पहले सौ बार इधर और उधर देखा है
पहले सौ बार इधर और उधर देखा हैतब कहीं डर के तुम्हें एक नज़र देखा है
हम पे हँसती है जो दुनियाँ उसे देखा ही नहीं
हम ने उस शोख को ऐ दीदा-ए-तर देखा है
आज इस एक नज़र पर मुझे मर जाने दो
उस ने लोगों बड़ी मुश्किल से इधर देखा है
क्या ग़लत है जो मैं दीवाना हुआ, सच कहना
मेरे महबूब को तुम ने भी अगर देखा है - मजरूह सुल्तानपुरी
Pahle sau baar idhar aur udhar dekha hai
Pahle sau baar idhar aur udhar dekha haitab kahi dar ke tumhe ek nazar dekha hai
ham pe hasti hai jo duniya use dekha hi nahi
ham ne us shoukh ko ae deeda-e-tar dekha hai
aaj is ek nazar par mujhe mar jane do
us ne logo badi mushkil se idhar dekha hai
kya galat hai jo mai deewana hua, sach kahna
mere mahboob ko tum ne bhi agar dekha hai - Majrooh Sultanpuri
उसने लोगो बड़ी मुश्किल से इधर देखा है
क्या बात है बहुत अच्छा लिखा है
उसने लोगो बड़ी मुश्किल से इधर देखा है
क्या बात है बहुत अच्छा लिखा है