हवाए दिलसिता जब राग सावन के सुनाती है - जोश मलीहाबादी

हवाए दिलसिता जब राग सावन के सुनाती है

हवाए दिलसिता जब राग सावन के सुनाती है
किसी काफ़िर की जब रह-रह के दिल में याद आती है

सिमट जाती है, जब बिजली दिखा कर अब्र से झलकी
फलक पर दफ़तन जब सांस रुक जाती है बदल की

मअन एक हूर इस रोजन में आ कर मुस्कुराती है
इशारो से मुझे अपनी घटाओ में बुलाती है - जोश मलीहाबादी
मायने
दिलसिता = दिल को लुभाने वाला, काफ़िर = प्रेयसी को कहा गया है, फलक = आसमाँ, दफ़तन = यकायक, मअन = इतने में, रोजाना = सुराख़


hawaye dilsita jab raag sawan ke sunati hai

hawaye dilsita jab raag sawan ke sunati hai
kisi kafir ki jab rah-rah ke dil me yaad aati hai

simat jati hai, jab bijli dikha kar abr se jhalki
falak par daftan jab saans ruk jati hai badal ki

maan ek hoor is rojan me aa kar muskurati hai
isharo se mujhe apni ghatao me bulati hai - Josh Malihabadi

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