पतंग - प्रयाग शुक्ल

पतंग - प्रयाग शुक्ल | सर-सर सर-सर उड़ी पतंग, फर-फर फर-फर उड़ी पतंग। इसको काटा, उसको काटा, खूब लगाया सैर सपाटा।

पतंग - प्रयाग शुक्ल

सर-सर सर-सर उड़ी पतंग,
फर-फर फर-फर उड़ी पतंग।

इसको काटा, उसको काटा,
खूब लगाया सैर सपाटा।

अब लड़ने में जुटी पतंग,
अरे कट गई, लुटी पतंग।

सर-सर सर-सर उड़ी पतंग,
फर-फर फर-फर उड़ी पतंग।
- प्रयाग शुक्ल


Patang

sar sar udi patang
far far udi patang

isko kata, usko kata
khoob lagaya sair sapata

ab ladne me juti patang
are kat gai, luti patang

sar sar udi patang
far far udi patang
- Prayag Shukl

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