बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ - निदा फ़ाज़ली

बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ

बेसन की सोंधी रोटी पर खट्टी चटनी जैसी माँ
याद आती है चोका बासन, चिमटा फुकनी जैसी माँ

चीड़ो की चाहकर में गूंजे राधामोहन अली अली
मुर्गे की आवाज से खुलती घर की कुण्डी जैसी माँ

बाण की खुर्री ख़त के ऊपर हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जगी भरी दोपहरी जैसी माँ

बीवी, बेटी, बहन, पड़ोसन थोड़ी थोड़ी सी सब में,
दिन भर एक रस्सी के ऊपर चलती नटनी जैसी माँ

बाट के अपना चेहरा, माथा, आँखे जाने कहा गई
फटे पुराने एक एलबम में चंचल लड़की जैसी माँ - निदा फ़ाज़ली


besan ki sondhi roti par khatti chatni jaisi maa

besan ki sondhi roti par khatti chatni jaisi maa
yaad aati hai chouka basan, chimta fukni jaisi maa

chido ki chahkar me gunje radhamohan ali ali
murge ki aawaz se khulti ghar ki kundi jaisi maa

baan ki khurri khat ke upar har aahat par kaan dhare
aadhi soi aadhi jagi bhari dophari jaisi maa

bivi, beti, bahan, padosan thodi thodi sab me
din bhar ek rassi ke upar chalti natni jaisi maa

baat ke apna chehra, maatha, aankhe jane kaha gai
fate purane ek elbam me chanchal ladki jaisi maa - Nida Fazli

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