खुदा को ही अब साँचों मे उतरना पडेगा
उतरेंगे फलक से तो जमीन पर चलना पडेगा,सितारों को कदम कदम पर सभँलना पडेगा।
तरह तरह के रंग दिखाती इस दुनिया में,
तुझे आईने की तरह ढलना पडेगा।।
बहुत बदनाम कर दिया है इस जमाने ने,
अब मोहब्बत का नाम ही बदलना पडेगा।।
कुछ फर्क समझ नहीं आता इतनी मूरते हैं,
खुदा को ही अब साँचो मे उतरना पडेगा।।
और पानी खत्म हो रहा धीरे धीरे इस जहाँ में,
आदमी को अब आग से ही सँवरना पडेगा।। - अवनींद्र बिस्मिल
परिचय
नाम अवनींद्र सिंह Avanindra Singh तखल्लुस बिस्मिल लगाते है कुछ गज़ले और लघु कथाए प्रकाशित हुई है उन्नाव ( उ.प्र.) के रहने वाले है |
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Mob no-8563985112
utrenge falak se to zamin par chalna padega
utrenge falak se to zamin par chalna padegasitaro ko kadam-kadam par sambhlana padega
tarah tarah ke rang dikhati is duniya me
tujhe aaine ki tarah dhalna padega
bahut badnam kar diya hai is jamane ne
ab mohbbat ka nam hi badlana padega
kuch fark samajh nahi aata istni murte hai
khuda ko hi ab saancho me utarana padega
aur paani khatm ho raha dheere-dheere is jahaan me
aadmi ko ab aag se sanvarana padega - Avnindra Bismil