दर्द-ए-दिल दर्द आशना जाने - बहादुर शाह ज़फ़र

दर्द-ए-दिल दर्द आशना जाने

दर्द-ए-दिल दर्द आशना जाने
और बेदर्द कोई क्या जाने

जुल्फ तेरी है वह बला काफ़िर
पूछ मुझसे तेरी बला जाने

बेवफा जाने क्या वफ़ा मेरी
बावफा हो तो वह वफ़ा जाने

कर दिया एक निगाह में बेखुद
चश्म काफ़िर है क्या खुदा जाने

सरफराज़ी उसी को हो तो ज़फ़र
आपको सब का ख़ाक पा जाने - बहादुर शाह ज़फ़र
मायने
आशना = परिचित, बला = विपत्ति, काफ़िर = निर्दयी, बावफा = प्रेमयुक्त, चश्म काफ़िर = निष्ठुर आँख, सरफराज़ी = उन्नति, ख़ाक पा = चरणों की धुल


Dard-e-dil dard aashna jane

Dard-e-dil dard aashna jane
aur bedard koi kya jane

zulf teri hai wah bala kafir
puch mujhse teri bala jane

bewafa jane kya wafa meri
bawafa ho to wah wafa jane

kar diya ek nigah me bekhud
chashm kafir hai kya khuda jane

sarfarazi usi ko ho to zafar
aapko sab ka khaq pa jane- Bahadur Shah Zafar
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