बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रूरत क्या है - शाहिद कबीर

बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रूरत क्या है हम ख़फ़ा कब थे मनाने की ज़रूरत क्या है दिल से मिलने की तमन्ना ही नहीं जब दिल में हाथ से हाथ मिलाने की ज़रूरत क्या है

बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रूरत क्या है

बे-सबब बात बढ़ाने की ज़रूरत क्या है
हम ख़फ़ा कब थे मनाने की ज़रूरत क्या है

आप के दम से तो दुनिया का भरम है क़ाएम
आप जब हैं तो ज़माने की ज़रूरत क्या है

तेरा कूचा तिरा दर तेरी गली काफ़ी है
बे-ठिकानों को ठिकाने की ज़रूरत क्या है

दिल से मिलने की तमन्ना ही नहीं जब दिल में
हाथ से हाथ मिलाने की ज़रूरत क्या है - शाहिद कबीर


be-sabab baat badhane ki zarurat kya hai

be-sabab baat badhane ki zarurat kya hai
hum khafa kab the manane ki zarurat kya hai

aap ke dam se to duniya ka bharam hai qaem
aap jab hain to zamane ki zarurat kya hai

tera kucha tera dar teri gali kafi hai
be-thikanon ko thikane ki zarurat kya hai

dil se milne ki tamanna hi nahin jab dil mein
hath se hath milane ki zarurat kya hai - Shahid Kabir

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