राक्षस था न खुदा था पहले- निदा फाज़ली

राक्षस था न खुदा था पहले आदमी कितना बड़ा था पहले

राक्षस था न खुदा था पहले

राक्षस था न खुदा था पहले
आदमी कितना बड़ा था पहले

आसमां, खेत, समंदर, सब लाल
खून कागज पे उगा था पहले

मै वो मक्तूल जो क़ातिल न बना
हाथ मेरा भी उठा था पहले

अब किसी से भी शिकायत न रही
जाने किस-किस से गिला था पहले

शहर तो बाद में वीरान हुआ
मेरा घर ख़ाक हुआ था पहले - निदा फाज़ली
मायने
मक्तूल = मृतक, गिला = शिकायत


rakshas tha n khuda tha pahle

rakshas tha n khuda tha pahle
aadmi kitna bada tha pahle

aasmaan, khet samndar sab laal
khun kaagaz pe uga tha pahle

mai wo maqtul jo qatil n bana
haath mera bhi utha tha pahle

ab kisi se bhi shikayat n rahi
jane kis-kis se gila tha pahle

shahar to baad me veeran hua
mera ghar khaak hua tha pahle - Nida Fazli

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