वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है - तहज़ीब हाफ़ी

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है बिन देखे उस की तस्वीर बना लूँगा आज तो मैं ने उस को इतना देखा है

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है

वैसे मैं ने दुनिया में क्या देखा है
तुम कहते हो तो फिर अच्छा देखा है

मैं उस को अपनी वहशत तोहफ़े में दूँ
हाथ उठाए जिस ने सहरा देखा है

बिन देखे उस की तस्वीर बना लूँगा
आज तो मैं ने उस को इतना देखा है

एक नज़र में मंज़र कब खुलते हैं दोस्त
तू ने देखा भी है तो क्या देखा है

इश्क़ में बंदा मर भी सकता है मैं ने
दिल की दस्तावेज़ में लिखा देखा है

मैं तो आँखें देख के ही बतला दूँगा
तुम में से किस किस ने दरिया देखा है

आगे सीधे हाथ पे एक तराई है
मैं ने पहले भी ये रस्ता देखा है

तुम को तो इस बाग़ का नाम पता होगा
तुम ने तो इस शहर का नक़्शा देखा है - तहज़ीब हाफ़ी


waise main ne duniya mein kya dekha hai

waise main ne duniya mein kya dekha hai
tum kahte ho to phir achchha dekha hai

main us ko apni wahshat tohfe mein dun
hath uthae jis ne sahra dekha hai

bin dekhe us ki taswir bana lunga
aaj to main ne us ko itna dekha hai

ek nazar mein manzar kab khulte hain dost
tu ne dekha bhi hai to kya dekha hai

ishq mein banda mar bhi sakta hai main ne
dil ki dastawez mein likha dekha hai

main to aankhen dekh ke hi batla dunga
tum mein se kis kis ne dariya dekha hai

aage sidhe hath pe ek tarai hai
main ne pahle bhi ye rasta dekha hai

tum ko to is bagh ka nam pata hoga
tum ne to is shahar ka naqsha dekha hai - Tahzeeb Hafi

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