चंदा मामा, आ जाना
चंदा मामा, आ जाना, साथ मुझे कल ले जाना।कल से मेरी छुट्टी है ना आये तो कुट्टी है।
चंदा मामा खाते लड्डू, आसमान की थाली में।
लेकिन वे पीते हैं पानी आकर मेरी प्याली में।
चंदा देता हमें चाँदनी, सूरज देता धूप।
मेरी अम्मा मुझे पिलातीं, बना टमाटर सूप।
थपकी दे-दे कर जब अम्मा, मुझे सुलाती रात में।
सो जाता चंदा मामा से, करता-करता बात मैं।
द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी
chanda mama, aa jana
chanda mama, aa jana, sath mujhe kal le janakal se meri chutti hai naa aye to kutti hai
chanda mama khate laddu, aasmaan ki thali me
lekin we peete hai paani aakar meri pyali me
dhapaki de-de kar jab amma, mujhe sulati raat me
so jata chanda mama se, karta-karta baat me
Dwarika Prasad Maheshwari