़ान ग़ाफ़िल



लो फिर से महकने लगीं उम्मीद की कलियां
खुलने लगे इमकान के दर, ईद मुबारक
- नुसरत मेहदी



लोग ढूँढे हैं जनाज़ों में अज़ीज़ों का सुराग़
पूछता फिरता है अपनों का पता ईद का चाँद
- मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ा



वतन की आग बुझाओ . वतन की आग बुझाओ
छोड़ के नफरत मिलजुल कर सब होली ईद मनाओ
- इकबाल



वहाँ ईद क्या वहाँ दीद क्या
जहाँ चाँद रात न आई हो
- शारिक़ कैफ़ी



वही दिन है हमारी ईद का दिन
जो तिरी याद में गुज़रता है
- मोहम्मद अली जौहर



वादा-ए-वस्ल दिया ईद की शब हम को सनम
और तुम जा के हुए शीर-ओ-शकर और कहीं
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



वादों ही पे हर रोज़ मिरी जान न टालो
है ईद का दिन अब तो गले हम को लगा लो
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



वाह क्या ख़ूब तिरी दीद हुई !
तुझ को देखा तो मिरी ईद हुई !!
- रेहान मुबारक तन्हा



वो अगर रहने दे हमको चैन से
हम भी घरवाले मनाएं ईद सब
- नदीम बिसमिल



वो दिवाली हो या फिर ईद हो
बस तुम्हारे दीद से तम्हीद हो
- बादल गुलशनाबादी



वो बर्थ-डे पे मुझे मुँह नहीं लगाता था
सो मैं भी उस के गले ईद के बहाने लगा
- खालिद इरफ़ान



वो शिक़्वे गिले सब मिटाने दिलो के
गले अब मिलाने तुम्हे ईद आई
- साहिल रामपुरी



वो साल भर से कुदूरत भरी जो थी दिल में
वो दूर हो गई बस एक बार ईद के दिन
- अकबर इलाहाबादी



वो सुब्ह-ए-ईद का मंज़र तिरे तसव्वुर में
वो दिल में आ के अदा तेरे मुस्कुराने की
- फ़ानी बदायुनी



शराबे-इश्क़े-नबी है, खुमार ईद का है
ख़ुशी में झूमता हर रोज़ेदार ईद का है
- कुँवर कुसुमेश



शहर ख़ाली है किसे ईद मुबारक कहिए
चल दिए छोड़ के मक्का भी मदीना वाले
- अख़्तर उस्मान



शाख़ों से मिली जाती हैं शाख़ें वो असर है
कहती है नसीम-ए-सहरी ईद-ए-सहर है
- जोश मलीहाबादी



शादी से ग़मे-जहाँ में वो चंद हमने पाया
है ईद एक दिन तो दस रोज़ याँ दहा है
- मीर तक़ी मीर



शाम के साए बालिश्तों से नापे हैं
चाँद ने कितनी देर लगा दी आने में
- गुलज़ार



शिक़वे गिले भुलाकर कहें ईद मुबारक
आओ गले लगाकर कहें ईद मुबारक
- राजा खान साहिल



शीरीं यह लब तुम्हारे पलके ये धारदार
सेवैया आज खिलाओ के जश्ने ईद है
- फैजी रेहरवी



शेर में, रश्क-ए-क़मर लैला को फ़रमाने लगे
ट्यूब-लाईट को हिलाल-ए-ईद बतलाने लगे
- खालिद इरफ़ान



सजती थी कभी तन पे जो थी ईद की अचकन
सजते थे कभी हम, तो कभी ईद की अचकन
- सय्यद मोहम्मद जाफ़री



सब खड़े देख रहे अ़र्श की जानिब साक़िब
चांद ने आ के कहा ईद मुबारक हो तुम्हें
- साक़िब क़मर



सब मनाते हैं यूँ ख़ुलूस से इसे फिर भी
ईद का लुत्फ़ तो ऐ दोस्त लखनऊ में है
- सचिन मेहरोत्रा



सबसे हुए वो सीना-ब-सीना, मुझसे मिलाया ख़ाली हाथ
ईद के दिन जो सच पूछो तो ईद मनायी लोगों ने
- पुरनम अलाहाबादी.



सभी ने ईद मनाई मिरे गुलिस्ताँ में
किसी ने फूल पिरोए किसी ने ख़ार चुने
- शकेब जलाली



सभी मुराद हों पूरी हर एक सवाली की
दुआ को हाथ उठाओ कि ईद का दिन है
- क़तील शिफ़ाई



साँप के बदले भैंस के आगे चूहिया बीन बजाएगी
अब के ईद पे बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम लगाएगी
- जमील उस्मान



साझे त्यौहार हैं होली हो कि ईद-ए-क़ुर्बां
ज़िंदगी कितनी दिल-आवेज़-ओ-दिल-आरा है यहाँ
- साहिर होशियारपुरी



सारे रोज़े रख लिये हैं इस बरस तेरे बगैर
दूर से ही भेज देना तुम मुबारक ईद की
- नादिर सिराज



सिक्ख, ईसाई, मुस्लिम, हिन्दू भारत माँ की औलादें
लोहनी, क्रिसमस, ईद, दिवाली ख़ुशी के सब पल इक जैसे
- मोहसीन आफ़ताब केलापुरी



सिर्फ उल्फत हो दिलों में कोई नफ़रत न रहे
दुश्मनो से भी मिलो ईद से पहले पहले
- असद निज़ामी



सिवय्याँ दूध शकर मेवा सब मुहय्या है
मगर ये सब है मुझे नागवार ईद के दिन
- अकबर इलाहाबादी



सौ ईद अगर ज़माने में लाए फ़लक व-लेक
घर से हमारे माह-ए-मुहर्रम न जाएगा
- रज़ा अज़ीमाबादी



हम ने तुझे देखा नहीं क्या ईद मनाएँ
जिस ने तुझे देखा हो उसे ईद मुबारक
- लियाक़त अली आसिम



हमको,
तुमको,
एक-दूसरे की बाहों में

बँध जाने की
ईद मुबारक।
- केदारनाथ अग्रवाल



हमारी ईद तो है देखने पर तेरे अब्रू को
हिलाले-ईद को ऐ महजबीं देखा तो क्या देखा
- बहादुरशाह ज़फ़र



हमारी होली है ईद है वो हर इक ख़ुशी की उमीद है वो
वो पास आए तो उस से पूछें तू इतने दिन से कहाँ था पहले
- सबीहा सदफ़



हमारे दर्द, ग़म, आहें, सुकूं और प्यार साझा हैं
मुहब्बत, भाईचारा, दोस्ती, तकरार साझा हैं
- के.पी. अनमोल



हमारे मुल्क की मिट्टी, हमारे गाँवों की गलियाँ
मकानों की छतें, दिल में बसे संसार साझा हैं
- के.पी. अनमोल



हयात आओ चलो उनका भी इस्तक़बाल करते हैं
तुम्हारे दोस्त जो आये मुक़द्दस ईद का दिन है
- शमीम हयात



हर शब शब-ए-बरात है हर रोज़ रोज़-ए-ईद
सोता हूँ हाथ गर्दन-ए-मीना में डाल के
- हैदर अली आतिश



हालात शहाब आँख उठाने नहीं देते
बच्चों को मगर ईद मनाने की पड़ी है
- शहाब सफ़दर



हासिल उस मह-लक़ा की दीद नही
ईद है और हम को ईद नहीं
- बेखुद बदायुनी



हिन्दू-मुस्लिम मिल के मनाएँ, होली हो या ईद का मिलन
त्योहारों का रूप उजागर, चलिए चलकर गाँव में देखें
- कृष्ण बिहारी नूर



हिलाल-ए-ईद ने दी है यही दिलों को ख़बर
पुकारता है हिमाला से अब्र उठ उठ कर
- चकबस्त ब्रिज नारायण



हुज़ूर उस की करो अब सलामती की दुआ
सर-ए-नमाज़ झुकाओ कि ईद का दिन है
- क़तील शिफ़ाई



है ईद का दिन आज तो लग जाओ गले से
जाते हो कहाँ जान मिरी आ के मुक़ाबिल
- मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी



है ईद मय-कदे को चलो देखता है कौन
शहद ओ शकर पे टूट पड़े रोज़ा-दार आज
- सय्यद यूसुफ़ अली खाँ नाज़िम



है कितनी प्यारी प्यार भरी ईद की अदा
अपना समझ के सब को गले से लगाए है
- नज़ीर बनारसी



है मुसलमानों पर वाजिब सदक़ा-ए-ईद-उल-फ़ित्र
पा के रोज़ी ख़ुश हैं ग़ुरबा ये निहाल-ए-ईद है
- निसार कुबरा अज़ीमाबादी



है मेरी तरफ से सभी को बधाई
मुबारक हो अहल-ए-वतन ईद आई
- साहिल रामपुरी



होली खेले है अली, ईद मनावे श्याम
आवे ना विश्वास तो, अइयो मेरे गाम
- पवन दीक्षित



होली हो या ईद हो,या कोई त्यौहार
मक़सद तो है बांटना,इक दूजे का प्यार
- सीमाब सुल्तानपुरी



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