ऐसे सूरज आता है - श्रीप्रसाद

पूरब का दरवाज़ा खोल धीरे-धीरे सूरज गोल लाल रंग बिखरता है ऐसे सूरज आता है।

ऐसे सूरज आता है

पूरब का दरवाज़ा खोल
धीरे-धीरे सूरज गोल
लाल रंग बिखरता है
ऐसे सूरज आता है।

गाती हैं चिड़ियाँ सारी
खिलती हैं कलियाँ प्यारी
दिन सीढ़ी पर चढ़ता है।
ऐसे सूरज बढ़ता है।

लगते हैं कामों में सब
सुस्ती कहीं न रहती तब
धरती-गगन दमकता है।
ऐसे तेज़ चमकता है !

गरमी कम हो जाती है
धूप थकी सी आती है
सूरज आगे चलता है
ऐसे सूरज ढलता है।
- श्रीप्रसाद


Aise Suraj aata hai

purab ka darwaja khol
dhire-dhire suraj gol
lal rang bikharta hai
aise suraj aata hai

gati hai chidiya sari
khilti hai kaliyan pyari
din sidhi par chadhta hai
aise suraj badhta hai

lagte hai kamo me sab
susti kahin n rahti tab
dharti-gagan damkata hai
aise tej chamkata hai

garmi kam ho jati hai
dhup thaki si aati hai
suraj aage chalta hai
aise suraj dhalta hai
Shriprasad

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