अपनी लाश का बोझ उठाऊँ, नामुमकिन - अमन चांदपुरी

अपनी लाश का बोझ उठाऊँ, नामुमकिन

अपनी लाश का बोझ उठाऊँ, नामुमकिन
मौत से पहले ही मर जाऊँ, नामुमकिन

दुनिया ने इतने खानों में बाँट दिया
फिर ख़ुद को यकजा कर पाऊँ, नामुमकिन

अपने दिल की बात तो मैं कह सकता हूँ
उसके दिल की बात बताऊँ, नामुमकिन

दुनिया तेरे कहने से नामुमकिन को
मैं मुमकिन मुमकिन चिल्लाऊँ, नामुमकिन
note
प्यार में ये सब कहना है आसान बहुत
लेकिन तारे तोड़ के लाऊँ, नामुमकिन

भूल गया हूँ उसको मैं सच है लेकिन
ये जुमला उससे कह पाऊँ, नामुमकिन

दुनिया छोड़ के जिस दुनिया में आया हूँ
उस दुनिया से बाहर आऊँ, नामुमकिन

उन आखों के नश्शे में हूँ चूर ‘अमन’
मैखाने की जानिब जाऊँ, नामुमकिन - अमन चांदपुरी


apni laash ka bojh uthaun, namumkin

apni laash ka bojh uthaun, namumkin
mout se pahle hi mar jaun, namumkin

duniya ne itne khano me baant diya
phir khud ko yakza kar paun, namumkin

apne dil ki baat to mai kah sakta hun
uske dil ki baat bataun, namumkin

duniya tere kahne se namumkin ko
mai mumkin mukin chillaun, namumkin

pyar me ye sab kahna aasan bahut
lekin tare tod ke laun, namumkin

bhul gaya hun ysko mai sach lekin
ye jumla usse kah paun, namumkin

duniya chhod ke jis duniya me aaya hun
us duniya se baahar aaun, namumkin

un aankho ke nashe me hun choor "Aman"
maikhane ki jaanib jaaun, namumkin - Aman Chandpuri

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