गुलिस्ता की हद तोड़ पाए तो जानू
गुलिस्ता की हद तोड़ पाए तो जानूमहक मेरे घर तक भी आए तो जानू
सुबह वक्त सूरज को सब पूजते है
कोई शाम को सर झुकाए तो जानू
तू माहिर है ! हसते हुए को रुला दे
जो रोते हुए को हसाए तो जानू
कड़ी धुप में छाँव होती है कैसे
वो पलकें जरा सा झुकाए तो जानू
जो आने से पहले करे जाऊ-जाऊ
किसी दिन वो आकार न जाए तो जानू
नशा है न वो ज़ायका है कद में
कभी वो नज़र से पिलाये तो जानू
गवाहों से 'कौसर' भरी है अदालत
सजा असल कातिल ही पाए तो जानू - पूनम कौसर
gulista ki had tod paye to jaanu
gulista ki had tod paye to jaanumahak mere ghar tak bhi aaye to jaanu
subah waqt suraj ko sab pujate hai
koi shaam ko sar jhukae to janu
tu mahir hai ! hasate hue ko rula de
jo rote hue ko hasae to jaanu
kadi dhoop me chaanv hoti hai kaise
wo palake jara sa jhukaye to jaanu
jo jaane se pahle kare jau-jau
kisi din wo aakar n jaye to jaanu
nasha hai n wo zayka hai kadah me
kabhi wo nazar se pilaye to janu
gawaho se 'Kousar' bhari hai adalat
saja asal qatil hi paye to jaanu - Poonam Kousar/Kausar
बहुत खूब