दोस्त है, हमदर्द है, घर-बार है - बालस्वरूप राही

दोस्त है, हमदर्द है, घर-बार है क्या करें लेकिन फिज़ा बीमार है क्या उडाएँ यार छुट्टी का मज़ा ज़िंदगी कर्फ्युं लगा इतवार है

दोस्त है, हमदर्द है, घर-बार है

दोस्त है, हमदर्द है, घर-बार है
क्या करें लेकिन फिज़ा बीमार है

क्या उडाएँ यार छुट्टी का मज़ा
ज़िंदगी कर्फ्युं लगा इतवार है

काश कोई छीन ले उससे कहीं
वक़्त के हाथो में जो तलवार है

हो गई सारी सजावट उसके नाम
जिस तरफ भी देखिए बाज़ार है

सब किताबे कैद है बुकशेल्फ में
हाथ में बस आजकल अखबार है - बालस्वरूप राही


dost hai, hamdard hai, ghar-bar hai

dost hai, hamdard hai, ghar-bar hai
kya karen lekin fiza beemar hai

kya udaen yaar chhutti ka maza
zindagi karfyun laga itwar hai

kaash koi chheen le usse kahin
waqt ke hatho mein jo talwaar hai

ho gai saari sajawat uske naam
jis taraf bhi dekhiye bazaar hai

sab kitabe kaid hai bookshelf mein
haath me bas aajkal akhbaar hai - Balswaroop Rahi

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